
क्या होता है ब्लैक बॉक्स? ऑरेंज रंग के डिब्बे को क्यों कहते हैं ब्लैक बॉक्स? क्या होता है रिकॉर्ड
-
Priyanka
- June 14, 2025
क्या होता है ब्लैक बॉक्स? विमान दुर्घटनाओं के रहस्यों का खुलासा करने वाली तकनीकी क्रांति
गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून 2025 को हुए एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हादसे में 241 लोगों की जान चली गई, और केवल एक यात्री, ब्रिटिश नागरिक विशाल कुमार रमेश, ही बच पाए।
इस दुर्घटना के बाद, जांच एजेंसियों ने सबसे पहले विमान के ब्लैक बॉक्स की तलाश शुरू की, क्योंकि यह विमान के अंतिम क्षणों की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। तो आइए जानते हैं कि आखिर यह ब्लैक बॉक्स क्या है और यह कैसे विमान दुर्घटनाओं के कारणों का पता लगाने में मदद करता है।
ब्लैक बॉक्स क्या होता है?
ब्लैक बॉक्स, जिसे फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) के नाम से भी जाना जाता है, एक विशेष उपकरण है जो विमान की उड़ान से संबंधित महत्वपूर्ण डेटा और कॉकपिट की बातचीत को रिकॉर्ड करता है। इसके दो मुख्य भाग होते हैं:
फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR): यह विमान की गति, ऊंचाई, दिशा, इंजन की स्थिति, और अन्य तकनीकी डेटा को रिकॉर्ड करता है।
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR): यह पायलट और सह-पायलट की बातचीत, अलार्म की आवाजें, और कॉकपिट की अन्य आवाजों को रिकॉर्ड करता है।
ब्लैक बॉक्स का रंग काला नहीं, बल्कि चमकीला नारंगी होता है ताकि दुर्घटना के बाद इसे आसानी से ढूंढा जा सके।
ब्लैक बॉक्स कैसे दुर्घटना के राज खोलता है?
जब कोई विमान दुर्घटनाग्रस्त होता है, तो सबसे पहले ब्लैक बॉक्स की तलाश की जाती है। यह दुर्घटना के कारणों का पता लगाने में मदद करता है। ब्लैक बॉक्स में रिकॉर्ड किए गए डेटा को विशेष कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर की मदद से विश्लेषित किया जाता है, जिससे यह समझा जा सकता है कि दुर्घटना से पहले विमान में क्या हुआ था।
उदाहरण के लिए, अहमदाबाद विमान दुर्घटना में, जांचकर्ताओं ने ब्लैक बॉक्स से प्राप्त डेटा के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला कि टेकऑफ़ के बाद विमान ने पर्याप्त ऊंचाई नहीं प्राप्त की, जिससे वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
ब्लैक बॉक्स की तकनीकी विशेषताएँ
सामग्री: ब्लैक बॉक्स को टाइटेनियम या स्टेनलेस स्टील जैसी मजबूत सामग्री से बनाया जाता है ताकि यह उच्च तापमान और दबाव सहन कर सके।
सिग्नल बीकन: ब्लैक बॉक्स में एक सिग्नल बीकन होता है जो पानी में गिरने पर भी 30 दिन तक अपनी लोकेशन की जानकारी देता है।
स्थायित्व: यह -55°C से लेकर +70°C तक के तापमान में काम कर सकता है और 1,000°C तक के तापमान में भी सुरक्षित रहता है।
ब्लैक बॉक्स का इतिहास
ब्लैक बॉक्स का विचार सबसे पहले 1953 में ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक डेविड वारेन ने प्रस्तुत किया था। उन्होंने महसूस किया कि कॉकपिट की आवाजों की रिकॉर्डिंग विमान दुर्घटनाओं की जांच में सहायक हो सकती है। 1956 में उन्होंने इसका प्रोटोटाइप बनाया।
ब्लैक बॉक्स विमानन सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण उपकरण है। यह न केवल दुर्घटनाओं के कारणों का पता लगाने में मदद करता है, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक सुधारों की पहचान भी करता है। अहमदाबाद विमान दुर्घटना की जांच में भी ब्लैक बॉक्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves
महत्वपूर्ण खबर
Categories
- देश (2125)
- अपराध (148)
- मनोरंजन (348)
- शहर और राज्य (339)
- दुनिया (876)
- खेल (382)
- धर्म - कर्म (648)
- व्यवसाय (182)
- राजनीति (567)
- हेल्थ (188)
- महिला जगत (55)
- राजस्थान (498)
- हरियाणा (61)
- मध्य प्रदेश (58)
- उत्तर प्रदेश (230)
- दिल्ली (261)
- महाराष्ट्र (175)
- बिहार (194)
- टेक्नोलॉजी (191)
- न्यूज़ (82)
- मौसम (109)
- शिक्षा (116)
- नुस्खे (84)
- राशिफल (380)
- वीडियो (1052)
- पंजाब (36)
- ट्रैवल (19)
- अन्य (55)
- जम्मू कश्मीर (85)
- उत्तराखंड (13)
- तेलंगाना (1)
- छत्तीसगढ (7)
- गुजरात (8)
- हिमाचल प्रदेश (1)
- पश्चिम बंगाल (8)
- असम (1)
- केरल (1)
- झारखंड (2)
- ओडिशा (0)
- त्योहार (19)
Vote / Poll
क्या राजस्थान मे बेरोजगारी का मुद्दा खत्म हो चुका है ..