
Surya Grahan 2025: नवरात्रि से पहले लगेगा सूर्य ग्रहण, सूतक काल और जानें क्या करें या क्या ना करें
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Anjali
- September 19, 2025
सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद शुद्धिकरण कर होगी घट स्थापना
साल 2025 का दूसरा और आखिरी Surya Grahan 21 सितंबर, रविवार को लगने जा रहा है। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो रात 10 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर 22 सितंबर की सुबह 3 बजकर 29 मिनट तक चलेगा। कुल मिलाकर यह ग्रहण लगभग 4 घंटे 50 मिनट तक रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान किसी भी शुभ काम, पूजा-पाठ, शादी-ब्याह या नए काम की शुरुआत नहीं की जाती।
क्या होता है सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2025)
सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आकर सूर्य की रोशनी को धरती तक पहुंचने से रोक देता है। अगर चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह ढक ले तो पूर्ण सूर्य ग्रहण होता है, और अगर कुछ हिस्सा ढकता है तो उसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहा जाता है। साल 2025 का यह ग्रहण आंशिक रहेगा और इसे भारत से नहीं देखा जा सकेगा। इसलिए ज्यादातर लोग इसे ऑनलाइन या अंतरिक्ष एजेंसियों के लाइव स्ट्रीम के जरिए देख पाएंगे।
Surya Grahan 2025: कब और कहां दिखेगा?
Surya Grahan 2025 भारतीय समयानुसार 21 सितंबर की रात 10:39 बजे से शुरू होगा और 22 सितंबर सुबह 3:29 बजे समाप्त होगा। यह ग्रहण न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा। इसलिए यहां इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
नवरात्रि से पहले सूर्य ग्रहण का महत्व
इस साल शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू हो रही है। नवरात्रि से ठीक पहले सूर्य ग्रहण का लगना धार्मिक दृष्टि से खास माना जा रहा है। कई लोगों के मन में सवाल है कि घटस्थापना पर इसका असर होगा या नहीं। चूंकि यह ग्रहण भारत से दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा और भक्तजन बिना किसी चिंता के मां दुर्गा की घटस्थापना कर सकेंगे।
सूतक काल और नियम
आमतौर पर सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं और पूजा-पाठ वर्जित होता है। गर्भवती महिलाओं को खास सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। लेकिन इस बार का Surya Grahan 2025 भारत से दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां सूतक काल लागू नहीं होगा। हालांकि, वैदिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण का प्रभाव राशियों पर जरूर पड़ता है।
सूर्य ग्रहण 2025 में क्या करें?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के समय कुछ काम शुभ माने जाते हैं।
- मंत्र जाप करें – "ॐ नमः शिवाय" या "गायत्री मंत्र" का जाप करें।
- सूर्य को अर्घ्य दें – स्नान के बाद सूर्यदेव को जल चढ़ाएं।
- दान करें – गुड़, तांबा, गेहूं या दाल का दान करना शुभ माना जाता है।
- ध्यान लगाएं – ग्रहण काल के दौरान शांत माहौल बनाकर ध्यान करें।
ये उपाय सूर्य ग्रहण 2025 में क्या करें के अंतर्गत आते हैं और इनसे नकारात्मक प्रभाव कम हो जाता है।
सूर्य ग्रहण में क्या ना करें?
कुछ चीजें ग्रहण काल में वर्जित मानी जाती हैं।
- खाना-पीना टालें – ग्रहण खत्म होने के बाद ही भोजन करें।
- पूजा-पाठ न करें – इस दौरान मंदिरों में पूजा या मूर्ति स्पर्श वर्जित है।
- धारदार वस्तुओं का इस्तेमाल न करें – कैंची, चाकू जैसी चीजों से बचें।
- गर्भवती महिलाएं – तेज रोशनी और किसी भी प्रकार के श्रम से बचें।
इन सावधानियों को मानना सूर्य ग्रहण में क्या ना करें की श्रेणी में आता है।
Surya Grahan 2025 खत्म होने के बाद क्या करें?
ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और घर की सफाई करें। गंगाजल से घर को शुद्ध करना अच्छा माना जाता है। इसके बाद दान-पुण्य करें और मां दुर्गा की पूजा के लिए घटस्थापना करें। नवरात्रि से पहले यह विशेष पूजन आपको दोगुना शुभफल देगा।
Surya Grahan 2025 और तुलसी का महत्व
मान्यता है कि ग्रहण काल में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है। इसलिए खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालना चाहिए। ग्रहण समाप्त होने के बाद तुलसी का सेवन करना भी लाभकारी होता है। यह उपाय ग्रहण के असर को कम करने में मदद करता है।
Surya Grahan 2025 एक खास खगोलीय घटना है जो इस बार नवरात्रि से पहले लग रही है। हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा। फिर भी ज्योतिषीय दृष्टि से कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि सूर्य ग्रहण 2025 में क्या करें और सूर्य ग्रहण में क्या ना करें, ताकि इसके नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सके और नवरात्रि की घटस्थापना बिना किसी रुकावट के की जा सके।
गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी सावधानियां
Surya Grahan 2025 के दौरान गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान रखना चाहिए। इस समय रसोई का काम, नुकीली चीजों का प्रयोग, पूजा-पाठ और भोजन करने से परहेज करें। ग्रहण को नग्न आंखों से न देखें और घर के दरवाजे-खिड़कियां बंद रखें। सुरक्षित रहने के लिए भगवान विष्णु या शिव के मंत्रों का जाप करें। साथ ही तुलसी की पूजा या पत्ते तोड़ना शुभ नहीं माना जाता, इसलिए इन्हें पहले से तैयार कर लें।
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