
CJI गवई पर हमले से देश में गुस्सा,पीएम मोदी ने चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ से की बात, कहा- हर भारतीय आक्रोशित
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Anjali
- October 7, 2025
CJI गवई पर हमला देशभर में गुस्से का कारण बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और मोदी ने CJI से की बात कर स्थिति की जानकारी ली। इस CJI पर हमला ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है, वहीं सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।
पीएम मोदी ने कहा – ऐसे निंदनीय कृत्यों के लिए समाज में कोई जगह नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने CJI गवई पर हमला होने के बाद तुरंत चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ से फोन पर बात की। हालांकि, उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि हमारे समाज में न्यायपालिका पर हमला जैसी हरकतों के लिए कोई जगह नहीं है। पीएम मोदी ने लिखा कि “आज सुबह सुप्रीम कोर्ट परिसर में जो कुछ हुआ, उसने हर भारतीय को नाराज कर दिया है।”उन्होंने आगे कहा कि “मैं CJI पर हमले जैसी घटनाओं की कड़ी निंदा करता हूं। ऐसी घटनाएं हमारे लोकतंत्र और न्याय व्यवस्था पर हमला हैं।”
Spoke to Chief Justice of India, Justice BR Gavai Ji. The attack on him earlier today in the Supreme Court premises has angered every Indian. There is no place for such reprehensible acts in our society. It is utterly condemnable.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 6, 2025
I appreciated the calm displayed by Justice…
मोदी ने CJI से की बात, गवई के धैर्य की सराहना की
CJI गवई पर हमला के बाद मोदी ने CJI से की बात कर के उनके धैर्य और संयम की सराहना की। पीएम मोदी ने कहा कि “मैं सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के संयम की प्रशंसा करता हूं। यह न्याय के मूल्यों और संविधान की भावना को मजबूत करने का प्रतीक है।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि न्यायपालिका पर हमला न सिर्फ किसी व्यक्ति पर, बल्कि भारत के संविधान पर भी चोट है।
सुप्रीम कोर्ट परिसर में जूता फेंकने की कोशिश से मचा हंगामा
CJI गवई पर हमला सोमवार को तब हुआ जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। आरोपी वकील राकेश किशोर ने CJI पर जूता फेंकने की कोशिश की। हालांकि, जूता चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ या जस्टिस विनोद चंद्रन तक नहीं पहुंचा। सुरक्षाकर्मियों ने समय रहते वकील को पकड़ लिया। इस CJI पर हमले के बाद कोर्ट में मौजूद जजों और वकीलों ने स्थिति को संभाला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऐसे कृत्य “न्यायपालिका की गरिमा पर सीधा हमला” हैं और हर भारतीय नाराज है।
‘सनातन का अपमान नहीं सहेंगे’ बोलते हुए फेंका जूता
सूत्रों के मुताबिक, जब वकील को सुप्रीम कोर्ट से बाहर ले जाया जा रहा था, तब वह “सनातन का अपमान नहीं सहेंगे” बोल रहा था। इस दौरान CJI गवई शांत बने रहे और उन्होंने कहा कि “इन चीजों से मुझे फर्क नहीं पड़ता।” CJI पर हमला की यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई है। कई नेताओं ने इसे न्यायपालिका पर हमला बताते हुए चिंता जताई है।
बीसीआई ने आरोपी वकील का लाइसेंस किया रद्द
CJI गवई पर हमला करने वाले आरोपी वकील राकेश किशोर के खिलाफ बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने तुरंत एक्शन लिया। बीसीआई ने वकील के लॉ प्रैक्टिस लाइसेंस को निलंबित कर दिया है।
बीसीआई ने बयान जारी कर कहा कि “इस तरह के CJI पर हमले से वकालत पेशे की छवि खराब होती है।” इसके अलावा, आरोपी को 15 दिनों के भीतर जवाब देने का नोटिस भी भेजा गया है।
कांग्रेस नेताओं ने भी जताया आक्रोश
CJI गवई पर हमला को लेकर विपक्ष ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने कहा कि यह हमला सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर नहीं बल्कि संविधान पर है।
उन्होंने कहा कि “मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हुआ यह न्यायपालिका पर हमला बेहद शर्मनाक है और हर भारतीय नाराज है।”
CJI गवई के संयम की तारीफ हर ओर
CJI गवई पर हमला के दौरान उनकी प्रतिक्रिया ने सबका दिल जीत लिया। उन्होंने कोर्ट में मौजूद वकीलों से कहा कि “सुनवाई जारी रखें, हमें इन हरकतों से फर्क नहीं पड़ता।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा कि “मैं CJI गवई द्वारा दिखाई गई शांति और संयम की सराहना करता हूं।” मोदी ने CJI से की बात में यही संदेश दिया कि न्याय के प्रति ऐसी प्रतिबद्धता ही भारतीय लोकतंत्र की ताकत है।
न्यायपालिका पर हमला: देश में बढ़ी सुरक्षा चिंता
CJI पर हमला के बाद सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षा को और मजबूत किया गया है। कोर्ट परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार न्यायपालिका की सुरक्षा और गरिमा की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी। CJI गवई पर हमला जैसी घटनाएं देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर गहरी चोट हैं, इसलिए हर भारतीय नाराज है।
न्याय पर हमला, संविधान पर चोट
CJI गवई पर हमला सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि पूरे न्याय तंत्र पर हमला है। पीएम मोदी और चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ के बीच हुई बातचीत से यह साफ है कि सरकार और न्यायपालिका एकजुट हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोहराया कि “ऐसे निंदनीय कृत्यों के लिए भारत के समाज में कोई जगह नहीं है।”इस CJI पर हमले के बाद देशभर में हर भारतीय नाराज है और सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था पर अब सभी की नजरें टिकी हैं।
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