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नवरात्रि का आठवां दिन माँ महागौरी की पूजा से पाएं शांति, सौभाग्य और समृद्धि

नवरात्रि का आठवां दिन माँ महागौरी की पूजा से पाएं शांति, सौभाग्य और समृद्धि

नवरात्रि का आठवां दिन - माँ महागौरी

 

नवरात्रि 2025 का आठवां दिन माँ दुर्गा के आठवें स्वरूप  माँ महागौरी को समर्पित है। माँ महागौरी को सफेद वस्त्र धारण करने वाली, असीम करुणामयी और सौम्य देवी माना जाता है। उनकी पूजा और आराधना से भक्तों के जीवन में शांति, सुख, सौभाग्य और मानसिक शुद्धि आती है।

 

माँ महागौरी का स्वरूप और विशेषताएँ

 

  • रंग और रूप: माँ महागौरी का रंग श्वेत (सफेद) है, जो शांति, पवित्रता और संयम का प्रतीक है।
  • भुजाएँ: चार भुजाओं वाली माँ महागौरी के हाथों में:
  • त्रिशूल – शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक
  • डमरू या कमल – आध्यात्मिक ज्ञान और सौंदर्य का प्रतीक
  • वरमुद्रा – आशीर्वाद देने वाला हाथ
  • अभय मुद्रा – भक्तों को भयमुक्त करने वाला हाथ
  • सवारी: माँ महागौरी का वाहन सिंह है, जो साहस और शक्ति का प्रतीक है।
  • मुख और सौंदर्य: उनका चेहरा अत्यंत शांत, तेजस्वी और भक्तों में श्रद्धा जगाने वाला है।

माँ महागौरी का यह स्वरूप भक्तों को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है।

 

नवरात्रि में माँ महागौरी की पूजा क्यों की जाती है?

 

नवरात्रि के आठवें दिन माँ महागौरी की पूजा करने से:

  • जीवन में शांति और मानसिक संतुलन आता है।
  • भय और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
  • परिवार में सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आगमन होता है।
  • साधक को आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

 

माँ महागौरी की पूजा विधि

 

पूजा सामग्री:

  • माँ महागौरी की मूर्ति या तस्वीर
  • सफेद और हल्के गुलाबी फूल
  • दीपक, घी और अगरबत्ती
  • सिंदूर, हल्दी और चावल
  • फल, दूध और मिठाई

 

पूजा प्रक्रिया:

  • प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • पूजा स्थल पर माँ महागौरी की प्रतिमा स्थापित करें।
  • दीपक और अगरबत्ती जलाकर पूजा आरंभ करें।
  • सफेद और गुलाबी फूल अर्पित करें।
  • फल, दूध और मिठाई का भोग लगाएँ।
  • मंत्र का जाप करें: “ॐ देवी महागौर्यै नमः” (11 बार)
  • ध्यान और भक्ति भाव से आरती करें और प्रसाद ग्रहण करें।

 

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माँ महागौरी की कथा (Maa Mahagauri Katha)

 

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती ने कठोर तपस्या के माध्यम से अपनी शुद्धता और शक्ति प्राप्त की। गंगा में स्नान करने के समय उनका एक उज्ज्वल रूप प्रकट हुआ, जिसे महागौरी कहा गया। महागौरी अपने भक्तों के पाप और कष्टों का नाश करती हैं और उन्हें सुख, यश तथा वैभव प्रदान करती हैं। माँ महागौरी ने महिषासुर और अन्य दुष्ट शक्तियों का नाश कर धर्म और न्याय की स्थापना की। इस कारण इन्हें शांति और सौभाग्य की देवी माना जाता है।

 

माँ महागौरी मंत्र (Maa Mahagauri Mantra)

 

नवरात्रि के आठवें दिन आप माँ महागौरी के इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं:

  • ॐ देवी महागौर्यै नमः
    या देवी सर्वभूतेषु शुद्ध रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

 

माँ महागौरी का शुभ रंग और भोग

 

  • माँ महागौरी का शुभ रंग: सफेद और हल्का गुलाबी – ये रंग माँ महागौरी को प्रिय हैं।
  • माँ महागौरी का भोग: दूध, खीर, हलवा, नारियल से बनी मिठाइयाँ, लड्डू और फल अर्पित करना शुभ माना जाता है।

 

माँ महागौरी का महत्व

 

  • सभी भय और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
  • घर और परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
  • भक्त को मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति मिलती है।
  • विशेष रूप से, साधक की इच्छाओं की पूर्ति और जीवन में सौभाग्य का आगमन होता है।

 

 

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