
CBSE 10वीं बोर्ड परीक्षा अब 2 बार – जानें पूरी डिटेल
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Priyanka
- June 25, 2025
CBSE 10वीं बोर्ड परीक्षा–2026: साल में 2 बार, हर सवाल का जवाब
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं में 2026 से साल में दो बार परीक्षा कराने की नीति पर अधिकारिक रूप से विचार शुरू कर दिया है । इससे संबंधित मसौदा अब Stakeholder से प्रतिक्रिया हेतु आमंत्रित किया जा रहा है, ताकि फीडबैक के आधार पर अंतिम रूप दिया जा सके. आइये, नए नियमों से जुड़े हर पहलू पर एक नज़र डालते हैं।
दोनों परीक्षाओं में भाग लेना आवश्यक?
- पहली परीक्षा (फरवरी) में उपस्थित होना अनिवार्य है।
- दूसरी परीक्षा (मई) वॉलंटरी होगी, जिसका उद्देश्य छात्रों को नंबर सुधारने की सुविधा देना है.
कितने विषय दोबारा दे सकते हैं?
पास या पात्र छात्र विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और भाषाओं में से अधिकतम तीन विषयों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं।
किन्हें दूसरा मौका नहीं मिलेगा?
- यदि किसी छात्र ने पहली परीक्षा में तीन से अधिक विषयों में हिस्सा नहीं लिया, तो उसे दूसरी परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी जाएगी; उसे अगली फरवरी में ही परीक्षा देनी होगी ।
- कम्पार्टमेंट-चूक वाले छात्रों के लिए (Supplementary) - जिनका रिज़ल्ट कम्पार्टमेंट रहा, वे May परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
- 10वीं उत्तीर्ण हो चुकने के बाद छात्र अतिरिक्त विषय नहीं दे सकते।
एथलीट, विंटर-स्कूल वाले: विशेष अनुमति
खेल प्रतियोगिताओं में शामिल या विंटर-बाउंड स्कूलों के छात्र दूसरी परीक्षा में शामिल हो सकते हैं.
परीक्षा तिथि और प्रक्रिया
- पहली परीक्षा: फरवरी (17 फरवरी–6 मार्च 2026)
- दूसरी परीक्षा: मई (5 मई–20 मई 2026)
- परीक्षा दोनों ही बार पूर्ण सिलेबस के आधार पर, परीक्षा केंद्रों पर कराई जाएगी.
पहलू विवरण शुल्क और जरूरी नियम
दोनों परीक्षाओं के लिए अलग से शुल्क देना होगा.
- आंतरिक मूल्यांकन - केवल एक बार (पहली ही परीक्षा के साथ) होगा
- विषय परिवर्तन - पहली परीक्षा के बाद कोई बदलाव नहीं होगा
- नामांकन (LOC) सितंबर 2025 तक फ़ाइनल सूची हो जाएगी; मई स्लॉट में नए छात्रों की अनुमति नहीं
- रिज़ल्ट - पहली परीक्षा का परिणाम अप्रैल में, दूसरी का परिणाम जून में जारी होगा
- मार्कशीट - Digilocker में पहली बार के अंकों से प्रवेश मिलता है; फ़ाइनल सर्टिफिकेट दूसरी परीक्षा के बाद जारी होगा
क्यों जरूरी बदलाव?
- NEP 2020 के अनुरूप उच्च-दबाव वाले बोर्डएग्जाम को दोहरे अवसर देकर छात्रों का तनाव कम करना है
- वैश्विक प्रतिमानों (जैसे SAT में दो-तीन बार परीक्षा देने की व्यवस्था) के अनुरूप स्कोर सुधार की सुविधा देना है
- दूसरा मौका देने से छात्रों को बीमारी, मानसिक तनाव जैसे कारणों से प्रभावित प्रदर्शन बेहतर करने की स्वतंत्रता मिलती है ।
विशेषज्ञों की राय – शुभ या चुनौतीपूर्ण?
शिक्षकों एवं अभिभावकों ने इस पहल का स्वागत किया, क्योंकि यह छात्रों को पुनः प्रयास, आत्म-सुधार, आत्मविश्वास की दिशा में आगे बढ़ाता है. लेकिन कुछ ने लॉजिस्टिक, शिक्षण आवागमन, शिक्षक भार, छुट्टियों की कमी जैसे मुद्दों की चिंता भी जताई हैं ।
2026 से CBSE कक्षा 10वाँ बोर्ड परीक्षा साल में दो बार (फरवरी व मई) आयोजित करेगी। पहली परीक्षा अनिवार्य, दूसरी वैकल्पिक होगी; May परीक्षा कम्पार्टमेंट/स्कोर सुधार में उपयोग होगी। शुल्क अलग, सिलेबस और सेंटर वही होगा, और इंरनल/प्रैक्टिकल केवल एक बार होगा। रिज़ल्ट क्रमशः अप्रैल व जून में; अंतिम सर्टिफिकेट दूसरी परीक्षा के बाद मिलेगा। यह प्रणाली छात्रों को दो चेतावनी अवसर प्रदान करती है, जो तनाव कम, प्रदर्शन सुधार और गुणवत्ता शिक्षा के लक्ष्य को साकार करती है।
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