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दिल्ली में आज पहली बार कृत्रिम बारिश का ट्रायल, मौसम अनुकूल रहा तो होगा पहला क्लाउड सीडिंग परीक्षण

दिल्ली में आज पहली बार कृत्रिम बारिश का ट्रायल, मौसम अनुकूल रहा तो होगा पहला क्लाउड सीडिंग परीक्षण

राजधानी में आज दिल्ली कृत्रिम बारिश ट्रायल (Artificial Rain Trial) होने जा रहा है। इस क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन का मकसद दिल्ली की जहरीली हवा को साफ करना और लोगों को एयर पॉल्यूशन कंट्रोल के जरिए राहत देना है। मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि अगर हालात अनुकूल रहे तो मंगलवार शाम तक दिल्ली में पहली कृत्रिम बारिश हो सकती है।

 

मंत्री सिरसा बोले – कानपुर से विमान आने के बाद होगा ट्रायल

 

दिल्ली कृत्रिम बारिश ट्रायल की जानकारी देते हुए पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि कानपुर से आने वाला विमान तैयार है। अगर विजिबिलिटी 5,000 मीटर तक पहुंची तो विमान उड़ान भरकर क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन शुरू करेगा। सिरसा ने कहा, “कानपुर विमान क्लाउड सीडिंग के लिए पूरी तैयारी में है। जैसे ही मौसम ठीक रहेगा, दिल्ली में बारिश प्रयोग शुरू किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि यह प्रयास सर्दियों में बढ़ते दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण के तहत सरकार की बड़ी रणनीति का हिस्सा है।

 

क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन से होगा कृत्रिम बारिश परीक्षण

 

जानकारी के मुताबिक, क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन के तहत हवा में मौजूद बादलों में सिल्वर आयोडाइड और सोडियम क्लोराइड जैसे कंपाउंड छोड़े जाएंगे, जिससे कृत्रिम बारिश कराई जा सके। पिछले हफ्ते दिल्ली कृत्रिम बारिश ट्रायल के लिए बुराड़ी के ऊपर टेस्ट फ्लाइट भी की गई थी। उस दौरान नमी कम होने की वजह से बारिश नहीं हो सकी थी। कृत्रिम बारिश परीक्षण के लिए सामान्य तौर पर 50% वायुमंडलीय नमी की जरूरत होती है, जबकि पिछले दिनों दिल्ली में यह मात्रा 20% से भी कम थी। अब मौसम विभाग ने बताया है कि 28 से 30 अक्टूबर के बीच हालात अनुकूल हो सकते हैं।

 

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण में होगा मददगार ये प्रयोग

 

दिल्ली में पहली कृत्रिम बारिश का यह प्रयोग राजधानी की जहरीली हवा को साफ करने में मदद करेगा। हर साल सर्दियों में बढ़ते स्मॉग और धूलकणों को कम करने के लिए यह सबसे आधुनिक तरीका माना जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, सरकार का कहना है कि एयर पॉल्यूशन कंट्रोल के लिए यह प्रयोग बड़े पैमाने पर सफल हुआ तो इसे नियमित तौर पर अपनाया जाएगा। दिल्ली कृत्रिम बारिश ट्रायल से राजधानी की एयर क्वालिटी में सुधार लाने की उम्मीद है और लोगों को सांस लेने में आसानी मिलेगी।

 

IIT कानपुर की टीम कर रही है क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन

 

दिल्ली सरकार ने कानपुर विमान क्लाउड सीडिंग की जिम्मेदारी IIT कानपुर को दी है। यह वही टीम है जिसने पहले भी कई शहरों में सफल कृत्रिम बारिश परीक्षण किए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, इस बार भी पूरा ट्रायल दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण योजना का हिस्सा है। ट्रायल के लिए कानपुर से आने वाले एयरक्राफ्ट में आधुनिक क्लाउड सीडिंग तकनीक लगाई गई है।

 

मौसम विभाग ने बताया ट्रायल के लिए सही समय

 

मौसम विभाग (IMD) ने कहा है कि 28 से 30 अक्टूबर के बीच दिल्ली में उपयुक्त बादल बनने की संभावना है। अगर नमी का स्तर ठीक रहा, तो आज शाम या रात को दिल्ली कृत्रिम बारिश ट्रायल सफल हो सकता है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी पोस्ट में लिखा कि “अगर मौसम अनुकूल रहा, तो दिल्ली में 29 अक्टूबर को पहली कृत्रिम बारिश हो सकती है।”

 

 

राजधानी में पहली बार ऐसा प्रयोग, प्रदूषण पर दिखेगा असर

 

दिल्ली में बारिश प्रयोग देश में पहली बार इस स्तर पर किया जा रहा है। सरकार का मानना है कि इससे एयर पॉल्यूशन कंट्रोल में बड़ा बदलाव आएगा। अगर क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन सफल होता है, तो आगे चलकर यह तकनीक अन्य राज्यों में भी लागू की जा सकती है।

 

क्या है क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन?

 

क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसमें विमान से बादलों में रसायन (जैसे सिल्वर आयोडाइड) छोड़े जाते हैं, ताकि बादल संघनित होकर बारिश के रूप में बरस सकें। इस तकनीक का उपयोग चीन, अमेरिका और यूएई जैसे देशों में भी प्रदूषण नियंत्रण और सूखे से निपटने के लिए किया जाता है। दिल्ली कृत्रिम बारिश ट्रायल भारत में अबतक का सबसे बड़ा प्रयोग है।

 

प्रदूषण मुक्त दिल्ली की दिशा में बड़ा कदम

 

अगर दिल्ली कृत्रिम बारिश ट्रायल सफल रहा, तो यह राजधानी के लिए एक ऐतिहासिक दिन साबित होगा। इससे दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण में नई उम्मीद जगेगी और लोगों को जहरीली हवा से राहत मिलेगी। सरकार और मंत्री सिरसा की अगुवाई में यह क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन दिल्ली के पर्यावरण इतिहास में एक बड़ा मील का पत्थर बन सकता है।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करे: The India Moves

 

 

 

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