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दिल्ली यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रा हरिनी अमरसूर्या बनीं श्रीलंका की प्रधानमंत्री, जानें इनकी शिक्षा का सफर

दिल्ली यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रा हरिनी अमरसूर्या बनीं श्रीलंका की प्रधानमंत्री, जानें इनकी शिक्षा का सफर

हरिनी अमरसूर्या को श्रीलंका की नई प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है। वह श्रीलंका की प्रधानमंत्री बनने वाली तीसरी महिला हैं। राजनीति में कदम रखने से पहले, हरिनी अमरसूर्या श्रीलंका की ओपन यूनिवर्सिटी में एक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत थीं। हरिनी अमरसूर्या श्रीलंका की प्रधानमंत्री बनी हैं लेकिन पढ़ाई उन्होंने भारत से की है। उनकी एजुकेशन को देखते हुए राजनीति के साथ-साथ उन्हें उनकी शैक्षणिक योग्यता (Educational qualification) के लिए भी जाना जाता है।
हरिनी अमरसूर्या ने श्रीलंका के 16वें प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया है। उनकी उम्र 54 वर्ष है, और वह श्रीलंका की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनी हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भारत के दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 1988-89 में श्रीलंका में तमिल आंदोलन को लेकर हालात हिंसक हो गए। इस दौरान स्कूल, कॉलेज बंद हो गए। ऐसे में हरिनी अमरसूर्या आगे की पढ़ाई के लिए भारत आ गईं।

 

दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से पढ़ी हैं श्रीलंका की पीएम
वर्ष 1990 में, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित हिंदू कॉलेज (Prestigious Hindu College) में दाखिला लिया था, जहां से उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने 1991 से 1994 तक दिल्ली विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र (Sociology) में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इस दौरान चर्चित फिल्ममेकर इम्तियाज अली और पत्रकार अर्नब गोस्वामी उनके बैचमेट थे। इसके बाद, उन्होंने एडिनबर्ग विश्वविद्यालय से सामाजिक मानविकी (Social Anthropology) में पीएचडी की। अपनी शैक्षिक यात्रा के दौरान, वह श्रीलंका विश्वविद्यालय में व्याख्याता के रूप में कार्यरत रही हैं, जहां उन्होंने समाजशास्त्र और मानविकी के विषयों पर गहन शोध और शिक्षा दी।

 

DU की पूर्व प्रिंसिपल को अपनी स्टूडेंट पर गर्व
हरिनी अमरसूर्या को श्रीलंका के प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाने पर हिंदू कॉलेज की प्रिंसिपल अंजू श्रीवास्तव ने गर्व व्यक्त किया था। अंजू श्रीवास्तव ने हरिनी अमरसूर्या को कॉलेज की प्रतिष्ठित पूर्व छात्रा के रूप में सराहा और इस उपलब्धि पर गर्व महसूस किया। अंजू श्रीवास्तव ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि "यह जानना सम्मान की बात है कि एक हिंदू कॉलेज की छात्रा श्रीलंका का प्रधान मंत्री हैं। हरिनी 1991 से 1994 तक समाजशास्त्र की छात्रा थीं और हमें उनकी उपलब्धियों पर बेहद गर्व है। मुझे उम्मीद है कि हिंदू कॉलेज में उनके समय ने उन्हें आकार देने में भूमिका निभाई है सफलता की राह।

 

भारत से लौटने के बाद अमरसूर्या स्वास्थ्य से जुड़े NGO से जुड़ गईं, वहां वह सुनामी से प्रभावित हुए बच्चों की मदद करती थीं. इसके कुछ सालों बाद वह PhD की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया चली गईं. वहां से लौटने के बाद 2011 में एक कॉलेज में प्रोफेसर बनीं. साल 2019 में JVP में शामिल होकर उन्होंने राजनीति में कदम रखा. साल 2020 में उन्हें सांसद के तौर पर चुना गया, इसके बाद सितंबर 2024 में वह श्रीलंका की अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं.

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