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एस. जयशंकर का बड़ा बयान: ‘खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते’, सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी

एस. जयशंकर का बड़ा बयान: ‘खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते’, सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी

राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर हुई चर्चा के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने पाकिस्तान, सिंधु जल संधि और अमेरिका से संबंधित घटनाक्रमों को लेकर कई महत्वपूर्ण और कड़े बयान दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की नदियां और देश का खून एक साथ नहीं बह सकते और जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी।


एस. जयशंकर ने सिंधु नदी जल विवाद पर कहा, “सिंधु जल संधि कई मायनों में एक अनूठा और असाधारण समझौता था। मैं दुनिया में ऐसे किसी भी समझौते के बारे में नहीं सोच सकता जहाँ किसी देश ने अपनी प्रमुख नदियों को अधिकार के बिना दूसरे देश में बहने दिया हो।” उन्होंने यह भी कहा कि इतिहास को नकारने से सच्चाई नहीं बदलती।

 

भारत पाकिस्तान जल संधि पर कांग्रेस पार्टी पर पलटवार करते हुए एस. जयशंकर ने कहा कि “कुछ लोग इतिहास से असहज हैं और उसे भुलाना चाहते हैं। लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि सिंधु नदी जल समझौता किन परिस्थितियों में हुआ था और यह कितना असमान था।” विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा “जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता, सिंधु जल संधि को स्थगित रखा जाएगा। खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।”

 

भारत पाकिस्तान तनाव को लेकर डॉ. जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिका के साथ हुए संवाद पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया “9 मई को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री को फोन कर पाकिस्तानी हमले की चेतावनी दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो टूक शब्दों में स्पष्ट किया था कि, अगर कुछ भी हुआ, उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।” ऑपरेशन सिन्दूर में भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली और हवाई अड्डे निष्क्रिय हो गए।

 

जयशंकर ने कहा कि भारत पाकिस्तान तनाव युद्ध के बाद हमें संदेश मिला कि पाकिस्तान लड़ाई रोकना चाहता है। लेकिन हमने साफ कहा कि कोई भी संवाद तब तक संभव नहीं है जब तक पाकिस्तानी पक्ष DGMO के माध्यम से औपचारिक अनुरोध नहीं करता।”

 

विदेश मंत्री ने विपक्ष को करारा जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि दुनिया के किसी भी नेता ने भारत से अपने सैन्य अभियान रोकने की अपील नहीं की। “न तो व्यापार का कोई दबाव था और न ही प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच कोई कॉल हुई।”

 

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Frequently Asked Questions

 

Q1. जयशंकर ने पाकिस्तान को लेकर क्या बयान दिया?
Ans. विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा “जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता, सिंधु जल संधि को स्थगित रखा जाएगा। खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।”

 

Q2 . ‘खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते’ का क्या मतलब है?
Ans. पहलगाम में जिस तरह से आतंकी हमला हुआ वो झकझोर देने वाला था। पाकिस्तान हमेशा से आतंकवाद का गढ़ रहा है। पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था।

 

Q3 . सिंधु जल संधि क्या है?
Ans. सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुई एक जल बंटवारा समझौता है। विश्व बैंक ने इस संधि में मध्यस्थता की थी। इस संधि के तहत, सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी को दोनों देशों के बीच विभाजित किया गया है।


Q4 . सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच कब हुई थी?
Ans. सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच 19 सितंबर, 1960 को हुई थी। पहलगाम हमले के बाद जिसे बंद कर दिया गया।

 

Q5 . क्या सिंधु जल संधि को भारत स्थगित कर सकता है?
Ans. पहलगाम हमले के बाद भारत ने स्थगित कर दिया था। इसके तहत सिंधु जल समझौते की 3 पूर्वी नदियों का पानी भारत इस्तेमाल कर सकता है और बाकी 3 पश्चिमी नदियों के पानी पर पाकिस्तान को अधिकार दिया गया था।

 

Q6 .सिंधु जल समझौते के तहत कौन-कौन सी नदियां आती हैं?
Ans. सिंधु जल समझौते के तहत, सिंधु नदी प्रणाली की छह नदियाँ शामिल हैं: तीन पूर्वी नदियाँ (रावी, ब्यास और सतलुज) और तीन पश्चिमी नदियाँ (सिंधु, झेलम और चिनाब)।

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