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दुनिया में फिर हो रही भारतीय परंपरा-संस्कृति की तारीफ, कई विकसित देशों को भी छोड़ा पीछे

दुनिया में फिर हो रही भारतीय परंपरा-संस्कृति की तारीफ, कई विकसित देशों को भी छोड़ा पीछे

Globle Issue : यूं तो कई मायनों में भारत का कोई सानी नहीं है और इसके लिए दुनियाभर में उसकी तारीफ भी होती है, लेकिन अब एक और मामले को लेकर भारत और इसकी परंपरा-संस्कृति की ग्लोबल लेवल पर तारीफ हो रही है। दरअसल एक रिपोर्ट में भारतीयों के खाने की आदतों को दुनियाभर में सबसे बेहतर बताया गया है। इस रिपोर्ट की मानें तो अगर दुनिया के सभी देश भारतीयों के खानपान की आदतें अपनाते हैं, तो इससे धरती पर ग्रीन हाउस गैसों (Green House Gas) का उत्सर्जन घटाने में मदद मिलेगी, जिससे ग्लोबल वॉर्मिंग (Globle Warming) के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। स्विट्जरलैंड स्थित वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर नाम की ये संस्था वन संपदा संरक्षण और पर्यावरण पर मानव प्रभाव को कम करने के लिए काम करती है।

 

भारत का खानपान पैटर्न अपनाने की दी गई सलाह
कल गुरुवार को जारी की गई WWF की लिविंग प्लेनेट रिपोर्ट में भारतीय खानपान (Indian Diet Pattern) के तौर-तरीकों को जी-20 देशों में सबसे टिकाऊ बताया गया है। इसमें कहा गया है कि अगर सभी देश भारत के पैटर्न को अपनाते हैं, तो साल 2050 तक पृथ्वी पर खाद्य उत्पादन का करना जलवायु के लिए सबसे कम हानिकारक होगा।

 

2050 तक 84 फीसदी संसाधनों से ही पूरी हो जाएगी हमारी जरूरत
वहीं दुनिया के अन्य देशों की बात करें तो इस रिपोर्ट में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका की स्थिति इस मामले में सबसे खराब बताई गई है। यही नहीं इस रिपोर्ट में भारत के बाजरा मिशन का खास तौर पर जिक्र किया गया है। यदि सभी देश भारत के खानपान पैटर्न को अपनाते हैं, तो 2050 तक हमारी धरती पर मौजूद 84 फीसदी संसाधन हमारी जरूरतें पूरी करने के लिए पर्याप्त होंगे। यानि इससे धरती पर मौजूद 16 फीसदी संसाधनों का उपयोग करने की जरूरत भी नहीं होगी। इससे ग्लोबल वॉर्मिंग भी कम होगी और पर्यावरण का संतुलन सुधरेगा। क्योंकि हम अपने 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य से काफी कम गर्मी उत्सर्जित करेंगे। इससे वातावरण बेहतर होगा। वहीं इसके उलट यदि दुनिया अर्जेंटीना के उपभोग पैटर्न को फॉलो करती है, तो उसे सबसे अधिक 7.4 पृथ्वी की जरूरत होगी। रिपोर्ट की मानें तो अर्जेंटीना के बाद ऑस्ट्रेलिया (6.8), यूएसए (5.5), ब्राजील (5.2), फ्रांस (5), इटली (4.6), कनाडा (4.5) और यूके (3.9) अंकों के साथ रैंक कर रहे हैं।

 

क्या है भारत की खानपान परंपरा ?
बता दें भारत में आज भी ठंडे खाने को गर्म कर खाने की बजाय खाना गर्मागर्म खाने का चलन ज्यादा है। इसके अलावा एकल परिवारों के चलने के बावजूद आज भी ज्यादातर भारतीय घरों में सभी सदस्यों का खाना एकसाथ पकाया जाता है। इससे कम ईंधन खर्च होता है, जिससे ग्लोबल वॉर्मिंग को खतरे को कम करने में मदद मिलती है।

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