Dark Mode
  • day 00 month 0000
नाल एयरबेस से मिग-21 की आखिरी उड़ान, तेजस-राफेल के युग की शुरुआत

नाल एयरबेस से मिग-21 की आखिरी उड़ान, तेजस-राफेल के युग की शुरुआत

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के प्रतिष्ठित मिग-21 फाइटर जेट (MiG-21 Fighter Jet) ने राजस्थान (Rajasthan) के बीकानेर (Bikaner) स्थित नाल एयरबेस (Nal Airbase) से अपनी अंतिम उड़ान भरी और एक गौरवशाली युग का समापन किया है। बता दें कि यह पल इसलिए और भी ऐतिहासिक बन गया जब स्वयं एयर चीफ मार्शल एपी सिंह (Air Chief Marshal A.P. Singh) ने इस अंतिम उड़ान में भाग लिया और नाल एयरबेस (Nal Airbase) पर मिग-21 की विदाई (Mig-21 Farewell) के साक्षी बने। इस क्षण ने भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के इतिहास में एक नई भावनात्मक लहर जोड़ दी।


मिग-21 की विदाई


बीकानेर (Bikaner) के नाल एयरबेस से मिग-21 की अंतिम उड़ान (Mig-21 Last flight) केवल एक रिटायरमेंट नहीं, बल्कि एक युग का अंत है। यह भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के लिए एक भावनात्मक लेकिन गर्व से भरा अवसर है। 26 सितंबर को चंडीगढ़ (Chandigarh) में मिग-21 (Mig-21) को औपचारिक रूप से अंतिम विदाई दी जाएगी। लेकिन इसकी वीरगाथा और योगदान हमेशा भारतीय वायुसेना लड़ाकू विमान (Indian Air Force fighter aircraft) इतिहास में दर्ज रहेगा। इसी के साथ भारतीय वायुसेना के दो स्क्वाड्रन (Two squadrons) जो अभी भी मिग-21 संचालित कर रहे हैं, उन्हें सितंबर 2025 तक चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा ।

मिग-21 ने युद्धों में निभाई अहम भूमिका

बता दें कि भारतीय वायुसेना का यह मिग-21 लड़ाकू विमान (MiG-21 fighter aircraft) न केवल रक्षा में बल्कि आक्रामक अभियानों में भी बेहद कारगर साबित हुआ। जानकारी के अनुसार- 1965 के भारत-पाक युद्ध (Indo-Pak war) में इसकी भागीदारी निर्णायक रही। वहीं 1971 के युद्ध में ढाका स्थित राज्यपाल भवन पर मिग-21 (MiG-21) द्वारा किया गया हमला इतना प्रभावी था कि राज्यपाल को अगले ही दिन इस्तीफा देना पड़ा। इसी युद्ध के अंत में पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण कर दिया और 93,000 सैनिकों ने हथियार डाल दिए। इसी के साथ 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान ऑपरेशन सफेद सागर में मिग-21 फाइटर जेट (MiG-21 fighter jet) ने दुश्मन के अटलांटिक विमान को गिराकर अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन किया। इसके बाद 2019 में, एक और उपलब्धि दर्ज हुई जब मिग-21 ने एक पाकिस्तानी एफ-16 को मार गिराया। यह उपलब्धि आज भी भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की शौर्यगाथा में शामिल है।

तेजस फाइटर जेट का नया युग


अब भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) अपने भविष्य की ओर अग्रसर हो रहा है, जहां मिग-21 लड़ाकू विमान के बाद तेजस फाइटर जेट, राफेल और सुखोई-30 जैसे लड़ाकू विमान अब वायुसेना की नई रीढ़ बनने जा रहे हैं। वहीं एयर चीफ मार्शल एपी सिंह (AP Singh) ने खुद स्वीकार किया कि मिग-21 ने इंटरसेप्टर के रूप में बेमिसाल सेवाएं दीं, लेकिन अब समय आ गया है कि- हम आधुनिक प्लेटफॉर्म जैसे तेजस फाइटर जेट (Tejas fighter jet) पर ध्यान दिया जाएगा ।


मिग-21 फाइटर जेट का गौरवपूर्ण इतिहास

बताया जा रहा है कि 1960 के दशक में शामिल हुआ मिग-21 फाइटर जेट (MiG-21 fighter jet), भारतीय वायुसेना के सबसे पुराने और शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में से एक रहा है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने इसे "गति, सादगी और प्रभावशीलता का अद्वितीय मिश्रण" बताया। वहीं उनका पहला अनुभव 1985 में तेजपुर में मिग-21 के टाइप-77 संस्करण के साथ हुआ था। साथ ही इतिहास गवाह है कि- यह मिग-21 फाइटर जेट (MiG-21 fighter jet) केवल भारत ही नहीं, बल्कि 60 से अधिक देशों की वायु सेनाओं में भी अपनी ताकत का लोहा मनवा चुका है। 11,000 से अधिक मिग-21 विमानों का निर्माण किया गया, जो इसे दुनिया का सबसे ज्यादा बनाया गया सुपरसोनिक फाइटर जेट (supersonic fighter jet) बनाता है।


ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

Comment / Reply From

Vote / Poll

क्या राजस्थान मे बेरोजगारी का मुद्दा खत्म हो चुका है ..

View Results
Yes
9%
No
91%

Talk to us?