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India-US ट्रेड डील खतरे में? भारत ने कहा- कुछ शर्तें नामंजूर

India-US ट्रेड डील खतरे में? भारत ने कहा- कुछ शर्तें नामंजूर

भारत और अमेरिका के बीच बहुप्रतीक्षित ट्रेड डील को लेकर खींचतान अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। अमेरिका में अंतरिम व्यापार समझौते पर बातचीत के लिए गई भारतीय टीम वापस लौट आई है, लेकिन कई अहम मुद्दों पर अब तक सहमति नहीं बन पाई है। भारतीय टीम 26 जून से 2 जुलाई तक अमेरिका में थी और बातचीत का नेतृत्व वाणिज्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी राजेश अग्रवाल ने किया। हालांकि, अब ये साफ हो गया है कि कृषि और ऑटो सेक्टर जैसे मुद्दों पर भारत किसी भी तरह की ढील देने के मूड में नहीं है। अधिकारियों के मुताबिक वार्ता अंतिम चरण में है, लेकिन अभी कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर मतभेद बरकरार हैं। खास बात ये है कि डील को लेकर किसी भी तरह का ऐलान 9 जुलाई से पहले किया जा सकता है, क्योंकि ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए पारस्परिक टैरिफ का निलंबन इसी तारीख को खत्म हो रहा है।

 

सूत्रों के अनुसार, अमेरिका भारत से कुछ खास टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स, इलेक्ट्रिक वाहन, ऑटोमोबाइल, पेट्रोकेमिकल्स, वाइन और सेब-जैसी कृषि वस्तुओं पर टैरिफ रियायतें चाहता है। वहीं अमेरिका की सबसे बड़ी मांग डेयरी सेक्टर को लेकर है, लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि ये उसका रणनीतिक और संवेदनशील क्षेत्र है और इस पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। दूसरी ओर, भारत अमेरिका से रत्न-आभूषण, कपड़ा, चमड़ा, झींगा, तिलहन, अंगूर और केले जैसे उत्पादों पर शुल्क रियायत चाहता है। ऐसे में दोनों पक्ष अपनी-अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं, जिससे बातचीत में गतिरोध बना हुआ है।

 

ट्रंप ने कुछ दिन पहले दावा किया था कि भारत जल्द ही बड़ी टैरिफ कटौती करेगा और अमेरिकी मार्केट के लिए अपने दरवाजे खोलेगा, लेकिन भारत की हालिया वापसी और कड़ा रुख इस बयान को गलत साबित करता दिख रहा है। अगर सहमति नहीं बनती है, तो माना जा रहा है कि दोनों देश "मिनी ट्रेड डील" का विकल्प अपना सकते हैं, जिसमें विवादित क्षेत्रों को छोड़कर बाकी मुद्दों पर सहमति बनाई जाएगी। अब सबकी निगाहें 9 जुलाई पर टिकी हैं।

 

 

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