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NADA : राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी का फैसला, 4 साल के लिए बजरंग पूनिया निलंबित

NADA : राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी का फैसला, 4 साल के लिए बजरंग पूनिया निलंबित

NADA Decision :  राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) ने बजरंग पूनिया को चार साल के लिए निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई 10 मार्च को राष्ट्रीय टीम के चयन ट्रायल के दौरान डोप परीक्षण के लिए उनका नमूना देने से इंकार करने के कारण की गई है। इस संबंध में जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई ने अपनी रिपोर्ट में दी है।


बजरंग पूनिया निलंबित
राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बजरंग पूनिया को चार साल के लिए निलंबित कर दिया है। पहलवान ने 10 मार्च को राष्ट्रीय टीम के चयन ट्रायल के दौरान डोप परीक्षण के लिए अपना नमूना देने से मना कर दिया था। इसके बाद नाडा ने 23 अप्रैल को उन्हें इस कृत्य के लिए निलंबित किया था, और बाद में, यूडब्ल्यूडब्ल्यू (विश्व कुश्ती महासंघ) ने भी उन्हें निलंबित कर दिया था।


NADA का फैसला
बता दें कि एडीडीपी ने अपने फैसले में कहा है कि- "पैनल का यह मानना है कि एथलीट अनुच्छेद 10.3.1 के तहत प्रतिबंधों के लिए जिम्मेदार है, और उसे चार साल के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है।" इस निलंबन का मतलब यह है कि- बजरंग पूनिया प्रतिस्पर्धात्मक कुश्ती में अपनी वापसी नहीं कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त वह विदेशों में कोचिंग के पद के लिए आवेदन भी नहीं कर पाएंगे। साथ ही आदेश में यह भी कहा गया कि- "एथलीट की चार साल की अयोग्यता उस तिथि से शुरू होगी जब अधिसूचना भेजी गई थी," और यह अधिसूचना उन्हें 23 अप्रैल, 2024 को भेजी गई थी।


23 अप्रैल 2024 से लागू निलंबन
वहीं नाडा ने सबसे पहले 23 अप्रैल को बजरंग पूनिया को इस अपराध के लिए निलंबित किया था, जिसके बाद विश्व कुश्ती महासंघ (UWW) ने भी उनका निलंबन लागू कर दिया। इसके बाद, बजरंग ने निलंबन के खिलाफ अपील की थी। नाडा के अनुशासनात्मक डोपिंग पैनल (ADDP) ने 31 मई को निलंबन को तब तक के लिए रद्द कर दिया जब तक नाडा द्वारा आरोपों का नोटिस जारी नहीं किया गया। इसके बाद, 23 जून को नाडा ने बजरंग को आधिकारिक नोटिस भेजा।


कुश्ती में नहीं होगी वापसी
पैनल का मानना है कि- एथलीट अनुच्छेद 10.3.1 के तहत प्रतिबंधों के लिए जिम्मेदार है, जिसके अनुसार उसे चार साल के निलंबन का सामना करना पड़ेगा। बजरंग को पहले अस्थायी रूप से निलंबित किया गया था, और अब यह चार साल का निलंबन उस तारीख से प्रभावी होगा जब उन्हें आधिकारिक नोटिस भेजा गया था। इस निलंबन का परिणाम यह है कि बजरंग अब प्रतिस्पर्धी कुश्ती में वापसी नहीं कर पाएंगे, और यदि वह चाहें भी, तो विदेशों में कोचिंग के पद के लिए आवेदन करने में सक्षम नहीं होंगे।

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