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अमित शाह बोले: मोदी जी और मेरा RSS से कनेक्शन, क्या ये माइनस पॉइंट है?

अमित शाह बोले: मोदी जी और मेरा RSS से कनेक्शन, क्या ये माइनस पॉइंट है?

अमित शाह ने RSS कनेक्शन और जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर किया बड़ा खुलासा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कई अहम मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी। सोमवार (25 अगस्त, 2025) को न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने 130वें संविधान संशोधन विधेयक, जगदीप धनखड़ का उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा और अपने अमित शाह मोदी आरएसएस कनेक्शन पर विस्तार से बात की।

 

130वें संविधान संशोधन पर अमित शाह की राय

 

अमित शाह ने कहा कि जब संविधान बनाया गया था, तब यह कल्पना नहीं की जा सकती थी कि कोई मुख्यमंत्री जेल से ही मुख्यमंत्री बन सके। उन्होंने बताया कि अदालत कानून की गंभीरता को समझती है और किसी को 30 दिन के भीतर इस्तीफा देना हो, तो पहले जमानत का निर्णय होना आवश्यक है।

 

उन्होंने स्पष्ट किया कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संवैधानिक संशोधन लाकर सुनिश्चित किया है कि अगर प्रधानमंत्री जेल गए, तो उन्हें भी इस्तीफा देना होगा।" यह बयान देश में संवैधानिक व्यवस्था और कानून के पालन पर बल देने वाला माना जा रहा है।

 

'क्या RSS से जुड़ाव माइनस पॉइंट है?'

अमित शाह ने मोदी और अमित शाह का RSS से जुड़ाव पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री का नरेंद्र मोदी आरएसएस कनेक्शन है और मेरा भी RSS से संबंध है। क्या देश ने हमें इसलिए चुना कि हम RSS से जुड़े हैं? क्या यह कोई माइनस पॉइंट है?"

 

अमित शाह ने आगे बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और नरेंद्र मोदी भी RSS से जुड़े रहे हैं। उनका कहना था कि अमित शाह मोदी आरएसएस कनेक्शन और राजनीतिक करियर का यह हिस्सा देश के चुनावी निर्णय में बाधक नहीं है।

 

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की असली वजह

जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने पर अमित शाह ने कहा कि इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश नहीं करना चाहिए। वे संवैधानिक पद पर थे और उन्होंने अपनी निजी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण इस्तीफा दिया। अमित शाह ने कहा, "धनखड़ अच्छे काम कर रहे थे। देश में कई पॉजिटिव स्टोरीज हैं, हमेशा नकारात्मक खबरों के पीछे नहीं जाना चाहिए।"इस बयान से स्पष्ट होता है कि मोदी और अमित शाह का RSS से जुड़ाव और नेतृत्‍व निर्णय किसी विवाद का कारण नहीं बनते।

 

राजनीतिक और संवैधानिक संदेश

इस इंटरव्यू में अमित शाह ने यह भी संकेत दिए कि राजनीतिक निर्णय और संवैधानिक सुधार दोनों ही देश की स्थिरता और लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने दोहराया कि नरेंद्र मोदी आरएसएस कनेक्शन और उनके स्वयं के RSS कनेक्शन को किसी माइनस पॉइंट के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।उनका संदेश स्पष्ट है – देश ने नेताओं को उनके अनुभव, कार्यक्षमता और नीति पर भरोसा करके चुना है, न कि केवल उनके RSS कनेक्शन की वजह से। 

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करे: The India Moves

 

 Frequently Asked Questions 

Q1. अमित शाह ने RSS को लेकर क्या बयान दिया?
Ans. अमित शाह ने कहा कि उनका और मोदी जी का RSS से जुड़ाव है, लेकिन इसे माइनस पॉइंट नहीं माना जाना चाहिए।

 

Q2. क्या मोदी जी और अमित शाह का आरएसएस से कनेक्शन माइनस पॉइंट है?
Ans. नहीं, अमित शाह के अनुसार यह किसी नकारात्मक पहलू के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।

 

Q3. भारतीय राजनीति में आरएसएस की क्या भूमिका है?
Ans. RSS भारतीय राजनीति में विचारधारा और नेताओं के प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, खासकर बीजेपी के लिए।

 

Q4. आरएसएस और बीजेपी का ऐतिहासिक संबंध क्या है?
Ans. RSS और बीजेपी का गहरा ऐतिहासिक संबंध है; कई वरिष्ठ बीजेपी नेता RSS से जुड़े हुए हैं और संगठन का मार्गदर्शन लेते रहे हैं।

 

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