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एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ADG  दिनेश एमएन की कार्रवाई आरोपी को गुरुग्राम से किया गिरफ्तार

एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ADG दिनेश एमएन की कार्रवाई आरोपी को गुरुग्राम से किया गिरफ्तार

राजस्थान(जयपुर) : राजस्थान पुलिस मुख्यालय की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स पुलिस की टीम ने बड़ी कार्रवाई कर बेरोजगार युवकों को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर फर्जी जॉइनिंग लेटर थमा कर लाखों रुपए की ठगी करने वाले शातिर ठग दीपक कुमार मीणा पुत्र लल्लू राम (34) को गिरफ्तार किया है। आरोपी दीपक अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ थाना इलाके के गढवास कोहरा मलावली का रहने वाला है। पुलिस ने आरोपी को गुरुग्राम से डिटेन किया है। जिसे डिटेन के बाद अग्रिम कार्रवाई के लिए टोंक जिले की बरौनी पुलिस को सौंपा गया है। आरोपी दीपक पर टोंक एसपी द्वारा ₹25000 हजार का इनाम घोषित किया हुआ है। अतिरिक्त महानिदेशक एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स दिनेश एमएन ने बताया कि प्रदेश में सक्रिय गैंगस्टर हार्डकोर बदमाशों एवं लंबे समय से फरार चल रहे इनामी अपराधियों की धरपकड़ के लिए पुलिस उप महानिरीक्षक योगेश यादव व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धांत शर्मा के सुपरविजन में एजीटीएफ की टीमों को प्रदेश के अलग-अलग शहरों में भेजा गया है। उप निरीक्षक सुभाष सिंह तंवर के नेतृत्व में मंगलवार को ठगी के शातिर बदमाश दीपक मीणा को गुरुग्राम से डिटेन किया गया।

फर्जी जॉइनिंग लेटर देकर करता था लाखो की ठगी
2021 में टोक जिले के मुख्तयार नगर निवासी परिवादी देवी शंकर कीर और विजय सिंह कीर ने बरौनी थाना टोंक में एक रिपोर्ट दर्ज कराई कि दीपक कुमार मीणा, मनराज कीर व हंसराज कीर ने एफसीआई एवं भारतीय डाक विभाग में भर्ती कराने के नाम पर फर्जी जॉइनिंग लेटर देकर 10 लाख 70 हजार रुपये अपने खाते में जमा करवा कर हमारे से ठगी की है। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर अनुसंधान किया जिसके दौरान आरोपी मनराज व हंसराज निवासी मुख्त्यार नगर को गिरफ्तार कर लिया और आरोपी दीपक मीणा प्रकरण दर्ज होने के बाद से ही फरार हो गया था ।

काफी शातिर किस्म का है आरोपी दीपक मीणा
आरोपी दीपक मीणा फरारी के दौरान भी बेरोजगार युवको को अपनी टीम के माध्यम से ठगी का शिकार बनता था। मुल्जिम दीपक बहुत ही शातिर किस्म का है। वह ना तो अपने पास मोबाइल रखता है। और ना ही किसी सोशल मीडिया का प्रयोग करता है। आरोपी अपने साथी सदस्य के मोबाइल से ही सोशल मीडिया एप काम में लेता और किसी भी टीम मेंबर को अपने साथ 10 से 15 दिन से ज्यादा नही रखता था। गांव से भागने के बाद मुल्जिम दीपक गुड़गांव, दिल्ली, पटना, कानपुर व अन्य शहरों में टीम के सदस्यों के साथ रहने लगा।

वारदात का वारदात
बेरोजगार लोगों से ठगी करने के लिए इस गिरोह ने विभिन्न शहरों में नेटवर्क फैला रखा है। गिरोह के सदस्य जयपुर, दिल्ली, गुड़गांव, पटना, कानपुर व अन्य शहरों में रहकर वहां पर प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बेरोजगार व कमजोर वर्ग के छात्रों को बहला फुसलाकर कर सरकारी जॉब दिलाने के बहाने से राजी कर रुपये प्राप्त कर उन्हें फर्जी जॉइनिंग लेटर देते हैं। नौकरी ज्वाइन करने संबंधित विभाग के पास पहुंचने पर पीड़ित को पता चला की वो ठगी का शिकार हो गए ।

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