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आज भारत बंद क्यों? आज क्या खुला रहेगा और क्या बंद

आज भारत बंद क्यों? आज क्या खुला रहेगा और क्या बंद

9 जुलाई, बुधवार को देश के लिए एक बड़ा दिन होने वाला है। आज भारत के तमाम कर्मचारी क्रेंद सरकार द्वारा बनाई नीतियों का विरोध कर हड़ताल (Bharat Bandh) में बैठे है। हड़ताल का मुख्य कारण है सरकार द्वारा चार नए श्रम संहिताओं (Labour Codes) को लागू करना। ट्रेड यूनियनों का आरोप है कि ये कोड हड़ताल करना कठिन बनाते हैं, काम के घंटे बढ़ाते हैं, कंपनी मालिकों को सजा से बचाते हैं, नौकरी की सुरक्षा और उचित वेतन को खतरे में डालते हैं। निजीकरण और ठेका श्रमिकों की बढ़ती भूमिका के खिलाफ भी विरोध है। भारत बंद की घोषणा के बाद अब लोगों के मन में सवाल है कि आज क्या-क्या बंद और खुला रहने वाला है।

 

किसने किया है आह्वान?


इस राष्ट्रव्यापी ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का आह्वान देश की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साझा मंच ने किया है, जिनमें शामिल हैं-

इंटक (INTUC), एटक (AITUC), सीटू (CITU), एचएमएस (HMS), एआईयूटीयूसी (AIUTUC), टीयूसीसी (TUCC), सेवा (SEWA), एलपीएफ (LPF), यूटीयूसी (UTUC), इन यूनियनों को किसान संगठनों, महिला संगठनों, छात्र संघों और ग्रामीण मजदूर यूनियनों का भी समर्थन प्राप्त है।

 

हड़ताल की प्रमुख मांगें

 

हड़ताल का नेतृत्व कर रहे 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियन और किसान संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार की नीतियां मजदूर-विरोधी, किसान-विरोधी और कॉर्पोरेट समर्थक हैं. उन्होंने सरकार के सामने 9 प्रमुख मांगें रखी हैं-

  • चार नई श्रम संहिताओं को वापस लिया जाए।
  • युवाओं के लिए रोजगार सृजन और सरकारी रिक्तियों को तुरंत भरा जाए।
  • 26,000 रुपये मासिक न्यूनतम वेतन की गारंटी दी जाए।
  • पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल किया जाए।
  • 8 घंटे के कार्यदिवस की गारंटी दी जाए.
  • मनरेगा (MGNREGA) को शहरी क्षेत्रों तक बढ़ाया जाए।
  • अग्निपथ योजना को रद्द किया जाए।
  • हड़ताल और यूनियन बनाने के अधिकार की रक्षा की जाए।
  • स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सार्वजनिक सेवाओं को मजबूत किया जाए।

 

हड़ताल में कौन-कौन शामिल हो रहे हैं?

 

  • बैंक कर्मचारी और अधिकारी
  • सरकारी कार्यालयों के कर्मचारी
  • रेलवे और डाक विभाग के कुछ कर्मचारी
  • परिवहन सेवा से जुड़े कर्मचारी
  • निर्माण, खनन, शिक्षा, स्वास्थ्य और टेलीकॉम क्षेत्र के कर्मचारी

कई राज्यों में राज्य परिवहन सेवाएं भी प्रभावित हो सकती हैं।

 

असर कहां पड़ेगा?

 

  • बैंकिंग सेवाओं में खासा असर देखने को मिलेगा क्योंकि यूनियनों का दावा है कि बैंक यूनियनों का भी हड़ताल को समर्थन है।
  • सड़क परिवहन प्रभावित रहेगा, खासकर पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, ओडिशा और पंजाब जैसे राज्यों में।
  • उद्योगों और फैक्ट्रियों में उत्पादन रुक सकता है।
  • सरकारी दफ्तरों और शैक्षणिक संस्थानों में भी उपस्थिति कम रहेगी।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

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