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युद्ध लड़ने के लायक नहीं पाकिस्तान,  डूरंड लाइन को नहीं मानता- तालिबान

युद्ध लड़ने के लायक नहीं पाकिस्तान, डूरंड लाइन को नहीं मानता- तालिबान

तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच तनाव काफी बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तानी सेना के हवाई हमले में करीब 50 लोगों के मारे जाने के बाद तालिबान सेना ने भी एक बड़े हमले में पाकिस्तानी सेना के करीब 20 जवानों को मारने का दावा किया है। तालिबान ने पाकिस्तानी सेना की कई चौकियों पर भी कब्जा कर लिया। इससे पूरी दुनिया में पाकिस्तानी सेना की काफी फजीहत हुई। तालिबान सरकार ने यह भी कहा कि वह अंग्रेजों द्वारा खींची गई सीमा रेखा डूरंड रेखा को नहीं मानती। इसके जवाब में पाकिस्तानी सेना अब अफगानिस्तान का मुखिया कहे जाने वाले वखान कॉरिडोर पर नापाक कदम उठा रही है। इसके चलते तालिबान और टीटीपी के आतंकी भी हरकत में आ गए हैं।


पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक पाकिस्तानी सेना ने तालिबान से कहा है कि अगर वह डूरंड रेखा को नहीं मानते तो वह भी वखान कॉरिडोर पर अफगानिस्तान का कब्जा स्वीकार नहीं करेंगे। पाकिस्तान का कहना है कि यह वखान कॉरिडोर पाकिस्तान का हिस्सा था जिसे अंग्रेजों ने बफर जोन के तौर पर बनाया था। इसलिए वह भी वखान कॉरिडोर को नहीं मानते। अफगानिस्तान का वाखान कॉरिडोर एक तरह से उसका चिकन नेक है जो उसे सीधे चीन से जोड़ता है. यहां से चीन और अफगानिस्तान के बीच सीधा रास्ता बनाया जा रहा है, जिससे उसे पाकिस्तान की जरूरत नहीं पड़ेगी।

 

तालिबान को घेरने में जुटी आईएसआई

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ ने हाल ही में ताजिकिस्तान का दौरा किया था। पाकिस्तानी सेना ताजिकिस्तान और वहां मौजूद तालिबान विरोधी समूहों को एक साथ लाकर उस पर दबाव बनाना चाहती है। वाखान कॉरिडोर आज 4 देशों को जोड़ता है। वाखान कॉरिडोर से दो रास्ते निकलते हैं जो पाकिस्तान को जोड़ते हैं। यहां बड़े पैमाने पर पाकिस्तानी सेना तैनात है। अगर पाकिस्तान वाखान कॉरिडोर पर कब्जा कर लेता है तो ताजिकिस्तान तक उसकी सीधी पहुंच हो जाएगी। यही वजह है कि पाकिस्तान अब इस नापाक योजना पर काम कर रहा है।

 

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चीन ने इस पूरे मामले में चुप्पी साध रखी है। दूसरी तरफ तालिबान ने भी पाकिस्तानी सेना को हराने के लिए बड़ा ऐलान किया है। तालिबान ने कहा है कि अब उसके लड़ाके टीटीपी आतंकियों के साथ मिलकर पाकिस्तानी सेना पर कहीं भी हमला कर सकेंगे। अब टीटीपी और तालिबान दोनों सेनाएं पाकिस्तानी सेना को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी कर रही हैं। तालिबान के सर्वोच्च नेता ने भी इस पर मुहर लगा दी है। अगर तालिबान और टीटीपी एक साथ हमला करते हैं तो पाकिस्तानी सेना की मुश्किलें काफी बढ़ जाएंगी। इस बीच तालिबान के उप विदेश मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास ने पाकिस्तान को बड़ी धमकी देते हुए कहा है कि अफगान लड़ाके परमाणु बम की तरह हैं जो पाकिस्तान को मुश्किल में डाल सकते हैं।

 

पाकिस्तान के पीएम ने तालिबान को कुचलने की बात कही थी

इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने तालिबान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि जब तक तालिबान को कुचला नहीं जाता, पाकिस्तान आगे नहीं बढ़ सकता। यह भी कहा जा रहा है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान के वखान कॉरिडोर पर कब्जा कर रहा है। इससे तालिबान और भड़क गया है।

 

अफगान उप विदेश मंत्री ने कहा- पाकिस्तान युद्ध लड़ने के लायक नहीं

तालिबान के उप विदेश मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया कि पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट और आंतरिक अस्थिरता से गुजर रहा है। ऐसे में वह वखान कॉरिडोर पर कब्जा करने या फिर कोई और युद्ध लड़ने की स्थिति में नहीं है।

 

पाकिस्तान के इतिहास की ओर इशारा करते हुए अब्बास ने कहा कि 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। 93,000 सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था, जो आधुनिक इतिहास का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण है। उन्होंने 1973 और 1989 में जलालाबाद और कुनार की लड़ाई में पाकिस्तान की हार का भी जिक्र किया। तालिबान नेता ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी सीमाओं के बाहर युद्ध लड़ने के बजाय अपने देश में हो रहे अत्याचारों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बलूच और पश्तून समुदायों पर कथित अत्याचारों का मुद्दा उठाया। उन्होंने वाखान कॉरिडोर पर कब्जा करने की योजना को भी "मूर्खतापूर्ण विचार" बताया।

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