Sharda Sinha Death : बिहार की कोकिला शारदा सिन्हा ने 72 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
- Renuka
- November 6, 2024
Sharda Sinha Death: बिहार की महान लोक गायिका शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) का कल देर रात निधन हो गया । इन्होंने 72 साल की आयु में अंतिम सांस ली है। जिसके चलते देशभर में शोक (mourning) की लहर दौड़ गई है। इसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने दुखद घड़ी (sad moment) में अपनी गहरी संवेदना (deep condolences) व्यक्त की है। और अपने सोशल मीडिया के 'X' पर पोस्ट भी शेयर की है। जिसमें लिखा कि- शारदा सिन्हा का निधन संगीत जगत के लिए एक बड़ी अपूरणीय क्षति है। साथ ही उन्होंने शारदा सिन्हा को ‘बिहार कोकिला’ के सम्मानित उपनाम से याद करते हुए कहा कि उनका संगीत के क्षेत्र में योगदान अतुलनीय था। मुख्यमंत्री ने उनके संगीत को बिहार की सांस्कृतिक धरोहर (cultural heritage) के रूप में निरंतर जीवित रखने की बात कही और उनके निधन को राज्य के लिए एक बड़ी हानि बताया।
AIIMS में थी भर्ती
लोक गायिका शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) को 26 अक्टूबर को स्वास्थ्य में अचानक गिरावट आने पर दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के कैंसर सेंटर (Cancer Center) में भर्ती किया गया था। पहले से ही उनकी हालत को गंभीर देखते हुए उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया, लेकिन बाद में स्थिति में कुछ सुधार होने पर उन्हें प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। हालांकि, 4 नवंबर को उनकी तबीयत में अचानक और गंभीर गिरावट आई, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। साथ ही हाल ही में शारदा सिन्हा के पति बृज किशोर सिन्हा (Brij Kishore Sinha) का निधन हो गया था। जिससे वह गहरे मानसिक सदमे में थीं। उनके पति की मौत का दुःख उनके स्वास्थ्य पर भी भारी पड़ा, और यह दुखद स्थिति उनकी अंतिम दिनों तक बनी रही।
अमित शाह ने जताया शोक
गृहमंत्री अमित शाह ने शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि- शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) ने अपनी मधुर और प्रभावशाली आवाज के जरिए पिछले पांच दशकों में भारतीय संगीत को न केवल समृद्ध किया । बल्कि उसे नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया। "बिहार कोकिला" (Bihar's Nightingale) के नाम से लोकप्रिय शारदा जी ने मैथिली और भोजपुरी लोक संगीत को जन-जन तक पहुँचाया और भारतीय फिल्म उद्योग में भी अपनी गायकी से एक अलग पहचान बनाई। साथ ही अमित शाह ने यह भी कहा कि- पूर्वांचल की लोक संस्कृति शारदा जी के बिना अधूरी महसूस होती है। इस साल के छठ महापर्व के दौरान शारदा की आवाज भक्तों को और भी अधिक भावुक और समर्पित करेगी। गृहमंत्री ने इस दुख की घड़ी में शारदा जी के परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की और ईश्वर से प्रार्थना की कि छठी मैया दिवंगत आत्मा को शांति और सुकून प्रदान करें।
फिल्म जगत में अहम योगदान
शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) ने अपनी गायकी से न केवल बिहार (Bihar) और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) बल्कि पूरे देश के संगीत प्रेमियों का दिल जीता है। उन्होंने मैथिली, भोजपुरी, बज्जिका और हिंदी में कई उत्कृष्ट गीत गाए। जिनमें खासकर छठ महापर्व के गीत अत्यधिक प्रसिद्ध हैं। हर वर्ष छठ पूजा के अवसर पर उनके गाए गीत बिहार, उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में गूंजते रहते थे, और उनकी आवाज उन पर्वों की बन जाती थी। इसके साथ ही शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) ने हिंदी फिल्मों में भी अपनी मधुर आवाज का जादू बिखेरा है। जिससे उन्होंने फिल्मों में भी अपनी पहचान बनाई। उनकी गायकी ने भारतीय संगीत जगत में एक विशिष्ट स्थान हासिल किया। शारदा जी के संगीत योगदान को मान्यता देते हुए भारत सरकार ने 1991 में उन्हें पद्मश्री (Padma Shri) और 2018 में पद्मभूषण (Padma Bhushan) जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया । उनके निधन से न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश की संगीत प्रेमी जनता में एक गहरा शोक व्याप्त है। शारदा सिन्हा का योगदान भारतीय संगीत (Indian music) और संस्कृति (culture) में अमिट रहेगा।
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