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भारत बजट 2025 : वैश्विक स्थिति और घरेलू चुनौतियाँ

भारत बजट 2025 : वैश्विक स्थिति और घरेलू चुनौतियाँ

भारत बजट 2025: भारत के केंद्रीय बजट 2025 को लेकर जनता और एक्सपर्ट्स की निगाहें टिकी हुई हैं। यह बजट केवल आर्थिक नीतियों का लेखा-जोखा नहीं होगा, बल्कि भारत के वैश्विक कद और घरेलू अर्थव्यवस्था को गति देने वाला रोडमैप भी तय करेगा। इस बार की घोषणाएँ आपकी सैलरी, टैक्स, महंगाई और नौकरियों पर सीधा असर डाल सकती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए बजट इसीलिए भी अहम है क्योंकि इसे घरेलू अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय व्यापार और अमेरिका जैसे बड़े देशों के बदलते रुख से भी निपटना होगा।

 

1. आर्थिक मंदी से निपटना( भारत बजट 2025):

 

भारत बजट 2025 : वैश्विक स्थिति और घरेलू चुनौतियाँ

 

हाल के वर्षों में वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती का असर भारत पर भी पड़ा है। घरेलू मांग में गिरावट, स्टार्टअप सेक्टर में धीमी ग्रोथ, और बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे। उम्मीद की जा रही है कि यह बजट मध्यवर्ग को राहत देने, नए रोजगार पैदा करने और घरेलू खपत को बढ़ाने पर फोकस करेगा।

 

2. व्यापार और ट्रम्प नीतियां:

 

भारत बजट 2025 : वैश्विक स्थिति और घरेलू चुनौतियाँ

 

डोनाल्ड ट्रम्प की 'अमेरिकी फर्स्ट' नीति के तहत, अमेरिका अपने व्यापारिक हितों को प्राथमिकता दे रहा है, जिससे भारत-अमेरिका संबंधों पर असर पड़ सकता है। भारत सरकार इस नीति का मूल्यांकन कर रही है ताकि द्विपक्षीय व्यापार पर इसके प्रभावों का आकलन किया जा सके और आवश्यक रणनीतियां विकसित की जा सकें।

 

3. कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था (भारतीय बजट 2025):

 

भारत बजट 2025 : वैश्विक स्थिति और घरेलू चुनौतियाँ

 

कृषि क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, लेकिन किसानों को उचित मूल्य न मिलने, जलवायु परिवर्तन और कर्ज जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सरकार से उम्मीद है कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी, कृषि स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने और किसानों के लिए आसान ऋण योजनाओं की घोषणा करेगी।

 

बजट 2025 से संभावित उम्मीदें:

मध्यवर्ग को कर राहत(आर्थिक बजट 2025):

 

भारत बजट 2025 : वैश्विक स्थिति और घरेलू चुनौतियाँ

 

आयकर स्लैब में बदलाव की उम्मीद है, जिससे सैलरीड क्लास की जेब में अधिक पैसा आएगा और उनकी क्रय शक्ति में वृद्धि होगी। यह न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि उपभोग में भी वृद्धि करेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।

 

 

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इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल इंडिया:


स्मार्ट सिटी, हाईवे, रेलवे और 5G तकनीक के विस्तार और सुधार के लिए नीतिगत सुधार और निवेश की उम्मीद की जा रही है।

 

 

भारत बजट 2025 : वैश्विक स्थिति और घरेलू चुनौतियाँ

 

मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत:


चीन पर निर्भरता कम करने के लिए घरेलू मैन्युफैक्चरिंग और MSME सेक्टर को अधिक प्रोत्साहन मिलने की संभावना है। सरकार की नीतियों और योजनाओं का उद्देश्य भारतीय उद्योगों को सशक्त बनाना और देश को आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाना है।

 

ग्रीन एनर्जी और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स:

 

भारत बजट 2025 : वैश्विक स्थिति और घरेलू चुनौतियाँ

 

पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, अक्षय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर को समर्थन देने वाली नीतिगत सुधारों की उम्मीद है। सरकार की योजनाएं और सब्सिडी इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं, जिससे न केवल पर्यावरण को लाभ होगा, बल्कि देश की ऊर्जा सुरक्षा भी मजबूत होगी। यह कदम भारत को एक हरित और स्वच्छ भविष्य की ओर ले जाएगा।

 

युवाओं और स्टार्टअप्स के लिए योजनाएँ:


नए उद्यमियों और स्टार्टअप्स के लिए टैक्स रियायत और लोन स्कीम्स पेश की जा सकती हैं, जिससे भारत को वैश्विक स्टार्टअप हब बनाने में मदद मिलेगी।

 

 

भारत बजट 2025 : वैश्विक स्थिति और घरेलू चुनौतियाँ

 

बजट 2025 न केवल आर्थिक नीतियों का दस्तावेज होगा, बल्कि यह भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करने और घरेलू चुनौतियों का समाधान करने का रोडमैप भी प्रस्तुत करेगा। आने वाले दिनों में, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि मोदी सरकार इन उद्देश्यों को कैसे प्राप्त करती है और देश को आर्थिक प्रगति की नई ऊंचाइयों तक ले जाती है।

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