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दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन AIMIM में शामिल, मुस्तफाबाद से लड़ेंगे चुनाव

दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन AIMIM में शामिल, मुस्तफाबाद से लड़ेंगे चुनाव

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली में अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा करना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में दिल्ली विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) भी उतरेगी। मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र से AIMIM ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को उम्मीदवार बनाया है। ताहिर हुसैन की पत्नी शमा और बेटा शादाब आज (10 दिसंबर) असदुद्दीन ओवैसी से मिलने उनके आवास पहुंचे. इस मुलाकात के दौरान AIMIM नेता इम्तियाज जलील भी मौजूद थे।


इस मुलाकात के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया साइट 'एक्स' पर एक तस्वीर पोस्ट कर लिखा, "ताहिर हुसैन AIMIM में शामिल हो गए हैं और आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र से हमारे उम्मीदवार होंगे. उनके परिवार के सदस्य और समर्थक आज मुझसे मिले और पार्टी में शामिल हुए।"

 

जेल में बंद हैं ताहिर हुसैन
बता दें ताहिर हुसैन फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों के आरोपी हैं। वह आम आदमी पार्टी से निगम पार्षद का चुनाव जीत चुके हैं। हालांकि, दंगों में नाम आने के बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया था। हाल ही में ताहिर हुसैन को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत मिली थी। अदालत ने दिल्ली दंगों के सिलसिले में ताहिर हुसैन के खिलाफ एक प्राथमिकी रद्द कर दी थी।


यह एफआईआर 27 फरवरी 2020 को इमारत की पहली मंजिल पर दंगा और उपद्रव के मामले में पीड़ितों की शिकायत पर कराई गई थी। दिल्ली विधानसभा के लिए फरवरी 2025 में चुनाव होने हैं और आप तीसरी बार सत्ता पर कब्जा बनाए रखने की कोशिश कर रही है। साल 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 70 में से 62 पर जीत दर्ज की थी।

 

AIMIM इतने सीटों पर लड़ सकती है चुनाव
इस बीच चर्चा है कि AIMIM अगले साल फरवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में लगभग 10 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। ऐसे में मुस्लिम सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। दूसरी तरफ बीजेपी और कांग्रेस भी आगामी चुानव के लिए जोरशोर से तैयारी कर रही है।

 

 

मुस्तफाबाद में AAP की बढ़ सकती है मुश्किल 

दिल्ली की मुस्तफाबाद ऐसी सीट है जहां मुस्लिम वोट निर्णायक माने जाते हैं। यहां से आम आदमी पार्टी के हाजी यूनुस विधायक हैं। लेकिन इस बार पार्टी ने उनका टिकट काटकर आदिल खान को चुनाव मैदान में उतारा है। ताहिर हुसैन अगर मुस्लिम वोटों में बड़ी सेंध लगाते हैं तो यहां आम आदमी पार्टी मुश्किल में पड़ सकती है। 2015 में ये सीट बीजेपी के पास थी और तब जगदीश प्रधान ने जीत हासिल की थी।

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