International Girl Child Day 2024 : कब और क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस
- Anjali
- October 11, 2024
International Girl Child Day 2024 : लड़कियों के अधिकारों और उनकी भलाई को बढ़ावा देने के लिए हर साल 11 अक्टूबर को दुनियाभर में इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे मनाया जाता है। गर्ल चाइल्ड डे मनाने के पीछे का कारण है विश्वभर में लड़कियों के अधिकारों, चुनौतियों और अवसरों को लेकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करना है। यह दिन समाज में लड़कियों के प्रति भेदभाव और असमानता के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित करता है, साथ ही उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षित भविष्य का अवसर प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करता है। हम दुनिया भर में लड़कियों के अधिकारों, चुनौतियों और अवसरों को पहचानने के लिए अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाते हैं. यह न केवल सेक्सुअल इक्वेलिटी को बढ़ावा देता है, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षित वातावरण के उनके अधिकारों को सुनिश्चित करता है.
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस की उत्पत्ति
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस की उत्पत्ति 19 दिसंबर 2011 में हुई, जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 अक्टूबर को इसे मनाने का निर्णय लिया। इसका उद्देश्य दुनिया भर में लड़कियों के अधिकारों और उनके समक्ष आने वाली चुनौतियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। साथ ही उनके सशक्तिकरण और उनके मानवाधिकारों की पूर्ति को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था। इस दिन का जन्म इस मान्यता से हुआ कि लड़कों की तरह लड़कियाँ भी समान अवसर और अधिकार की हकदार हैं।
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस 2024: थीम
हर साल अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर अलग थीम तैयार की जाती है। साल 2024 में इस दिन की थीम 'भविष्य के लिए बालिकाओं का दृष्टिकोण' (Girls's Vision for the Future) रखी गई है। इस थीम के माध्यम से लड़कियों की आवाज को सुनने, उनके अधिकारों की रक्षा करने, और उन्हें अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रोत्साहित करने का संदेश दिया जाएगा। बता दें कि शिक्षा से लड़कियां न सिर्फ शिक्षित होती हैं बल्कि उनक् अंदर आत्मविश्वास भी पैदा होता है।
राजस्थान में हर चौथी लड़की बाल विवाह का शिकार
यह चिंता का विषय है कि राजस्थान में हर चौथी लड़की बाल विवाह का शिकार होती है। बाल विवाह सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी कई गंभीर समस्याओं को जन्म देता है। NHFS-5 सर्वे में 20 से 24 वर्ष की महिलाओं से उनकी शादी के बारे में पूछा गया तो 25 फीसदी महिलाओं ने कहा कि उनकी शादी 18 से कम उम्र में हुई है। हालांकि पिछले डेटा के हिसाब से 8 फीसदी का सुधार है, लेकिन यह काफी नहीं है। पिछले कई सालों से बाल विवाह रोकने को लेकर सरकार और सामाजिक संगठन काम कर रहे हैं। तमाम प्रयास और कानून का इस्तेमाल करने के बाद भी अगर राजस्थान में हर चौथी लड़की का बाल विवाह होता है तो यह बड़ा शर्मनाक आंकड़ा है। 5 साल में आने वाले इस सर्वे में अगर हम 10 फीसदी सुधार कर पाए हैं तो यह हमारी व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है।
अभी और काम करने की आवश्यकता
अगर बच्चियों के स्कूल ड्रॉप आउट को देखें तो बड़ी चिंता की बात है कि सरकार और सामाजिक संगठनों के प्रयास के बावजूद भी 25 फीसदी बच्चियां दसवीं से आगे पढाई नहीं कर पा रही है। कॉलेज शिक्षा का आंकड़ा तो इससे भी ज्यादा खराब है। बालिकाओं को लेकर अभी और काम करने की जरूरत हैं। सरकार को शिक्षा के मूलभूत ढांचे को मजबूत करने की जरूरत हैं। जरूरत है बेटियों को शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ सुरक्षित माहौल में मिले।
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