Diwali 2024: दीपावली पर कारोबार में वृद्धि, 4.25 लाख करोड़ रुपये की खरीदारी; अब शादियों के सीजन पर नजर
- Anjali
- November 3, 2024
Diwali 2024: दीपावली का त्योहार न केवल परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी खुशियों की बहार लाता है। इस समय खरीदारी में भारी बढ़ोतरी होती है, जिससे रिटेल, ई-कॉमर्स, और विभिन्न उद्योगों को खासा लाभ मिलता है। इससे पहले नवरात्रों के दौरान मात्र दस दिन में लगभग 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने का अनुमान जताया गया था। वहीं अब दीवाली पर 4.25 लाख करोड़ रुपये के सामान की खरीदारी का अनुमान लगाया जा रहा है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि
त्योहारी सीजन में भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल रहा है। बता दें धनतेरस पर 6 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार हुआ और 30 टन से अधिक सोने की बिक्री हुई। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री और दिल्ली की चांदनी चौक सीट से भाजपा के लोकसभा सांसद प्रवीण खंडेलवाल के इस दावे के मुताबिक, भारतीय उत्पाद-सबका उस्ताद' ने दीवाली पर जबरदस्त धूम मचाई है। इसे ग्राहकों का खूब समर्थन मिला है। उनका कहना है कि इस बार लोगों ने चीनी उत्पादों को नकारते हुए पूरी तरह से भारतीय सामान को प्राथमिकता दी है। अब 12 नवम्बर से प्रारंभ होने वाले शादियों के सीजन पर व्यापारियों की निगाहें टिकी हैं। त्यौहारी सीजन में व्यापार की इस वृद्धि से भारतीय अर्थव्यवस्था को और भी मजबूती मिलेगी।
व्यापारियों को मिला लाभ
खंडेलवाल ने बताया, देश के लगभग हर कौने में लोगों ने जमकर दीवाली की खरीदारी की। अयोध्या में श्री राम का मंदिर बनने के बाद देश में यह पहली दीपावली है, इसके चलते भी लोगों में अधिक उत्साह देखने को मिला। बड़े कारोबारियों के साथ-साथ छोटा व्यापार करने वाले लोग जैसे कुम्हार, कारीगर एवं घरों में दीवाली का सामान बनाने वाले लोगों ने भी बड़े पैमाने पर अपने सामान की बिक्री की है। लोगों ने छोटे व्यापारियों को एक बड़ा बूस्ट प्रदान किया है। हर साल की भांति इस दीवाली पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' अभियान के तहत भारतीय सामान की खरीद में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
इन सामनों की हुई ज्यादा बिक्री
मिट्टी के दीये, भगवान की मूर्तियों, घर सजावट का सामान, वंदनवार, फूल-पत्तियां, फल एवं पूजा का सामान, बिजली की रंगबिरंगी लड़ियां, मिठाई एवं नमकीन, कपड़े, हैंडिक्राफ़्ट आइटम्स, उपहार की वस्तुओं, फुटवियर, मेकअप का सामान, कॉस्मेटिक्स, सोने चाँदी के आभूषण व दूसरा सामान और अन्य घरेलू उत्पादों की भारी मांग रही।
'वोकल फॉर लोकल' अभियान के तहत खरीदारी
कैट के पदाधिकारियों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दीवाली पर लोकल बनी वस्तुएं खरीदने का आह्वान किया गया था। इसका प्रभाव पूरे देश में दिखाई दिया है। देश के सभी शहरों के स्थानीय निर्माताओं, कारीगरों एवं कलाकारों द्वारा बनाए गए उत्पादों की भारी मात्रा में बिक्री हुई है। इससे आत्मनिर्भर भारत की एक विशिष्ट झांकी देखने को मिली है। भरतिया एवं खंडेलवाल ने बताया, इस साल भी लोगों ने चीनी उत्पादों को नकारते हुए पूरी तरह से भारतीय सामान को प्राथमिकता दी है। इससे व्यापारी उत्साहित हैं। व्यापारियों को अब देवउठनी एकादशी 12 नवंबर से शुरू होने वाले शादियों के सीजन में बड़े व्यापार की उम्मीद हैं।
दिल्ली में ही लगभग 5 हजार करोड़ रुपये का व्यापार होने की बात कही गई है। खंडेलवाल के मुताबिक, नवरात्र ,रामलीला, गरबा तथा डांडिया जैसे उत्सव, जो हर वर्ष देश भर में दस दिन तक मनाए जाते हैं, इनके चलते इस बार देशभर में व्यापारिक गतिविधियों को खासा बढ़ावा मिला है। इन उत्सवों के दौरान बाजारों में रौनक बढ़ जाती है। जहां एक तरफ व्यापारियों को काफी फायदा होता है तो वहीं दूसरी ओर, लाखों लोगों को अस्थायी रोजगार भी मिलता है।
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