CM MK Stalin : चंद्रबाबू नायडू से भी आगे निकले तमिलनाडू सीएम, लोगों को दी 16 बच्चे पैदा करने की सलाह
- Neha Nirala
- October 21, 2024
CM MK Stalin : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू (Andhra Pradesh CM N. Chandrababu Naidu) ने हाल ही में दक्षिण भारत के लोगों को ज्यादा बच्चे पैदा करने पर प्रोत्साहन देने की नीति बनाने की बात कही थी। अब इससे एक कदम आगे निकलते हुए तमिलनाडू के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (CM MK Stalin) ने बड़ी सलाह लोगों को दी है। उन्होंने एक कार्यक्रम के संबोधित करते हुए कहा कि तमिल में एक पुरानी कहावत है, पधिनारुम पेत्रु पेरु वज्वि वज्गा, जो दंपतियों को संतान समेत 16 संपतियों की कामना करता है। लेकिन अब ऐसे हालात बन रहे हैं कि लोकसभा क्षेत्र घटते जा रहे हैं। इससे यह सवाल उठता है कि हमें खुद को कम बच्चे पैदा करने तक ही सीमित क्यों रखना चाहिए। हम 16 बच्चे पैदा करने का लक्ष्य क्यों नहीं रखते हैं?"
जनसंख्या वृद्धि दर घटने से बूढ़ी हो रही आबादी
उधर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू (CM Chandrababu Naidu) का अपने बयान को लेकर तर्क है कि इससे बुजुर्गों की पॉपुलेशन की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही देश में बढ़ती पॉपुलेशन का मुद्दा फिर से सुर्खियों में आ गया है। बता दें कुछ समय पहले ही संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की ओर से दुनिया की आबादी का एक आंकड़ा जारी किया गया था। इसके मुताबिक विश्व की वर्तमान जनसंख्या 7.6 बिलियन है। इसमें चीन 1.4 बिलियन की आबादी के साथ पहले और भारत 1.3 बिलियन आबादी के साथ दूसरे स्थान पर है। हालांकि इस साल के आखिर तक भारत (India) पॉपुलेशन के मामले में चीन (China) को भी पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन सकता है। वहीं इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्रजनन स्तर में कमी से न केवल जनसंख्या वृद्धि की दर धीमी होती है, बल्कि आबादी भी बूढ़ी होती है। ऐसे में आइए जनसंख्या वृद्धि की दर में कमी से होने वाले नुकसानों पर भी बात कर लेते हैं।
जनसंख्या वृद्धि दर घटने के नुकसान
- मानव संसाधन में आएगी कमी
- देश में बढ़ेगी बुजुर्ग आबादी
- मानव संसाधन में कमी से GDP पर नकारात्मक असर
- देश में आश्रित आबादी का बढ़ेगा अनुपात
- राजकोष पर बढ़ेगा दबाव
पीएम मोदी ने 2047 तक भारत को 5 ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने का रखा लक्ष्य
जनसंख्या की वृद्धिदर घटने से होने वाले नुकसानों के बारे में तो आपने जान लिया। पीएम मोदी (PM Modi) 2047 तक भारत को 5 ट्रिलियन इकोनॉमी (5 Trillion Economy) बनाने की बात भी कर चुके हैं। ऐसे में क्या बढ़ी हुई आबादी इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगी, या फिर जनसंख्या नियंत्रण (Population Control) इसके लिए एक सही कदम है।
इंदिरा गांधी ने जबरन करवाई थी नसबंदी, जनता ने बदल दी थी सरकार
भारत में जनसंख्या आज से नहीं, लंबे समय से एक बड़ा मुद्दा रहा है। 80 के दशक में आपातकाल के दौरान तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए पुरुषों और महिलाओं की जबरन नसबंदी करने के आदेश दिए। हालांकि इसका नतीजा यह रहा कि जनता इंदिरा गांधी की सरकार से नाराज हो गई और उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया। इसके बाद आज तक केंद्र में कितनी ही सरकारें बदलीं, लेकिन किसी भी सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर इस तरह के सख्त कदम नहीं उठाए। बल्कि सरकार की नीति इस मामले में जनता को जागरूक करने तक ही सीमित रही। आज भारत में एक तरफ बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने की बात हो रही है, दूसरी तरफ एनडीए के सहयोगी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के बयान से नई चर्चा छिड़ गई है। ऐसे में आंध्र प्रदेश सरकार का ये विचार क्या धरातल पर लागू हो पाएगा और जिस उद्देश्य से ये फैसला लिया गया है, क्या उस लक्ष्य को हासिल कर पाएगा, यह तो समय ही बताएगा।
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