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नेपाल में देर रात चली बैठक में बनी सहमति, सुशीला कार्की के नाम पर लगी मुहर

नेपाल में देर रात चली बैठक में बनी सहमति, सुशीला कार्की के नाम पर लगी मुहर

नेपाल (Nepal) में अंतरिम सरकार (Interim government) के गठन को लेकर देर रात तक बैठक हुई। जिसमें नेपाल सुप्रीम कोर्ट की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की (Sushila Karki) के नाम की पीएम के पद के लिए मुहर लगी। सुशीला कार्की के नेपाल PM बनने की सहमति राष्ट्रपति के अलावा प्रधान सेनापति जनरल अशोक राज सिग्देल, सुशीला कार्की, स्पीकर देवराज घिमिरे और राष्ट्रीय सभा के अध्यक्ष नारायण दहाल की उपस्थिति में बनी है। यह अंतरिम सरकार आंदोलनकारी समूह की मांगों को ध्यान में रखते हुए नए सिरे से चुनाव कराएगी।

 

राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल (Ramchandra Poudel) नेपाल की नई प्रधानमंत्री के रूप में सुशीला कार्की को शपथ दिलाएंगे। जेन-जी समर्थकों ने भी उनके नाम की सहमति दी है। नेपाल में सत्ता परिवर्तन के लिए काठमांडू के मेयर और PM पद के दावेदार बालेन शाह ने भी पीएम के लिए कार्की के नाम समर्थन किया था। अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए कुलमान घिसिंग का नाम भी चर्चा में था। नेपाल में केपी शर्मा ओली के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे को 48 घंटे हो गए हैं।


नेपाल अंतरिम सरकार के बैठक में अंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया के साथ-साथ संसद भंग करने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई, हालांकि इस विषय पर जेन-जी से मतभेद भी सामने आए। जेन ज़ी युवा ये चाहते हैं कि पहले संसद के विघटन का एलान हो और उसके बाद अतंरिम सरकार बने। जेन ज़ी प्रतिनिधि लगातार इस मांग पर अड़े रहे। हालांकि संसद के विघटन पर अभी फैसला नहीं लिया गया है।

 

कौन है सुशीला कार्की?

73 साल की सुशीला कार्की (Sushila Karki) का जन्म 7 जून 1952 को नेपाल के बिराटनगर में हुआ था। सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस भी रही हैं। 11 जुलाई 2016 को वह नेपाल सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस बनीं। हालांकि कार्की इस पद पर करीब 1 साल तक ही रहीं। इसके बाद 30 अप्रैल 2017 को उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया। इसके बाद उन्हें चीफ जस्टिस के पद से सस्पेंड कर दिया गया।


नेपाल सत्ता परिवर्तन बनाने के लिए नेपाल में दो विकल्पों पर विचार किया गया है। मौजूदा संसद को भंग करना या उसे बरकरार रखना। नेपाल के स्थानीय अखबारों के अनुसार संसद भंग करने का मुद्दा अभी भी अनसुलझा है। नेपाल में हिंसा और विरोध प्रदर्शनों का शुक्रवार को 5वां दिन है। अब तक इस आंदोलन में 34 लोगों की मौत हो चुकी है।

 

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