
Pakistan economic crisis: पानी को तरसता पाकिस्तान, क्या वाकई भारत से टकरा पाएगा?
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Chhavi
- April 25, 2025
पानी को तरसता पाकिस्तान, फिर भी भारत को दे रहा चुनौती?
Pakistan economic crisis: पाकिस्तान की हालत इन दिनों बहुत खराब है। न सिर्फ उसकी आर्थिक स्थिति खराब है, बल्कि वहां के लोग पानी-पानी को तरस रहे हैं। ऐसे में वो भारत के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने कुछ कड़े कदम उठाए। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी एक के बाद एक फैसले लिए। शिमला समझौते को रद्द करने की धमकी दी, भारतीय विमानों के लिए एयरस्पेस बंद किया और भारतीय दूतावास के कर्मचारियों को वापस भेजने की बात कही। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत के खिलाफ कोई भी मिलिट्री एक्शन पूरी ताकत से लिया जाएगा। Pakistan economic crisis, लेकिन सवाल ये है कि क्या पाकिस्तान इस हालत में वाकई युद्ध कर सकता है?
131 बिलियन डॉलर का कर्ज और खाली खजाना
Pakistan economic crisis, पाकिस्तान पर अभी 131 बिलियन डॉलर से ज्यादा का कर्ज है। आने वाले 4 सालों में उसे 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा चुकाने हैं। मार्च 2025 के पहले हफ्ते में पाकिस्तान के पास सिर्फ 11.1 बिलियन डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था। ये रकम कुछ ही महीनों की जरूरी चीजों के आयात के लिए काफी है। इसका मतलब है कि पाकिस्तान के पास खर्च करने के लिए बहुत कम पैसे हैं। IMF ने उसे 7 बिलियन डॉलर का कर्ज जरूर दिया, लेकिन इससे हालात बहुत नहीं बदले। Pakistan economic crisis, अब अगर पाकिस्तान युद्ध छेड़ता है, तो उसे और कर्ज लेना पड़ेगा। ऐसे में उसका आर्थिक संकट और गहरा जाएगा।
राजनीतिक हालात भी नहीं हैं ठीक
Pakistan economic crisis, पाकिस्तान की राजनीति भी इस समय अस्थिर है। वहां के नेता लंबे समय तक सत्ता में नहीं रह पाते। इमरान खान को भी अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाया गया था। विपक्ष लगातार सरकार को घेरने की कोशिश करता है। ऐसे हालात में युद्ध जैसे बड़े फैसले लेना और उसे अंजाम देना बहुत मुश्किल होता है। Pakistan economic crisis, क्या पाकिस्तान आंतरिक राजनीतिक संकट के बीच एक सैन्य अभियान चला सकता है? जवाब है- शायद नहीं। क्योंकि एक गलत कदम पाकिस्तान की आर्थिक और राजनीतिक स्थिति को और बिगाड़ सकता है।
युद्ध मतलब आर्थिक आत्महत्या?
Pakistan economic crisis, पाकिस्तान को अब ये समझना होगा कि उसका असली दुश्मन भारत नहीं, बल्कि उसकी कमजोर अर्थव्यवस्था है। अगर वो युद्ध की ओर बढ़ा, तो उसे अंतरराष्ट्रीय समर्थन भी नहीं मिलेगा। उसकी छवि पहले ही कमजोर हो चुकी है। भारत के खिलाफ लिए गए कदम, जैसे शिमला समझौते को रद्द करने की धमकी, एयरस्पेस बंद करना – ये सब दिखाते हैं कि पाकिस्तान तनाव बढ़ाना चाहता है। लेकिन सवाल ये है कि क्या वो इसके नतीजे भुगतने के लिए तैयार है? Pakistan economic crisis, पाकिस्तान को अपनी ताकत जंग में नहीं, सुधार में लगानी चाहिए। नहीं तो ये लड़ाई सिर्फ सीमा पर नहीं लड़ी जाएगी, बल्कि उसके अपने देश के भीतर भी एक बड़ी हार बन जाएगी।
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