
वक्फ विधेयक में बदलाव: सरकार और विपक्ष के बीच टकराव
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Manjushree
- April 2, 2025
वक्फ विधेयक में क्या है बदलाव? जिस पर मची है सियासी गहमागहमी
Waqf Bill Amendment 2025: आज 2 अप्रैल 2025 को लोकसभा में वक्फ बिल विधेयक पेश किया जाएगा। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त 2024 को यह बिल लोकसभा में पेश किया था। बाद में 8 अगस्त को जेपीसी के पास विधेयक को भेजा गया था। जेपीसी के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने वक्फ विधेयक 2025 में बदलाव पर कहा कि इस विधेयक से गरीब और पसमांदा यानि वो लोग जो पीछे छूट गए हैं, दबाए गए या सताए हुए मुसलमानों को फायदा होगा।
सरकार की ओर से पेश विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को व्यवस्थित और देखरेख करने से जुड़े मामलों और समाधान के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है। आज सदन में 8 घंटे की चर्चा होगी, जिसमें पक्ष और विपक्ष की वक्फ विधेयक पर जुबानी जंग चलेगी। चर्चा के बाद अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू बिल का जवाब देंगे। इसके बाद वक्फ विधेयक को पास कराने के लिए पार्टियों की ओर से जारी की गई व्हिप द्वारा वोटिंग होगी। सरकार और विपक्ष में वक्फ बिल पर टकराव के बीच जिसमें टीडीपी, जदयू, हम रालोद जैसे सभी सहयोगी दलों ने वक्फ विधेयक के समर्थन का ऐलान कर दिया है और अपने-अपने सांसदों के लिए व्हिप भी जारी कर दिया है। वक्फ बिल में नए कानून बन जाने के बाद वक्फ बोर्ड की संपत्ति के विवाद सुलझाने में राज्य सरकारों को पहले से अधिक शक्तियां उपलब्ध होंगी। सरकार इसे राज्यसभा में पेश करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। वहीं विपक्षी पार्टियों में वक्फ संपत्तियों पर नया कानून के बदलाव को लेकर सियासी गहमागहमी मची हुई है। वक्फ बिल के विरोध में देश के तमाम जगहों पर मुस्लिमों ने काली पट्टियां बांधकर ईद की नमाज पढ़ी थी।
वक्फ विधेयक में प्रस्तावित कानून में पहले की पुरानी मस्जिदों, दरगाहों या मुसलमानों के धार्मिक संस्थानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। विधेयक में किए गए सुधार से वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। वक्फ बोर्ड के मौजूद सदस्यों के अलावा बोर्ड में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति भी अनिवार्य होगी। और साथ ही वक्फ संपत्ति में कानूनी अधिकार, महिलाओं सहित उत्तराधिकारियों को विरासत से वंचित नहीं किया जा सकेगा।
फिलहाल तमाम राजनीतिक विवाद के बावजूद केंद्र सरकार ने मुस्लिम समाज के हित के लिए वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लोकसभा में पेश करने का निर्णय कर लिया है। अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा को विश्वास दिलाया कि सरकार का किसी भी धार्मिक संस्थान में हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है। बता दें कि विधानसभा समय-समय पर वक्फ अधिनियम में संशोधन कर सकती हैं, ताकि वक्फ के प्रशासन और प्रबंधन को बेहतर बनाया जा सके। वक्फ संपत्ति कानून में बदलाव की चर्चा पर सियासी माहौल गरमाई हुई है।
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भारत में वक्फ बोर्ड की शुरुआत
वक्फ बोर्ड 1954 में, हमारे देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में पारित किया गया, जिसका उद्देश्य वक्फ से संबंधित कार्यों को सुव्यवस्थित करना और आवश्यक कानून लागू करना था। बाद में, 1995 और 2013 में वक्फ अधिनियम में कांग्रेस की सरकार के शासन में महत्वपूर्ण संशोधन किए गए थे।
वक्फ का अर्थ
वक्फ अरबी भाषा से निकला शब्द है, जिसका उत्पत्ति 'वकुफा' शब्द से हुआ है। वकुफा का अर्थ है रोकना। इसी से बना वक्फ, जिसका अर्थ होता है, किसी संपत्ति को दान में देना, संपत्ति का उपयोग केवल पवित्र या धार्मिक कार्यों में हो, के लिए किया जा सकता है। इसकी संपत्ति को कभी भी बेचा, तोहफा में दिया, या धरोहर के रूप में नहीं दिया जा सकता। जन कल्याण के लिए जो भी दान कर दिया जाए, उसे संरक्षित करना ही वक्फ है। वक्फ में घर, खेत, जमीन-मैदान ही शामिल नहीं है, बल्कि पंखा, कूलर, साइकिल, टीवी-फ्रिज भी आ सकते हैं।

अब आइए जानें राज्य सरकार की तरफ से वक्फ विधेयक में क्या है बदलाव:
1. वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 9 और 14 में संशोधन करके वक्फ बोर्ड की संरचना में महिला प्रतिनिधियों को भी सम्मिलित किया गया है।
2. वक्फ संपत्तियों की देखरेख में प्रशासनिक निगरानी में सुधार के लिए जिला मजिस्ट्रेटों की भागीदारी बढ़ाई जाएगी।
3. राज्य वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में अब दो गैर-मुस्लिम सदस्यों की भी नियुक्ति की जाएगी।
4. वक्फ संपत्तियों के दावों के लिए अनिवार्य प्रमाणीकरण प्रक्रिया को लागू किया जाएगा, जिससे वक्फ बोर्ड की संपत्ति में पारदर्शिता बढ़ेगी और संपत्ति से जुड़े अवैध कब्जों को भी रोका जा सकेगा। पारदर्शिता के लिए सभी वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन एक केंद्रीय पोर्टल के माध्यम से करना होगा।
5. वक्फ बोर्ड में मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना अनिवार्य होगा।
6. वक्फ संपत्तियों में वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए वक्फ संपत्तियों के हिसाब की जांच प्रणाली को और बेहतर बनाया जाएगा।
7. वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए उनके डिजिटलीकरण की प्रक्रिया के जरिए सुरक्षित करना है, यानी वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड को ऑनलाइन पोर्टल पर लाना ताकि पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता बढ़े।
8. वक्फ बोर्ड की शक्तियों पर नियंत्रण लगाने के लिए कुछ प्रावधानों में बदलाव किया गया है, ताकि वे बिना उचित जांच के किसी संपत्ति को वक्फ के तहत न शामिल कर सकें।
9. वक्फ की निर्णय लेने की शक्ति को बढ़ाया जाएगा, जिससे वक्फ से संबंधित विवादित मसलों को तेजी से निपटाया जा सके।
10. राज्य सरकार को वक्फ बोर्ड के सभी सदस्यों को नियुक्त करने का अधिकार प्राप्त होगा, जिससे नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार हो सके। पहले राज्य वक्फ बोर्ड के चार से आठ सदस्य चुने जाते थे और चार राज्य सरकार द्वारा नामित किए जाते थे।
11. वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे को हटाने के लिए कानूनी प्रक्रियाओं में आवश्यक बदलाव किए गए हैं।
12. वक्फ संपत्तियों के बिना अनुमति का हस्तांतरण के लिए कड़ी सजा के प्रावधान रखे गए हैं। अगर कोई वक्फ संपत्ति को बिना उचित अनुमति के बेचता या हस्तांतरित करता है, तो उसे सजा मिल सकती है।
13. वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड को कंप्यूटरीकृत किया जाएगा, जिससे वक्फ से जुड़ी संपत्तियों का पूरा डेटा सुरक्षित हो सके।
14. वक्फ बोर्ड में प्रशासनिक सुधार के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर नियुक्त किया जाएगा, जिससे प्रशासनिक कार्यों में सुधार होगा।
आज वक्फ एक्ट संशोधन पर सरकार vs विपक्ष के मुद्दें सुनने को मिलेंगे। बतादें की सरकार की तरफ से वक्फ विधेयक में किए गए बदलावों के कारण वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और नियंत्रण में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी। हालांकि,
वक्फ विधेयक संशोधन पर राजनीति गरमाई है और विधेयक को लेकर राजनीतिक विवाद जारी है, फिर भी केंद्र सरकार ने इसे लोकसभा में पेश करने का निर्णय लिया है, और यदि यह विधेयक पारित हो जाता है, तो यह वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधारात्मक कदम होगा और मुसलमानों के धार्मिक संस्थानों के लिए अधिक सुरक्षा प्रदान करेगा। अगर यह विधेयक संसद से पास हो गया, तो मुसलमान कहेंगे मोदी है तो मुमकिन है।
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