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पंडित छन्नूलाल मिश्र का निधन, 91 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस, पीएम मोदी ने जताया दुख

पंडित छन्नूलाल मिश्र का निधन, 91 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस, पीएम मोदी ने जताया दुख

भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रसिद्ध गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र (Pandit Chhannulal Mishra) का निधन गुरुवार यानी आज मिर्जापुर स्थित उनके निवास पर हो गया । पंडित छन्नूलाल मिश्र ने 91 साल की उम्र में अंतिम सांस ली, वहीं वह लंबे समय से बीमार थे, बीते दिनों बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के मेडिकल इंस्टीट्यूट में इलाजरत थे । पंडित छन्नूलाल मिश्र का निधन हुआ और पूरे देशभर में शोक की लहर दौड़ गई । बता दें कि पंडित छन्नूलाल मिश्र (Pandit Chhannulal Mishra) का निधन केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि भारतीय शास्त्रीय संगीत के एक युग की समाप्ति है। उनकी गायकी की ठुमरी और पुरब अंग शैली आज भी कई उभरते कलाकारों के लिए मार्गदर्शक बनी ।

नरेंद्र मोदी ने जताया शोक

पंडित छन्नूलाल मिश्र (Pandit Chhannulal Mishra) के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने अपने सोशल मीडिया के माध्यम से शोक व्यक्त किया और पोस्ट कर लिखा कि- पंडित छन्नूलाल मिश्र का निधन अत्यंत दुखद है। उन्होंने लिखा कि- वह न केवल एक महान गायक थे, बल्कि भारतीय शास्त्रीय संगीत के वैश्विक प्रतिनिधि भी थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी याद किया कि वर्ष 2014 में जब उन्होंने वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ा था, तब पंडित छन्नूलाल मिश्र (Pandit Chhannulal Mishra) उनके प्रस्तावक बने थे। नरेंद्र मोदी ने उन्हें स्वच्छ भारत अभियान के नवरत्नों में भी शामिल किया था और कहा कि- संगीत और संस्कृति के क्षेत्र में उनका योगदान अमूल्य रहेगा। वहीं पीएम मोदी ने परिजनों और प्रशंसकों के प्रति संवेदना प्रकट की ।

मणिकर्णिका घाट पर अंतिम विदाई

बताया जा रहा है कि पंडित छन्नूलाल मिश्र (Pandit Chhannulal Mishra) का निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को वाराणसी लाया जाएगा और परंपरा के अनुसार उनका अंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा, जो कि काशी का प्रमुख श्मशान स्थल है। वहीं मणिकर्णिका घाट पर अंतिम विदाई के दौरान शास्त्रीय संगीत के कई जाने-माने कलाकार, राजनीतिक हस्तियां और बड़ी संख्या में आमजन मौजूद रहेंगे । पंडित छन्नूलाल मिश्र का निधन के साथ मणिकर्णिका घाट एक और ऐतिहासिक नाम को अपनी गोद में समेट लेगा ।

आरक्षण फिल्म में भी दी आवाज

बहुआयामी प्रतिभा के धनी पंडित छन्नूलाल मिश्र (Pandit Chhannulal Mishra) ने न केवल मंचीय प्रस्तुतियों में बल्कि फिल्मों में भी अपनी कला का प्रदर्शन किया । उन्होंने प्रकाश झा की 2011 की चर्चित आरक्षण फिल्म में दो गीत- “सांस अलबेली” और “कौन सी डोर” गाए थे। वहीं आरक्षण फिल्म के इन गीतों में उनकी शास्त्रीय गायकी की छाप स्पष्ट दिखाई देती है, जिसने फिल्म को एक गहराई प्रदान की। यह आरक्षण फिल्म के माध्यम से भारतीय शास्त्रीय संगीत का सिनेमाई मंच पर प्रभावशाली प्रवेश था। आज जब हम आरक्षण फिल्म के इन गीतों को सुनते हैं, तो उनकी आवाज हमारे दिल को छू जाती है ।

पुरस्कार और सम्मान

बता दें कि पंडित छन्नूलाल मिश्र (Pandit Chhannulal Mishra) को 2010 में पद्म भूषण और 2020 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्होंने संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप, यश भारती पुरस्कार, नौशाद अवॉर्ड, बिहार संगीत शिरोमणि जैसे प्रतिष्ठित सम्मान भी प्राप्त किए । इन पुरस्कारों से स्पष्ट होता है कि भारतीय शास्त्रीय संगीत में उनका योगदान कितना व्यापक और गहरा था।


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