Dark Mode
  • Thursday 29 May 2025 03:57:06
पोप लियो XIV: रॉबर्ट फ्रांसिस प्रेवोस्ट का पवित्र सिंहासन पर आगमन

पोप लियो XIV: रॉबर्ट फ्रांसिस प्रेवोस्ट का पवित्र सिंहासन पर आगमन

पोप लियो XIV: अमेरिकी कार्डिनल रॉबर्ट प्रेवोस्ट बने नए पोप

 

8 मई, 2025 को रोम में आयोजित पवित्र कौंक्लेव में अमेरिकी कार्डिनल रॉबर्ट फ्रांसिस प्रेवोस्ट को पोप के रूप में चुना गया। उन्होंने पोप लियो XIV के नाम से अपना पापल नाम लिया, जो कैथोलिक चर्च के 267वें पोप बने हैं। यह चुनाव ऐतिहासिक है क्योंकि वे पहले अमेरिकी और पेरू के नागरिक हैं जो इस पद पर आसीन हुए हैं।

 

जीवन परिचय और धार्मिक यात्रा

 

रॉबर्ट प्रेवोस्ट का जन्म 14 सितंबर 1955 को शिकागो, इलिनॉयस में हुआ था। उनके माता-पिता फ्रांसीसी और स्पेनिश मूल के थे। उन्होंने 1978 में सेंट ऑगस्टीन के आदेश से जुड़कर धार्मिक जीवन की शुरुआत की और 1982 में पुरोहित के रूप में अभिषिक्त हुए। 1985 में पेरू में मिशनरी कार्य के लिए गए और वहां 13 वर्षों तक सेवा की। इसके बाद, उन्होंने पेरू के चिकलायो शहर में बिशप के रूप में कार्य किया। 2023 में, पोप फ्रांसिस ने उन्हें बिशपों के चयन और पर्यवेक्षण के लिए जिम्मेदार डिकैस्ट्री के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया।

 

पापल नाम का चयन और दृष्टिकोण

 

पोप लियो XIV ने अपने पापल नाम के रूप में पोप लियो XIII को चुना, जो सामाजिक न्याय और श्रमिकों के अधिकारों के लिए प्रसिद्ध थे। यह संकेत करता है कि वे चर्च में सामाजिक न्याय, पर्यावरण संरक्षण और समावेशिता के मूल्यों को बढ़ावा देंगे। उन्होंने अपने पहले संबोधन में कहा, "हम एक साथ मिलकर आगे बढ़ें, भगवान के साथ हाथ में हाथ डालकर।"

 

प्रमुख विचार और चर्च में योगदान

 

पोप लियो XIV ने पोप फ्रांसिस की नीतियों को जारी रखने का संकेत दिया है, विशेष रूप से प्रवासियों, गरीबों और पर्यावरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को। उन्होंने महिलाओं की भूमिका को भी महत्वपूर्ण माना है और बिशपों के चयन में उनके योगदान को सराहा है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने चर्च में पारदर्शिता और ईमानदारी की आवश्यकता पर बल दिया है, विशेषकर यौन शोषण के मामलों में।

 

वैश्विक प्रतिक्रिया और उम्मीदें

 

पोप लियो XIV के चुनाव के बाद, विभिन्न देशों के नेताओं ने उन्हें बधाई दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे "हमारे देश के लिए एक महान सम्मान" बताया। पेरू के राष्ट्रपति डिना बोलुआर्टे ने भी उनके चुनाव का स्वागत किया और कहा कि उनकी निकटता से जरूरतमंदों को गहरा प्रभाव पड़ा है। विश्वभर में उनके नेतृत्व से चर्च में समावेशिता, शांति और सामाजिक न्याय की उम्मीदें जताई जा रही हैं।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

 

Comment / Reply From

Vote / Poll

क्या राजस्थान मे बेरोजगारी का मुद्दा खत्म हो चुका है ..

View Results
Yes
10%
No
90%

Talk to us?