रतन टाटा अपने पीछे छोड़ गए 3800 करोड़ रुपए का कारोबार, जानिए कैसे जुड़ा टाटा सरनेम से नाता
- Neha Nirala
- October 10, 2024
Ratan Tata Biography : भारत के दिग्गज उद्योगपति और पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा (Ratan Tata) का बुधवार देर शाम 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे और उन्हें 7 अक्टूबर को ही मुंबई (Mumbai) के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। यहीं उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली।
रतन टाटा के उत्तराधिकारी को लेकर हो सकता है विवाद
रतन टाटा के निधन के बाद अब उनकी संपत्ति का अगला वारिस कौन होगा, इसे लेकर अलग-अलग अनुमान लगाए जा रहे हैं। हालांकि चर्चाएं हैं कि रतन टाटा के उत्तराधिकारी को लेकर विवाद भी हो सकता है। क्योंकि इससे पहले भी एक बार टाटा समूह (Tata Group) के उत्तराधिकार को लेकर विवाद हुआ था और मामला कोर्ट तक जा पहुंचा था।
अमीर-गरीब हर परिवार से है टाटा समूह का डायरेक्ट कनेक्शन
वहीं टाटा समूह से आपके जुड़ाव की बात करें, तो हो सकता है कि आप ये कहें कि आपके पास या आपके घर में ऐसी कौनसी चीज है जो आपको टाटा समूह से जोड़ती है ? तो हम आपको बता दें कि आपके घर की रसोई के सामान से लेकर हवाई जहाज बनाने तक टाटा समूह की की 100 से ज्यादा लिस्टेड-अनलिस्टेड कंपनियां हैं। ये कंपनियां आपके रसोई के उपकरण, बिजली उपकरण, गहने, घड़ी, स्टील, कपड़ों तक के जरिए आपसे एक जुड़ाव रखती हैं। इसके अलावा अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं, तो आपने टाटा क्लिक, टाटा नियो, स्नैपडील का नाम जरूर सुना होगा। इसके अलावा अगर आपको गाड़ियों के बारे में जानकारी रखने का शौक है तो आपने टाटा मोटर्स के अलावा, जगुआर, लैंडरोवर जैसे ब्रांड्स का नाम भी जरूर सुना होगा। ये सभी अब टाटा समूह के स्वामित्व में हैं। ऐसे में रतन टाटा अपने वारिस के लिए 3800 करोड़ की संपत्ति छोड़ गए हैं।
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4 बार हुआ प्यार, शादी एक बार भी नहीं हुई
वहीं रतन टाटा के निजी जीवन की बात करें तो देश-दुनिया में आजीवन करोड़ों लोगों की प्रेरणा रहे, लेकिन ताउम्र अकेले रहे। हालांकि अपने जीवन में उन्हें 4 बार प्यार जरूर हुआ, लेकिन शादी तक बात नहीं पहुंच पाई। एक इंटरव्यू में उन्होंने इसे लेकर बात करते हुए बताया था कि एक समय पर उन्होंने 80 के दशक की हिरोइन रहीं सिमी ग्रेवाल डेट किया था। हालांकि उनका ये रिश्ता भी ज्यादा समय तक नहीं चला, लेकिन ब्रेकअप के बाद भी दोनों अच्छे दोस्त रहे।
तंगहाली के दौर में मां ने अनाथालय में भेजा, नवल टाटा ने गोद लिया तब बने रतन टाटा
आप शायद यह नहीं जानते हों कि रतन टाटा का ब्रांड नेम टाटा से जन्म के समय दूर-दूर तक भी कोई नाता नहीं था। 1937 में 28 दिसंबर के दिन उन्होंने बॉम्बे में एक पारसी परिवार में जन्म लिया। बाद में जब उनके पिता का निधन हो गया, तो परिवार में आर्थिक संकट की स्थिति को देखते हुए उनकी मां ने उन्हें अनाथालय में भेज दिया। यहां जमशेदजी टाटा के बेटे नवल टाटा ने उन्हें गोद ले लिया। इस तरह रतन के नाम से टाटा जुड़ा।
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