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Manipur News : मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू, बीजेपी नहीं बना पाई सीएम !

Manipur News : मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू, बीजेपी नहीं बना पाई सीएम !

Manipur News :  बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद अब राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है, राजनीतिक हलचले तेज हो गई है। इसी के साथ जनता और विपक्ष दोनों इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं।
मणिपुर की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है। वहीं मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के कुछ ही दिनों बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। बता दें कि राज्यभर में पहले से ही अशांति का माहौल था और अब इस फैसले ने राजनीतिक चर्चाओं को और तेज कर दिया है।


जानकारी के मुताबिक मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा करते हुए गृह मंत्रालय की ओर से अधिसूचना जारी की गई है। जिसमें कह गया है कि- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का मानना है कि ‘ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें इस राज्य की सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चल सकती। वहीं अब भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत, राष्ट्रपति शासन लगने पर राज्य सरकार के सभी कार्य केंद्र सरकार को हस्तांतरित किए जाते हैं।
बता दें कि बीरेन सिंह, जो 2017 से राज्य के मुख्यमंत्री थे, उन्होंने हाल ही में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं राजनीतिक जानकारों का मानना है कि- पिछले साल से मणिपुर में जातीय हिंसा और अस्थिरता का माहौल बना हुआ था, जिसके चलते लगातार सरकार की भूमिका पर सवाल उठ रहे थे। इसके साथ ही माना जा रहा है कि- हालात को संभालने में नाकाम रहने और बढ़ते राजनीतिक दबाव के चलते उन्होंने आखिरकार सीएम पद छोड़ दिया है।

इसी के चलते कई सवाल उठ रहे है और विपक्षी पार्टियां भी जमकर प्रतिक्रियाएं दे रही है। वहीं इसमें अब सबसे बड़ा सवाल तो, ये है कि मणिपुर का अगला कदम क्या होगा? क्या मणिपुर में हालात सुधरेंगे? आखिर मणिपुर में अगली सरकार कब बनेगी?
वहीं राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि- मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करना, यानी भाजपा ने माना कि वह शासन में अक्षम है। अब प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर के लिए अपनी सीधी जिम्मेदारी से इनकार नहीं कर सकते। उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री ने अंततः राज्य का दौरा करने और मणिपुर और भारत के लोगों को वहां शांति एवं सामान्य स्थिति बहाल करने की अपनी योजना समझाने का मन बना लिया है?
इन सब के चलते एक ओर आता है कि आखिर ये राष्ट्रपति शासन क्यों लगाया जाता ?

बता दें कि भारत में राष्ट्रपति शासन को "केंद्रीय शासन" या "राज्यपाल शासन" भी कहा जाता है। यह तब लागू किया जाता है जब किसी राज्य की संवैधानिक व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो जाती है, और राज्य सरकार सुचारू रूप से कार्य करने में असमर्थ होती है। यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत, राष्ट्रपति शासन लगने पर राज्य सरकार के सभी कार्य केंद्र सरकार को हस्तांतरित हो जाते हैं, और राज्य की विधायिका (विधानसभा) की शक्तियां संसद को मिल जाती हैं। वहीं गौरतलब है कि किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए संसद की मंजूरी आवश्यक होती है। राष्ट्रपति शासन लागू होने के दो महीने के भीतर इसे लोकसभा और राज्यसभा से भी मंजूरी मिलनी चाहिए।
हालांकि राज्य में पिछले महीने से शांति है। ना तो लोग छिटपुट प्रदर्शन के लिए सड़कों पर नहीं उतरे रहे और ना ही सरकारी दफ्तर बंद है। इसके अलावा अब मणिपुर को अगाला सीएम कब मिलेगा और किसको यह मौका मिलेगा। ये तो वक्त ही बताएगा। 

 

 

ऐसी ही जानकारी के लिए सबसे पहले पढ़े- The India Moves 

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