
संसद में काम से ज्यादा शोर, मानसून सत्र में करोड़ों का नुकसान
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Anjali
- August 22, 2025
संसद का मानसून सत्र 2025 हंगामेदार रहा। एक महीने तक चलने वाले इस सत्र में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होनी थी, लेकिन संसद में काम से ज्यादा शोर सुनाई दिया। आतंकवाद, ऑपरेशन सिंदूर और अंतरिक्ष कार्यक्रम जैसे विषयों पर बहस हुई, मगर निर्धारित समय की तुलना में चर्चा बहुत कम हुई। कुल मिलाकर संसद सत्र में कितना काम हुआ ये सवाल बड़ा है क्योंकि मानसून सत्र में हंगामा ज्यादा हावी रहा।
लोकसभा में सांसदों को 120 घंटे काम करना था, लेकिन वास्तव में सिर्फ 37 घंटे ही चर्चा हो सकी। बाकी के 83 घंटे शोर-शराबे में बर्बाद हो गए। राज्यसभा में भी यही हाल रहा, जहां 120 घंटे की जगह सिर्फ 47 घंटे काम हुआ और 73 घंटे यूं ही बर्बाद हो गए। इसका मतलब है कि लोकसभा में 31% और राज्यसभा में 38% ही काम हुआ। यह साफ दिखाता है कि हंगामेदार मानसून सत्र में संसद में काम से ज्यादा शोर हुआ और नतीजतन मानसून सत्र में करोड़ों का नुकसान हो गया।
सत्र के दौरान कई बिल पेश हुए। संसद का मानसून सत्र 2025 में लोकसभा में 12 और राज्यसभा में 15 विधेयक पास हुए। यानी कुल मिलाकर 27 बिल पारित किए गए। लेकिन सवाल यह है कि मानसून सत्र में कितने बिल पास हुए और उन पर कितनी गंभीर चर्चा हुई। हकीकत ये है कि लगातार हंगामे और विरोध की वजह से बहुत से विधेयक बिना लंबी बहस के ही पास कर दिए गए।
लोकसभा में 419 सवाल पूछे जाने थे लेकिन सिर्फ 55 सवालों के जवाब मिल सके। राज्यसभा में भी प्रश्नकाल बाधित रहा और केवल 14 सवालों पर ही जवाब दिए गए। इसका सीधा असर यह हुआ कि संसद सत्र में कितना काम हुआ इसकी गिनती बहुत कम रह गई। वहीं, शून्यकाल और विशेष उल्लेख भी प्रभावित हुए। ऐसे में मानसून सत्र में हंगामा ही ज्यादा हावी रहा।
ऑपरेशन सिंदूर पर जरूर लंबी चर्चा हुई। लोकसभा में 18 घंटे से ज्यादा और राज्यसभा में 16 घंटे से ज्यादा समय दिया गया। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री दोनों ने इसका जवाब दिया। इसके अलावा अंतरिक्ष कार्यक्रम और आतंकवाद जैसे मुद्दे भी उठाए गए। लेकिन इसके बावजूद कुल मिलाकर संसद का मानसून सत्र 2025 जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा।
सबसे बड़ा सवाल जनता के पैसों का है। संसद में हर घंटे की कार्यवाही पर करोड़ों रुपये खर्च होते हैं। इस बार 83 घंटे लोकसभा और 73 घंटे राज्यसभा का समय बर्बाद हुआ। जानकारी के मुताबिक मानसून सत्र में करोड़ों का नुकसान हुआ और जनता के करीब 200 करोड़ रुपये व्यर्थ चले गए। यही वजह है कि लोग पूछ रहे हैं कि जब संसद में काम से ज्यादा शोर हो तो आखिर जनता के टैक्स का पैसा क्यों बर्बाद हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर निराशा जताई और कहा कि हंगामेदार मानसून सत्र ने लोकतंत्र की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। वहीं, विपक्ष ने सरकार पर गंभीर मुद्दों पर चर्चा से बचने का आरोप लगाया। लेकिन सच्चाई यही है कि मानसून सत्र में हंगामा ज्यादा रहा और काम बहुत कम।
कुल मिलाकर, संसद का मानसून सत्र 2025 हंगामे और टकराव की भेंट चढ़ गया। संसद सत्र में कितना काम हुआ इसका जवाब है बहुत ही कम। मानसून सत्र में कितने बिल पास हुए इसका आंकड़ा भले बड़ा दिखे, लेकिन बहस और गंभीर चर्चा की कमी से लोकतंत्र की असली ताकत कमजोर हुई।
संसद का मानसून सत्र 2025 इस बार हंगामे की भेंट जरूर चढ़ा, लेकिन इस बीच कई अहम बिल भी पास किए गए। हंगामेदार माहौल और समय की बर्बादी के बावजूद मानसून सत्र में कितने बिल पास हुए ये जानना ज़रूरी है। जानकारी के मुताबिक लोकसभा और राज्यसभा, दोनों मिलाकर कुल 27 बिल पास किए गए।
लोकसभा में पास हुए ये 12 बिल
- गोवा राज्य के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन विधेयक, 2025
- मर्चेंट शिपिंग बिल, 2025
- मणिपुर माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025
- मणिपुर विनियोग (संख्या 2) विधेयक, 2025
- राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025
- राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025
- आयकर विधेयक, 2025
- कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2025
- भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2025
- खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025
- भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025
- ऑनलाइन गेमिंग का संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025
राज्यसभा में पास हुए ये 15 बिल
- बिल्स ऑफ लैंडिंग बिल, 2025
- समुद्री मार्ग से माल ढुलाई विधेयक, 2025
- तटीय नौवहन विधेयक, 2025
- मणिपुर माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025
- मणिपुर विनियोग (संख्या 2) विधेयक, 2025
- व्यापारिक नौवहन विधेयक, 2025
- गोवा राज्य के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन विधेयक, 2025
- राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025
- राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025
- आयकर विधेयक, 2025
- कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2025
- भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2025
- खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025
- भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025
- ऑनलाइन गेमिंग का संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025
यानी साफ है कि भले ही संसद में काम से ज्यादा शोर सुनाई दिया और मानसून सत्र में हंगामा हुआ, लेकिन फिर भी विधायी कामकाज पूरी तरह रुका नहीं। विपक्ष और सत्ता पक्ष के टकराव के बीच मानसून सत्र में कितने बिल पास हुए इस सवाल का जवाब है, कुल 27 बिल। हालांकि संसद सत्र में कितना काम हुआ यह बहस का मुद्दा बना रहेगा, क्योंकि शोर-शराबे और हंगामे की वजह से करोड़ों रुपये बर्बाद हो गए और जनता को सीधा नुकसान उठाना पड़ा।
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