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गुरमीत राम रहीम को 14वीं बार मिली पैरोल, डेरा सच्चा सौदा प्रमुख 40 दिन के लिए जेल से रिहा

गुरमीत राम रहीम को 14वीं बार मिली पैरोल, डेरा सच्चा सौदा प्रमुख 40 दिन के लिए जेल से रिहा

रोहतक जेल से 40 दिन की मिली राहत

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम एक बार फिर से सुर्खियों में है। इस बार वह रोहतक स्थित सुनारिया जेल से 40 दिन की पैरोल पर रिहा हुआ है। हैरानी की बात यह है कि बीते चार सालों में यह 14वीं बार है जब राम रहीम को फरलो या पैरोल दी गई है। रिहाई के बाद वह भारी पुलिस सुरक्षा के बीच सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय के लिए रवाना हुआ।

 

गुरमीत राम रहीम पैरोल 2025 के तहत मिली यह रिहाई एक बार फिर कई सवाल खड़े कर रही है। इससे पहले, 9 अप्रैल 2025 को उसे 21 दिन की फरलो दी गई थी, जो कि डेरा सच्चा सौदा के स्थापना दिवस से 20 दिन पहले ही थी।

 

चुनावों के दौरान भी मिली थी पैरोल

गौर करने वाली बात यह भी है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान अक्टूबर 2024 में गुरमीत राम रहीम को 30 दिन की पैरोल दी गई थी। यह पैरोल मतदान से मात्र चार दिन पहले दी गई थी। राजनीतिक विश्लेषक दावा करते हैं कि राम रहीम के अनुयायियों की संख्या इतनी अधिक है कि वह चुनावी परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं।

 

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इसी कारण गुरमीत राम रहीम को पंजाब और हरियाणा के कई नेताओं का संरक्षण मिला हुआ है। उनका डेरा न सिर्फ धार्मिक बल्कि राजनीतिक प्रभाव के लिए भी जाना जाता है।

 

कौन है गुरमीत राम रहीम और क्यों है जेल में?

गौरतलब है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को अगस्त 2017 में अपनी दो महिला अनुयायियों के साथ बलात्कार का दोषी पाया गया था। इसके लिए उसे 20 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके अलावा, 2019 में पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में भी दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

 

वर्तमान में राम रहीम रोहतक की हाई सिक्योरिटी सुनारिया जेल में बंद है। यह जेल चंडीगढ़ से करीब 250 किलोमीटर दूर स्थित है। कुछ समय पहले राम रहीम ने अपनी दत्तक बेटियों की शादी में शामिल होने की याचिका दायर की थी, जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

 

लगातार पैरोल पर सवाल

अब एक बार फिर से जब गुरमीत राम रहीम पैरोल पर बाहर आया है, तो इस पर सवाल उठने लगे हैं। आम जनता और विपक्षी दल यह पूछ रहे हैं कि आखिर क्यों एक बलात्कारी और हत्या के दोषी को बार-बार जेल से बाहर आने की अनुमति मिल रही है? क्या यह किसी राजनीतिक सौदेबाज़ी का हिस्सा है या फिर कानून का दुरुपयोग?


डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की यह 14वीं पैरोल न सिर्फ न्यायिक व्यवस्था बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े कर रही है। जहां एक ओर उसे गंभीर अपराधों में दोषी ठहराया गया है, वहीं दूसरी ओर बार-बार पैरोल पर रिहा किया जाना यह दर्शाता है कि उसका प्रभाव अभी भी कम नहीं हुआ है।

 

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Q1. गुरमीत राम रहीम कौन है?

Ans. गुरमीत राम रहीम डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख है, जिसे साध्वियों से बलात्कार और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामलों में दोषी ठहराया गया है।

 

Q2. गुरमीत राम रहीम को कितने साल की सजा हुई है?

Ans.राम रहीम को 2017 में बलात्कार के दो मामलों में 20 साल और 2019 में हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

 

Q3.क्या यह पहली बार है जब राम रहीम पैरोल पर बाहर आया है?

Ans. नहीं, पिछले चार सालों में यह 14वीं बार है जब गुरमीत राम रहीम पैरोल या फरलो पर जेल से बाहर आया है।

 

Q4.राम रहीम को पैरोल कब और कितने दिनों के लिए मिली है?

Ans. अगस्त 2025 में उसे 40 दिन की पैरोल दी गई है, जिसके तहत वह सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय गया है।

 

Q5. राम रहीम की रिहाई को लेकर विवाद क्यों है?

Ans.राम रहीम की बार-बार रिहाई पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि वह बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर अपराधों का दोषी है, फिर भी उसे बार-बार पैरोल दी जा रही है। इसके पीछे राजनीतिक हितों की भी आशंका जताई जाती है।

 

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