
YEIDA बोर्ड बैठक: आगरा विकास योजना और हाथरस मास्टर प्लान को लेकर बना रोडमैप
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Shweta
- September 7, 2025
उत्तर प्रदेश में तेजी से बदलते विकास परिदृश्य को नई दिशा देने के लिए यमुना प्राधिकरण की 86वीं बोर्ड बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। इस बैठक की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने की। बैठक में न्यू आगरा मास्टर प्लान, हाथरस विकास योजना और पर्यटन को बढ़ावा देने वाले कई प्रस्तावों को हरी झंडी दिखाई गई।
पर्यटन और हेरिटेज सिटी का नया विजन
बैठक में चर्चा हुई कि यमुना प्राधिकरण की हेरिटेज सिटी परियोजना घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को नई गति देगी। इसमें मथुरा और वृंदावन जैसे धार्मिक स्थलों के साथ नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और प्रस्तावित फिल्म सिटी भी अहम भूमिका निभाएंगे। अगली बोर्ड बैठक में मथुरा को हेरिटेज सिटी के तौर पर विकसित करने के मॉडल को मंजूरी मिलने की संभावना जताई गई है।
न्यू आगरा मास्टर प्लान: 16.5 लाख जनसंख्या को ध्यान में रखकर विकास
बैठक में सबसे बड़ा फैसला न्यू आगरा मास्टर प्लान को लेकर रहा। यह योजना 14,480 हेक्टेयर भूमि पर आधारित होगी और इसमें 16.5 लाख जनसंख्या को ध्यान में रखकर विकास की योजना बनाई गई है। अंतिम रूप देने से पहले इस आगरा विकास योजना का परीक्षण दिल्ली स्थित स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर और अहमदाबाद की एक विशेषज्ञ संस्था से कराया जाएगा। इससे सुनिश्चित होगा कि शहर का विकास आधुनिक मानकों और भविष्य की जरूरतों के हिसाब से हो।
हाथरस विकास योजना को मिली मंजूरी
बैठक में हाथरस विकास योजना के लिए परामर्शदाता संस्था के चयन को मंजूरी दे दी गई। रिपोर्ट आने के बाद इस मास्टर प्लान पर तेजी से काम शुरू होगा। इससे न केवल स्थानीय लोगों का विकास होगा, बल्कि निवेश के जरिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। यमुना प्राधिकरण का मानना है कि यह योजना पूरे क्षेत्र की तस्वीर बदल देगी।
लॉजिस्टिक हब और औद्योगिक विकास
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास सेक्टर-8F में एक बड़ा लॉजिस्टिक हब विकसित करने की तैयारी है। इसके लिए भी परामर्शदाता संस्था से अध्ययन कराया जाएगा। यह कदम निवेश आकर्षित करने और क्षेत्र को औद्योगिक दृष्टि से मजबूत बनाने में मदद करेगा। साथ ही हाथरस विकास योजना के तहत भी निवेश की संभावनाओं को बढ़ाने पर जोर दिया गया।
स्मार्ट विलेज और समयबद्ध लक्ष्य
बैठक में बताया गया कि मास्टर प्लान 2041 के अंतर्गत 29 गांवों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है। इनमें से 9 गांवों में काम पूरा हो चुका है, 10 में कार्य प्रगति पर है और 10 में कार्य प्रस्तावित हैं। दिसंबर 2026 तक 125 करोड़ रुपये की लागत से यह काम पूरा कर लिया जाएगा। यह पहल आगरा विकास योजना और हाथरस विकास योजना दोनों से जुड़ी है और ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी सुविधाओं से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
संरचनात्मक सुरक्षा और विशेषज्ञ पैनल
ग्रुप हाउसिंग और व्यावसायिक भवनों के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट पॉलिसी लागू करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत IIT और NIT जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञ पैनल का हिस्सा होंगे। यह कदम न्यू आगरा मास्टर प्लान और अन्य परियोजनाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
किसानों को राहत और भूखंड आवंटन
भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को अब तक 2835.03 करोड़ रुपये का 64.7% अतिरिक्त प्रतिकर (नो लिटिगेशन इंसेंटिव) दिया जा चुका है। 29 गांवों के पात्र किसानों को 6260 आरक्षण पत्र जारी किए गए हैं, जिनमें से 4171 भूखंड आवंटित किए जा चुके हैं। बाकी आवंटन जल्द पूरे किए जाएंगे। यह प्रक्रिया भी यमुना प्राधिकरण की पारदर्शी नीति और किसानों को प्राथमिकता देने की दिशा में अहम है।
स्पष्ट है कि न्यू आगरा मास्टर प्लान, आगरा विकास योजना और हाथरस विकास योजना प्रदेश के शहरी और ग्रामीण परिदृश्य को नई दिशा देने वाले हैं। यमुना प्राधिकरण की यह पहल न केवल पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा देगी, बल्कि निवेश और बुनियादी ढांचे के विकास से लाखों लोगों की जिंदगी पर सीधा असर डालेगी।
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Frequently Asked Questions
Q1. यमुना प्राधिकरण की 86वीं बोर्ड बैठक में क्या प्रमुख फैसले लिए गए?
Ans. बैठक में न्यू आगरा मास्टर प्लान, हाथरस विकास योजना, स्मार्ट विलेज, लॉजिस्टिक हब और पर्यटन को बढ़ावा देने से जुड़े फैसले लिए गए।
Q2. न्यू आगरा मास्टर प्लान क्या है?
Ans. न्यू आगरा मास्टर प्लान 14,480 हेक्टेयर भूमि पर आधारित है, जिसमें 16.5 लाख आबादी को ध्यान में रखकर आधुनिक शहरी और बुनियादी ढांचे का विकास होगा।
Q3. हाथरस विकास योजना से स्थानीय लोगों को क्या फायदा होगा?
Ans. हाथरस विकास योजना के तहत रोजगार के नए अवसर, निवेश की संभावनाएं और स्थानीय इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा।
Q4. आगरा विकास योजना के तहत क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
Ans. आगरा विकास योजना के तहत स्मार्ट विलेज प्रोजेक्ट, सड़क चौड़ीकरण, संरचनात्मक सुरक्षा नीति और किसानों को भूखंड आवंटन जैसे कदम शामिल हैं।
Q5. किसानों को यमुना प्राधिकरण की ओर से क्या राहत मिली है?
Ans. अब तक किसानों को 2835 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त प्रतिकर और 4171 भूखंड आवंटित किए जा चुके हैं।
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