राजस्थान में मिला मंकीपॉक्स संदिग्ध, चिकित्सा विभाग हुआ अलर्ट
- Suresh Kumar
- October 9, 2024
जयपुर : प्रदेश में मंकी पॉक्स को लेकर फिलहाल कोई रोगी सामने नहीं आया है। इस रोग को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह सतर्क और सजग है। साथ ही भारत सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित की जा रही है। जनस्वास्थ्य निदेशक डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि नागौर जिले के मौलासर का एक 20 वर्षीय युवक दुबई से सांगानेर एयरपोर्ट पहुंचा था। एयरपोर्ट पर हैल्थ ऑफिसर द्वारा की गई स्वास्थ्य जांच में उसके शरीर पर रेशेज पाए गए। इसके बाद इस युवक को आरयूएचएस अस्पताल रैफर किया गया था, जहां जांच में युवक को चिकन पॉक्स होना पाया गया था। फिर भी एहतियातन तौर पर मंकी पॉक्स की जांच के लिए युवक का ब्लड सैम्पल लेकर सवाई मानसिंह अस्पताल भेजा गया है। फिलहाल युवक की स्थिति स्थिर है। और उसका इलाज जारी है। डॉ. माथुर ने बताया कि युवक के आस—पास बैठे हुए यात्रियों की भी एयरपोर्ट अथॉरिटी के सहयोग से ट्रेसिंग की जा रही है। यदि युवक जांच में पॉजिटिव पाया जाता है तो भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी। डॉ माथुर ने यह भी कहा कि दुबई मंकी पॉक्स से प्रभावित देशों में शामिल नहीं है। लेकिन फिर भी किसी प्रकार की लापरवाही नही बरती जाएगी।
राजस्थान में मंकीपॉक्स बीमारी को लेकर अलर्ट जारी
जिस प्रकार से पिछले कुछ दिनों से विश्वभर में मंकीपॉक्स के मामले लगातार बढ़ रहे है। तो वही WHO ने भी मंकीपॉक्स बीमारी को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। इसको लेकर प्रदेश में भी मेडिकल डिपार्टमेंट ने भी बीमारी को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। डॉक्टर्स का कहनाहै की फिलहाल मंकीपॉक्स एक संक्रामक बीमारी है। जो एक वायरस के कारण होती है। इस बीमारी के लक्षण हरपीज (लंबे समय तक रहने वाली त्वचा संबंधी बीमारी)और चिकन पॉक्स (एक वायरल संक्रमण तथा अत्यधिक संक्रामक बीमारी) जैसे होते हैं। मंकीपॉक्स बीमारी के लक्षणों की बात करें तो इस बीमारी की चपेट में आने के बाद मरीज के शरीर पर मटर के दाने जितने दर्दनाक दाने निकलने के साथ ही बहुत तेज बुखार हो जाता हैं। मांसपेशियों में दर्द की शिकायत और शरीर के कई हिस्सों में में सूजन आ जाती है।
मंकीपॉक्स क्या है, और यह किस वायरस से होता है ?
मंकीपॉक्स बीमारी की पहली बार खोज 1958 में बंदरों में संक्रामक रोगों के अध्ययन के दौरान हुई थी, जबकि मानव में पहला मामला 1970 में कांगो गणराज्य में दर्ज़ किया गया था। उसके बाद, मामले ज़्यादातर मध्य और पश्चिमी अफ़्रीका के देशों तक ही सीमित रहे, जिनमें से ज़्यादातर मामले कांगो गणराज्य और नाइजीरिया में रिपोर्ट किए गए। मंकीपॉक्स ऑर्थोपॉक्सवायरस के कारण होता है।
मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स की औसतन अवधि 6-13 दिनों के बीच होती है, जिसके बाद लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं।
0-5 दिन में लक्षण
बुखार होना
सिर दर्द
दर्द एवं पीड़ा
पीठ दर्द
थकान
सूजी हुई लिम्फ नोड्स
सूजी हुई लिम्फ नोड्स वह लक्षण है जो मंकीपॉक्स को स्मॉलपॉक्स और चिकनपॉक्स से अलग करता है, क्योंकि चिकनपॉक्स में यह लक्षण नहीं होता है।
बुखार शुरू होने के बाद 1-3 दिन
रोगी के पेट पर दाने बनने की बजाय चेहरे और बांहों पर दाने बनते हैं। हालाँकि, दाने हाथ, पैर, मुँह और आँखों के आस-पास भी हो सकते हैं। यह लाल दाने और पित्ती के रूप में शुरू होता है, लेकिन ये जल्द ही स्पष्ट फुंसियों में बदल जाते हैं जो समय के साथ पीले हो जाते हैं और गंभीर मामलों में, ये फुंसियाँ काफी बड़ी हो सकती हैं।
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