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अरुण जेटली को लेकर राहुल गांधी का आरोप बेबुनियाद, रोहन जेटली ने किया खंडन

अरुण जेटली को लेकर राहुल गांधी का आरोप बेबुनियाद, रोहन जेटली ने किया खंडन

दिल्ली में आयोजित वार्षिक कानूनी सम्मेलन 2025 (Annual Legal Conference 2025) को लोकसभा नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सम्बोधित किया। इस दौरान राहुल गाँधी ने एक विवादित बयान देते हुए दावा किया कि जब वे कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे, तो अरुण जेटली जी को उन्हें  धमकाने के लिए भेजा गया था।


दरअसल, वार्षिक कानूनी सम्मेलन 2025 में राहुल गांधी ने हिस्सा लिया, जहाँ उन्होंने कृषि कानून और पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के शीर्ष नेता रहे अरुण जेटली को लेकर कहा कि जब वे कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे, तब उन्‍हें धमकाने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के दिवंगत नेता अरुण जेटली (Arun Jeitley) को भेजा गया था। उन्होंने मुझसे कहा था, ‘अगर तुम सरकार का विरोध करते रहे और कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ते रहे, तो हमें तुम्हारे खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी।’ मैंने उनकी तरफ देखा और कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि आपको पता है कि आपको किससे बात कर रहे हो।''


कृषि कानून और अरुण जेटली को लेकर राहुल गाँधी का बयान झूठा है। दिलचस्‍प बात यह है कि कृषि कानून 2020 में अमल में आया था, जबकि अरुण जेटली का निधन साल 2019 में ही हो गया था। राहुल गांधी के इस दावे पर अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली (Rohan Jeitley) ने पलटवार किया है। राहुल गांधी झूठे आरोप पर अरुण जेटली के बेटे और राज्यसभा सांसद रोहन जेटली ने राहुल गांधी के बयान को "झूठा और अपमानजनक" करार देते हुए एक लंबा ट्वीट किया।

 

राहुल गांधी झूठे आरोप पर राहुल गांधी को घेरते हुए रोहन जेटली ने लिखा कि, “राहुल गांधी अब दावा कर रहे हैं कि मेरे दिवंगत पिता अरुण जेटली ने उन्हें कृषि कानूनों को लेकर धमकाया था। मैं उन्हें याद दिला दूं कि मेरे पिता का देहांत 2019 में हो गया था। कृषि कानून 2020 में पेश किए गए थे। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरे पिता के स्वभाव में किसी को भी विरोधी विचार के लिए धमकाना नहीं था। वह एक कट्टर लोकतांत्रिक व्यक्ति थे और हमेशा आम सहमति बनाने में विश्वास करते थे।”


रोहन जेटली ने राहुल गांधी झूठे आरोप पर कहा कि, यदि कभी किसी विषय पर मतभेद होता, तो जेटली साहब का तरीका संवाद और समन्वय पर आधारित होता। “अगर ऐसी कोई स्थिति आती भी, जैसा कि राजनीति में अक्सर होता है, तो वह सभी के लिए पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर पहुँचने के लिए स्वतंत्र और खुली चर्चा का आह्वान करते। वह बस ऐसे ही थे और आज भी उनकी यही विरासत है।”

 

रोहन जेटली ने राहुल गांधी को नसीहत देते हुए कहा, “मैं राहुल गांधी की सराहना करता हूँ कि वे उन लोगों के बारे में बोलते समय सचेत रहें जो हमारे साथ नहीं हैं। उन्होंने मनोहर पर्रिकर जी के साथ भी कुछ ऐसा ही करने की कोशिश की थी, उनके अंतिम दिनों का राजनीतिकरण किया, जो उतना ही घटिया था।”

 

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Frequently Asked Questions


Q1: राहुल गांधी ने अरुण जेटली के बारे में क्या दावा किया था?
Ans. राहुल गांधी ने अरुण जेटली के बारे में क्या दावा किया कि, जब वे कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे, तो अरुण जेटली जी को मुझे धमकाने के लिए भेजा गया था।

 

Q2: रोहन जेटली ने राहुल गांधी के दावे को क्यों झूठा बताया?
Ans. रोहन जेटली ने राहुल गांधी के दावे को झूठा बताया, क्योंकि दिलचस्‍प बात यह है कि कृषि कानून 2020 में अमल में आया था, जबकि अरुण जेटली का निधन साल 2019 में ही हो गया था।


Q3: कृषि कानूनों के समय अरुण जेटली जीवित थे या नहीं?
Ans. नहीं।


Q4: अरुण जेटली का निधन कब हुआ था?
Ans. अरुण जेटली का निधन साल 2019 में ही हो गया था।


Q5: रोहन जेटली ने इस विवाद पर क्या कहा?
Ans. रोहन जेटली ने राहुल गाँधी पर पलटवार करते हुए कहा कि, मैं उन्हें याद दिला दूं कि मेरे पिता का देहांत 2019 में हो गया था। कृषि कानून 2020 में पेश किए गए थे। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरे पिता के स्वभाव में किसी को भी विरोधी विचार के लिए धमकाना नहीं था।

 

 

 

 

 

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