Dark Mode
  • day 00 month 0000
Triyugi Narayan Mandir: वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में बन रहा एक प्रमुख स्थल, धामी सरकार ने उठाया बड़ा कदम

Triyugi Narayan Mandir: वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में बन रहा एक प्रमुख स्थल, धामी सरकार ने उठाया बड़ा कदम

Triyugi Narayan Mandir: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित त्रियुगी नारायण मंदिर को अब राज्य सरकार द्वारा एक प्रमुख वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह मंदिर, जो भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह स्थल के रूप में प्रसिद्ध है, अब एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल के साथ-साथ शादियों के आयोजन के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनने की ओर अग्रसर है। यह कदम मंदिर की धार्मिक, ऐतिहासिक, और सांस्कृतिक महत्ता को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से उठाया गया है।


त्रियुगी नारायण मंदिर समुद्र तल से 1,980 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यह केदारनाथ से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मान्यता है कि यह वही स्थल है, जहां त्रेतायुग में भगवान शिव और माता पार्वती का दिव्य विवाह हुआ था। इस विवाह में भगवान विष्णु ने माता पार्वती के भाई की भूमिका निभाई थी, और विवाह की पूरी प्रक्रिया ऋषि-मुनियों की उपस्थिति में सम्पन्न हुई थी। मंदिर कत्युरी शैली की प्राचीन वास्तुकला का एक सुंदर उदाहरण है। यहां भगवान विष्णु, शिव, पार्वती और गणेश की मूर्तियां स्थापित हैं। साथ ही, यहां "अक्षय ज्योति" के रूप में विवाह के दौरान प्रज्वलित अग्नि भी अनवरत जल रही है, जो तीन युगों (सत्ययुग, त्रेतायुग और द्वापरयुग) से निरंतर प्रज्वलित मानी जाती है।

 

सरकार के इस प्रोजेक्ट के तहत निम्नलिखित योजनाएं बनाई गई हैं:
आधुनिक सुविधाओं का विकास: विवाह समारोहों के लिए भव्य मंडप, रिसेप्शन हॉल, और कैटरिंग सेवाओं की व्यवस्था की जाएगी।
प्राकृतिक सौंदर्य का संरक्षण: पर्यावरण के अनुकूल निर्माण कार्य सुनिश्चित करते हुए मंदिर के आसपास की प्राकृतिक सुंदरता को संरक्षित रखा जाएगा।
आधुनिक आवास सुविधाएं: मंदिर के पास पर्यटकों और शादी समारोह में आए मेहमानों के लिए होटलों, होमस्टे और रिसॉर्ट्स का निर्माण किया जाएगा।
परिवहन सुविधाएं: मंदिर तक पहुंचने के लिए सड़कों का विस्तार और अन्य परिवहन सेवाओं को बेहतर बनाया जाएगा।

 

धार्मिक और सांस्कृतिक आकर्षण
त्रियुगी नारायण मंदिर के पास स्थित तीन पवित्र कुंड (रुद्र कुंड, ब्रह्मा कुंड और विष्णु कुंड) यहां आने वाले भक्तों और पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण हैं। इन कुंडों का जल पवित्र और औषधीय गुणों से युक्त माना जाता है। यह स्थान धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है, और यहां विवाह संपन्न करना एक शुभ कार्य माना जाता है। पहले से ही कई जोड़े यहां पारंपरिक हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह करते हैं, और सरकार की यह पहल इसे एक संगठित और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में मददगार साबित होगी।

 

पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा
सरकार का यह कदम न केवल इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा। रिसॉर्ट्स, होमस्टे, गाइड सेवाओं, और स्थानीय कला व हस्तशिल्प (Handicrafts) की मांग बढ़ने से आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा. त्रियुगी नारायण मंदिर के आसपास के गांवों के लोग इस योजना से उत्साहित हैं। उनका मानना है कि इस पहल से क्षेत्र की धार्मिक और पौराणिक महत्ता को वैश्विक मंच पर स्थान मिलेगा स्थानीय निवासियों ने इस प्रोजेक्ट का स्वागत करते हुए कहा कि यह क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं में सुधार और रोजगार के अवसर पैदा करने में सहायक होगा।

 

कैसे पहुंचे त्रियुगी नारायण मंदिर
मंदिर तक पहुंचने के लिए कई मार्ग उपलब्ध हैं। हवाई मार्ग, निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट, देहरादून है, जो यहां से 244 किमी दूर है। रेल मार्ग, निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है। सड़क मार्ग, मंदिर केदारनाथ और गुप्तकाशी के पास है। वहां से घोड़े या पैदल मार्ग से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।

 

एक दिव्य अनुभव का अवसर
सरकार की योजना से इस स्थल को न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। यह परियोजना उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति और पौराणिक धरोहर को संरक्षित करते हुए इसे एक नए आयाम पर ले जाने का प्रयास है। त्रियुगी नारायण मंदिर, धार्मिकता, शांति, और प्राकृतिक सौंदर्य का ऐसा संगम है, जो हर आगंतुक के हृदय में विशेष स्थान बना लेता है।

Comment / Reply From

Vote / Poll

क्या राजस्थान मे बेरोजगारी का मुद्दा खत्म हो चुका है ..

View Results
Yes
5%
No
95%

Talk to us?