हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का 89 की उम्र में निधन, 5 बार सीएम रह चुके चौटाला
- Anjali
- December 20, 2024
Om Prakash Chautala Died: इंडियन नेशनल लोकदल के प्रमुख और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का शुक्रवार (20 दिसंबर) को निधन हो गया। 89 साल की उम्र में उन्होंने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। इनेलो सुप्रीमो को सुबह 11.30 बजे अस्पताल लाया गया था। 12 बजे के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। चौटाला के निधन से हरियाणा और देश की राजनीति में शोक की लहर है। ओम प्रकाश चौटाला सात बार के विधायक, पांच बार के सीएम रहे चुके हैं।
क्यों मशहूर हैं ओम प्रकाश चौटाला
ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के बेटे थे। ओम प्रकाश चौटाला का जन्म 1 जनवरी 1935 को हरियाणा के सिरसा जिले के चौटाला गांव में हुआ था। चौटाला हरियाणा के 7वें मुख्यमंत्री रहे। उनके पिता चौधरी देवीलाल चौटाला ने हरियाणा राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और बाद में देवीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री और भारत के उप प्रधानमंत्री भी रहे। ओम प्रकाश चौटाला ने हरियाणा के विकास में अहम भूमिका निभाई। वो ग्रामीण क्षेत्रों और किसानों के बहुत बड़े प्रशंसक थे। सत्ता में रहते हुए या विपक्ष में रहते हुए भी उनकी नीतियों और भाषणों में हमेशा यह झलकता था। उन्हें हरियाणा में सबसे सक्रिय नेता के रूप में जाना जाता था।
कैसा रहा सियासी सफर
वो पहली बार दो दिसंबर 1989 को सीएम बने और 171 दिनों तक इस पद पर रहे। इसके बाद वो 12 जुलाई 1990 को सीएम बने और पांच दिन सीएम रहे।
इसके बाद वो फिर 22 मार्च 1991 को सीएम बने और 15 दिनों तक रहे। ओम प्रकाश चौटाला फिर 24 जुलाई 1999 को सीएम की कुर्सी पर बैठे और 2 मार्च 2000 तक रहे। फिर उन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। यानि 2005 तक वो सीएम रहे।
ओम प्रकाश चौटाला के पिता चौधरी देवी लाल दो बार हरियाणा के सीएम रहे। वो पहली बार 21 जून 1977 को सीएम बने और करीब दो साल तक इस पद पर रहे। फिर वो 20 जून 1987 को सीएम बने और दो साल 165 दिन इस पद पर रहे।
इस समय चौटाला परिवार की तीसरी पीढ़ी हरियाणा की राजनीति में है। चौटाला परिवार इन दिनों दो गुटों में बंटा है। ओपी चौटाला के बेटे अजय सिंह चौटाला ने जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) बनाई है। वहीं दूसरे बेटे अभय सिंह चौटाला उनके साथ रहे। हाल के चुनाव में INLD और जेजेपी दोनों ही दलों को बड़ा झटका लगा।
अलग से अपनी पार्टी बनाई थी
1996 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने हरियाणा लोक दल (राष्ट्रीय) के नाम से नई पार्टी बनाई। 1998 में लोकसभा के मध्यावधि चुनाव में बसपा से गठबंधन कर हरियाणा में पांच लोकसभा सीटें जीती। इसके बाद उनके दल को मान्यता मिली। इसके बाद उनकी पार्टी का नाम बदलकर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) कर दिया गया। 24 जुलाई 1999 में चौटाला ने चौथी बार सीएम पद संभाला था और दिसंबर 1999 में उन्होंने विधानसभा भंग करवा दी और विधानसभा चुनाव के बाद दो मार्च 2000 को चौटाला पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने। उसके बाद चौटाला पूरे पांच साल मुख्यमंत्री रहे। हालांकि, उससे बाद हरियाणा में कभी इनेलो की सरकार नहीं बनी। 2004 से ही चौटाला की पार्टी सत्ता से बाहर रही। अहम बात है कि उन्हें जेबीटी टीचर भर्ती में कोर्ट ने सजा भी सुनाई थी और वह जेल में रहे थे।
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