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झाग के सैलाब में बदली दिल्ली की यमुना, लेकिन फोम वाले पानी का इलाज क्या?

झाग के सैलाब में बदली दिल्ली की यमुना, लेकिन फोम वाले पानी का इलाज क्या?

New Delhi : राजधानी दिल्ली में यमुना नदी में जहरीले झाग की समस्या हाल ही में चर्चा का विषय बनी हुई है। यमुना नदी में जहरीले झाग की समस्या को अंतरिक्ष से सैटेलाइट इमेजरी में भी कैद किया गया है। तस्वीरों में दक्षिण पूर्वी दिल्ली के ओखला इलाके में एक दूसरे से करीब 3 किमी दूरी पर स्थित दो बैराजों के पास यमुना नदी में झाग बहता हुआ दिखाई दे रहा है। इन दिनों सोशल मीडिया पर भी इससे जुड़े वीडियोज वायरल हुए, जिनमें नदी के बड़े हिस्से में झाग दिखाई दे रहा था, जो पानी के ऊपर बादलों जैसा लग रहा था। आइए जानते हैं कि इस स्थिति पर एक्सपर्ट्स का क्या कहना है और किस तरह की तकनीकों से इस तरह के गंदे को पानी को साफ किया जा सकता है।

 

यमुना में कहां से आया इतना झाग
ओखला बैराज के पास यमुना में झाग बनने के पीछे कई वजहें हैं, जिनमें बैराज के कैचमेंट एरिया में जलकुंभी का होना भी शामिल है, जो सर्फेक्टेंट छोड़ता है। इसके अलावा 18 नालों से आने वाला सीवेज बिना ट्रीटमेंट के नदी में छोड़ा जाता है। समस्या तब और बढ़ जाती है, जब उत्तर प्रदेश में चीनी और कागज मिलों से निकलने वाले औद्योगिक अपशिष्टों का हिंडन नहर में छोड़ा जाना एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है। ये प्रदूषक (Pollutants), फॉस्फेट और डिटर्जेंट युक्त अपशिष्टों के साथ बैराज के स्पिलवे से गुजरते हैं, जिसके कारण झाग बनता है और यमुना के ऊपर जहरीली सफेद चादर दिखती है।

 

हेल्थ के लिए खतरनाक है यमुना का पानी
यमुना नदी के प्रदूषित जल के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, खासकर त्योहारों के मौसम के आने पर। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) ने कहा कि शहर की स्थिति पर सरकार बारीकी से नजर रख रही है. पार्टी ने एक बयान में कहा, "अधिकारियों ने इस समस्या से निपटने के लिए पहले ही डिफोमर्स का छिड़काव शुरू कर दिया है और सरकार स्थिति को संभालने और हल करने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठा रही है।"

एजेंसी के मुताबिक, साउथ एशिया नेटवर्क ऑन डैम्स, रिवर्स एंड पीपल (SANDRP) के एसोसिएट कोऑर्डिनेटर भीम सिंह रावत ने बताया कि आमतौर पर यमुना के ऊपरी हिस्से में बाढ़ की स्थिति बनी रहती है, लेकिन इस साल हाल ही में खत्म हुए दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान ऐसी कोई स्थिति नहीं बनी।

 

इंजीनियर्स को सौंपा गया है निगरानी का काम
आम आदमी पार्टी ने ओखला और आगरा नहर बैराज पर ऑपरेशन की निगरानी के लिए सरकारी इंजीनियरों को जिम्मेदारी सौंपी है। इसमें बैराज के गेट खुलने के समय की निगरानी करना, उच्च अधिकारियों को नियमित अपडेट देना, इंजीनियरों को हर दो घंटे में कालिंदी कुंज में यमुना के बहाव की तस्वीरें अपलोड करने का काम सौंपा गया है, जिससे निरंतर निगरानी सुनिश्चित की जा सके। एक्सपर्ट्स ने सरकार से नदी में प्रदूषण के स्तर को कम करने का आग्रह किया है, खासकर तब जब छठ पूजा जैसे प्रमुख त्यौहार नजदीक आ रहे हैं।

 

पर्यावरण विशेषज्ञों का यह कहना सही है कि यमुना नदी में दिखाई देने वाले इस तीखे झाग में अमोनिया और फॉस्फेट की उच्च मात्रा होती है। ये रासायनिक तत्व स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकते हैं। इस तरह का झाग तब बनता है, जब सड़ते हुए पौधों और प्रदूषकों से निकलने वाली चर्बी पानी में मिल जाती है, लेकिन मानसून के दौरान इसकी मौजूदगी चौंकाने वाली है। एक अन्य विशेषज्ञ ने कहा कि झाग बनने की वजह से बाढ़ की अनुपस्थिति है, जो आमतौर पर प्रदूषकों को बहा ले जाती है।

 

कैसे साफ होगा यमुना का गंदा पानी?
पिछले साल दिल्ली सरकार ने शहर के मुख्य नालों को साफ करने और यमुना में केवल ट्रीटेड पानी ही प्रवाहित करने के लिए पांच सूत्री कार्ययोजना तैयार की थी।

योजना के मुताबिक, नजफगढ़, सप्लीमेंट्री और शाहदरा नालों में 10 अलग-अलग स्थानों पर इन-सीटू ट्रीटमेंट जोन बनाए जाने का प्लान बनाया गया था। इसमें कहा गया था कि इन-सीटू ट्रीटमेंट विधियों में फ्लोटिंग बूम, वीयर, एयिरेशन डिवाइस और फ्लोटिंग वेटलैंड शामिल होंगे और अपशिष्ट जल में फॉस्फेट की मात्रा को कम करने के लिए रणनीतिक स्थानों पर रासायनिक खुराक दी जाएगी।

इस दौरान यह भी जानकारी सामने आई थी कि सरकार ने नदी को साफ करने के लिए इन तीन नालों पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कई जगहों पर वीयर (छोटे बांध) बनाए हैं। अन्य इलाकों में एरिएशन सिस्टम और बांस फ्लोटिंग ब्वायंट और प्लास्टिक ब्वायंट लगाए गए हैं।

अरविंद केजरीवाल ने यमुना को साफ करने के लिए 2025 तक का लक्ष्य रखा है और समय सीमा को पूरा करने के लिए बेहतर कोऑर्डिनेश सुनिश्चित करने के लिए यमुना सफाई प्रकोष्ठ का गठन किया है। प्रकोष्ठ द्वारा लिए गए निर्णयों को संबंधित विभागों के सदस्यों द्वारा समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए क्रियान्वित किया जाता है।

 

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