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विटामिन डी की अधिक मात्रा कई मायनों में आपको नुकसान पहुंचा सकती  है, जानें कैसे

विटामिन डी की अधिक मात्रा कई मायनों में आपको नुकसान पहुंचा सकती है, जानें कैसे

Vitamin D: विटामिन D हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है। यह विटामिन हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। विटामिन डी (Vitamin D) को सनशाइन विटामिन भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारी स्किन सनलाइट के एक्सपोजर (Exposure) में विटामिन डी बनाती है। विटामिन डी को हम कुछ खाद्य पदार्थों से भी पा सकते हैं। यह एक फैट-सॉल्युबल विटामिन है, जो शरीर को कैल्शियम और फॉस्फोरस एब्जॉर्ब और रिटेन करने में मदद करती है। यह दोनों हमारी हड्डियों के लिए जरूरी है। इसके साथ ही इस विटामिन के कई अन्य फायदे भी हैं। पर्याप्त विटामिन डी लेना हमारे हेल्थ के लिए महत्वपूर्ण हैं। अगर इसकी कमी के नुकसान हैं, तो अधिक मात्रा भी हानिकारक हो सकती है। आइए जानें आपको विटामिन डी की सही मात्रा क्यों लेनी चाहिए और क्या इसकी अधिक मात्रा नुकसानदायक भी हो सकती है?

 

विटामिन D शरीर के लिए कितना जरूरी है?
विटामिन D का मुख्य कार्य बॉडी में कैल्शियम को अब्जॉर्ब करना है। यह हड्डियों, दांतों और मसल्स को मजबूत बनाने, सेल्स ग्रोथ व ब्लड प्रेशर रेगुलेशन में मदद करता है। इसकी कमी होने पर बॉडी कैल्शियम को अब्जॉर्ब नहीं कर पाती है, जिससे हड्डियां कमजोर होने के साथ कई अन्य प्रॉब्लम्स होने लगती हैं।

विटामिन डी की अधिक मात्रा कई मायनों में आपको नुकसान पहुंचा सकती  है, जानें कैसे

बॉडी को कितनी विटामिन D की जरूरत होती है?
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में पब्लिश स्टडी के मुताबिक, एक स्वस्थ व्यक्ति के ब्लड में 20 ng/ml (नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर) विटामिन D को सामान्य लेवल माना जाता है। 50 ng/mL से ज्यादा लेवल को अधिक माना जाता है। वहीं 12 ng/mL से कम होने पर विटामिन D डेफिशिएंसी हो सकती है। ‘इंडियन जर्नल ऑफ एंडोक्रोनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म’ में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, आमतौर पर धूप से विटामिन D की कमी को पूरा किया जा सकता है। एक स्वस्थ व्यक्ति को विटामिन D का लेवल मेंटेन रखने के लिए रोज 1 घंटे धूप की जरूरत है।

विटामिन डी की अधिक मात्रा कई मायनों में आपको नुकसान पहुंचा सकती  है, जानें कैसे

विटामिन डी की सही मात्रा क्यों लेनी चाहिए?
हेल्थ लाइन के अनुसार विटामिन डी की सही मात्रा हमारे लिए बहुत जरूरी है. इसकी कमी होने से बोन डेंसिटी कम हो सकती है, जिससे फ्रैक्चर या ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं हो सकती है. इसकी बहुत अधिक कमी से अन्य डिजीज भी हो सकती हैं. बच्चों में यह रिकेट्स का कारण बन सकती है जो एक दुर्लभ बीमारी है. अगर शरीर में पर्याप्त विटामिन डी नहीं होगा, तो हड्डियां पतली और भंगुर हो सकती है. यानी बहुत जल्दी टूट सकती हैं.

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क्या विटामिन डी की अधिक मात्रा नुकसानदायक हो सकती है?
मायो क्लिनिक की मानें तो शरीर में विटामिन डी की अधिक मात्रा के कारण होने वाली समस्या को विटामिन डी टॉक्सिसिटी कहा जाता है. यह एक गंभीर और दुर्लभ समस्या है. विटामिन डी टॉक्सिसिटी आमतौर पर विटामिन डी सप्लीमेंट्स की अधिक डोज के कारण होती है. यह परेशानी डाइट या सन एक्सपोजर से नहीं होती. ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारी बॉडी सन एक्सपोजर में आने से प्रोड्यूज होने वाली विटामिन डी की मात्रा को नियंत्रित करती है. यहां तक की फोर्टिफाइड फूड्स में भी अधिक मात्रा में विटामिन डी नहीं होता है. शरीर में विटामिन डी की अधिक मात्रा होने से वोमिटिंग, कमजोरी और लगातार यूरिनेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसके साथ ही इससे बोन पेन और किडनी प्रॉब्लम्स भी हो सकती हैं. इसके उपचार में डॉक्टर रोगी को विटामिन डी इंटेक को रोकने और डाइटरी कैल्शियम को सीमित मात्रा में लेने की सलाह देंगे. इसके साथ ही रोगी को कुछ दवाईयां भी दी जा सकती हैं.

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