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कैंसर को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू के दावे आखिर कितने सच,  जानें कैंसर के बड़े डॉक्टर्स से

कैंसर को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू के दावे आखिर कितने सच, जानें कैंसर के बड़े डॉक्टर्स से

Navjot Singh Sidhu Wife Cancer Cure: कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू कैंसर के इलाज के बारे में अपने बड़े दावों को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा है कि उनकी पत्नी का कैंसर नीम, हल्दी, नींबू, पानी, चुकंदर जैसी खाने की चीजों से ठीक हुई है। दरअसल सिद्धू का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पत्नी नवजोत कौर का कैंसर एक खास घरेलू डाइट से ठीक हुआ है। कैंसर के इलाज को लेकर किए गए दावों को देश के कई बड़े डॉक्टरों और चिकित्सा विशेषज्ञों ने पहले ही पूरी तरह से खारिज कर दिया है। जिसके बाद टाटा मेमोरियल अस्पताल के डायरेक्टर ने सिद्धू को इसी बयान पर घेरते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी थी कि कैंसर रोगी ऐसे किसी भी 'अप्रमाणित उपचार' पर भरोसा करने की गलती न करें।

 

कैंसर से जूझ रही सिद्धु की पत्नी
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था कि उनकी पत्नी नवजोत कौर स्टेज-4 के कैंसर से जूझ रही थीं। जिसको ठीक करने में शुगर, डेयरी प्रोडक्ट से परहेज और हल्दी व नीम का सेवन कारगर साबित हुए हैं। इस पर टाटा मेमोरियल अस्पताल के डायरेक्टर का कहना है कि इन दावों के पीछे कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं। उन्होंने टाटा मेमोरियल अस्पताल के 262 वर्तमान और पूर्व कैंसर विशेषज्ञों के हस्ताक्षर किया हुआ स्टेटमेंट भी जारी किया है। इस स्टेटमेंट में कहा गया है कि हल्दी और नीम से कैंसर ठीक होने को लेकर कोई क्लीनिकल डेटा उपलब्ध नहीं हैं।

 

हल्दी-नीम से नहीं ठीक होता कैंसर
डॉक्टर ने कहा कि चाहे कैंसर जैसे भी ठीक हुआ हो हम नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी को शुभकामनाएं देते हैं लेकिन सिद्धू ने क्या दावा किया है, इसके बजाय विज्ञान क्या कहता है, इस संबंध में हम लोगों को बताना चाहेंगे। सबसे पहले तो विज्ञान में आज तक कोई ऐसी रिसर्च नहीं है जिसमें कहा गया हो कि नींबू-पानी या नीम-हल्दी से कैंसर ठीक हो सकता है। इसलिए हर किसी को यह बात अच्छी तरह गांठ बांध लेनी चाहिए। अगर कैंसर के लक्षण दिखते हैं तो सबसे पहले कैंसर स्पेशलिस्ट के पास जाएं। अगर कोई सिद्धू जी का बात को मान लें और नींबू-पानी या हल्दी-नीम से कैंसर को ठीक करने लगे तो यह उनके लिए बेहद हानिकारक साबित होगा।

 

5 साल से पहले कैंसर फ्री कंफर्म हो ही नहीं सकता
दरअसल, नवजोत सिंह सिद्धू ने बताया कि उनकी पत्नी ब्रेस्ट कैंसर के चौथे स्टेज में थीं और अब कैंसर से पूरी तरह फ्री हो गई। डॉक्टर ने बताया कि कैंसर को डिटेक्ट करने का अब तक का पूरी दुनिया में जो सबसे एडवांस टेक्नोलॉजी है, वह है पैट सीटी स्कैन। पैट सीटी स्कैन में 5 मिलीमीटर यानी आधे सेंटीमीटर से ज्यादा में कैंसर कोशिकाएं होती है, तभी यह पकड़ में आती है। अगर इससे कम है तो कैंसर कोशिकाओं की मौजूदगी को परखा नहीं जा सकता है। ऐसे में यदि किसी मरीज का पैट सीटी स्कैन नॉर्मल है तो यह नहीं कहा जा सकता है वह कैंसर से पूरी तरह क्योर हो गया है या मुक्त हो गया है। ऐसे में अगर 5 एमएम से कम एरिया में कैंसर की एक कोशिकाएं भी जिंदा है तो इसे 5 साल के बाद उभरने की आशंका है। ब्रेस्ट कैंसर के मामले में तो 10 साल के बाद भी कैंसर वापस आ जाती है।

 

कब कैंसर हो जाता है क्योर
आज तक कोई तरीका नहीं है जिसमें 5 साल से पहले यह कहा जाए कि अब यह कैंसर फ्री हो गया। इसलिए जब पैट सीटी स्कैन नॉर्मल होता है तो इसे क्योर नहीं कहा जाता है, यह रेमीशन होता है। अगर पांच साल बाद भी पैट सीटी स्कैन नॉर्मल आया तब बोलते हैं अब इसका कैंसर क्योर हो गया। यानी अब कैंसर नहीं होगा।

 

नीम-हल्दी नहीं डॉक्टर के पास जाएं
डॉक्टर्स के मुताबिक मुश्किल यह है कि वैक्लपिक चिकित्सा पद्धिति इसी लैब रिसर्च को पढ़कर दावा करने लगते हैं कि हल्दी या नीम से कैंसर को हराया जा सकता है। जबकि होना यह चाहिए कि उन्हें पूरी रिसर्च का इंतजार करना चाहिए और उसके बाद इसे अपनाना चाहिए। इसलिए यह कह देना कि हल्दी और नीम से कैंसर खत्म हो जाता है पूरी तरह से गलत है। न सिर्फ गलत है बल्कि हानिकारक भी है। ऐसे में अगर कैंसर के लक्षण दिखते हैं तो तुरंत उन्हें डॉक्टर के पास जाना चाहिए। अगर शुरुआती दौर में कैंसर है तो इसका पूरा इलाज किया जा सकता है।

 

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