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टाटा संस के पूर्व चेयरमैन का निधन

टाटा संस के पूर्व चेयरमैन का निधन

टाटा संस के पूर्व चेयरमैन के निधन से देश में छायीं शोक की लहर
टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वहीं उद्योग जगत में शोक की लहर छा गई। रतन टाटा निधन की सबसे पहले जानकारी उद्योगपति हर्ष गोयनका ने दी थी। रात 11: 24 बजे सोशल मडिया पर लिखा कि 'घड़ी की टिक-टिक बंद हो गई। टाइटन नहीं रहे। रतन टाटा ईमानदारी, नैतिक नेतृत्व और परोपकार के प्रतीक थे।'

रतन टाटा के निधन पर पीएम ने जताया शोक
नरेन्द्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर दुख जाहिर किया । वहीं कई दिग्गज लोगों ने शोक जताया है। रात करीब 2 बजे उनके पार्थिव शरीर को अस्पताल से उनके घर ले जाया गया। टाटा का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।

पद्म विभूषण से नवाजे जा चुके है रतन टाटा
उद्योगपति रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में नवल टाटा और सूनी टाटा के घर हुआ था। वर्ष 2008 में केंद्र सरकार ने टाटा को ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया था। कॉर्नेल विश्वविद्यालय में वास्तुकला में डिग्री के साथ स्नातक होने के बाद, वह भारत लौट आए और 1962 में उस समूह के लिए काम करना शुरू कर दिया, जिसे उनके परदादा ने लगभग एक सदी पहले स्थापित किया था। वहीं  रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी बनाया। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने कई बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण कर नाम कमाया है।

मुकेश अंबानी ने दी श्रद्धांजलि
मुकेश अंबानी ने शोक जताते हुए कहा- ये भारत के लिए बहुत दुखद दिन है। रतन टाटा का जाना ना सिर्फ टाटा ग्रुप, बल्कि हर भारतीय के लिए बड़ा नुकसान है। व्यक्तिगत तौर पर रतन टाटा का जाना मुझे बहुत दुख से भर गया है, क्योंकि मैंने अपना दोस्त खो दिया है। वहीं गौतम अडाणी ने कहा कि- भारत ने एक महान और दूरदर्शी व्यक्ति खो दिया है। टाटा ने मॉडर्न इंडिया के पाथ को रीडिफाइन किया। टाटा सिर्फ एक बिजनेस लीडर नहीं थे, उन्होंने करुणा के साथ भारत की भावना को मूर्त रूप दिया।

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