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राइजिंग राजस्थान समिट से पहले बुजुर्ग एनआरआई ने लगा दिए गंभीर आरोप

राइजिंग राजस्थान समिट से पहले बुजुर्ग एनआरआई ने लगा दिए गंभीर आरोप

 

राजस्थान में एसीबी ऑफिस के बाहर एक 92 साल के बुजुर्ग एनआरआई व्यक्ति धरने पर बैठ गए। ऐसे में राजस्थान में होने वाले इन्वेस्टमेंट समिट से पहले ये मामला काफी सुर्खियों में आ गया। दरअसल एक तरफ राजस्थान सरकार निवेशकों को लुभाने के लिए 9 दिसंबर से राइजिंग राजस्थान निवेश सम्मेलन कर रही है, वहीं दूसरी ओर एक 92 साल के एनआरआई न्याय के लिए एसीबी दफ्तर में धरना देने को मजबूर हो गये हैं। आरोप है की ये मामला 1997 में ऐसे ही एक निवेश सम्मेलन से जुडा हुआ है। उस दौरान उन्होंने यहां रियायती दर पर जमीन लेकर बड़ा निवेश किया था, लेकिन अब उसी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया है।  ये बुजुर्ग इस मसले को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से भी मुलाकात कर चुके है लेकिन इंसाफ नहीं मिलने पर सीधे एसीबी दफ्तर पहुंच गए।

 

 

इंसाफ की गुहार लगा रहे डॉ खरे

जानकारी के अनुसार करीब 5000 करोड़ की लागत से 92 साल के एनआरआई डॉ. राज ईश्वर खरे ने साल 1997 में तत्कालीन सीएम भैरो सिंह शेखावत की सरकार के दौरान एनआरआई प्रोजेक्ट के तहत अमेरिका से आकर उन्होंने यहां अपोलो एनीमल मेडिकल ट्रस्ट ग्रुप बनाकर पशु चिकित्सा शिक्षा देने के लिए कॉलेज खोला था। इसके लिए सरकार की तरफ से उन्हें 28 बीघा 27 बिस्वा जमीन भी इसके लिए रियायती दर पर दी थी। उन्होंने इस पशु शिक्षा केंद्र की शुरुआत करते हुए विद्यार्थियों को संस्थान में प्रवेश भी दे दिया था। 2013 में दूल्हेराम मीणा और दो अन्य लोग उनके साथ जुड़कर ट्रस्ट के सदस्य बने और करोड़ों रुपये गबन कर लिए। जिसकी पहली शिकायत 2019 में कानोता पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई गई। अनुसंधान में आरोपों को प्रमाणित भी माना लेकिन कारवाई आगे नहीं बढ़ पाई। इसके बाद 2024 में फिर से धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया, लेकिन उस पर भी जांच अटकी रही। ऐसे में 92 साल के बुजुर्ग इंसाफ के लिए आज सीधे झालाना स्थित एसीबी दफ्तर पहुंच गए और कार्रवाई को आगे बढाने के लिए धरना देने लगे।

 

 

एसीबी ऑफिस पहुंचे मंत्री

उधर, जब इस मामले की खबर मिली तो भजनलाल सरकार के कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा भी डॉ खरे के साथ हो लिए। उन्होंने करीब 20 दिन पहले सीएम भजनलाल से बुजुर्ग डॉ खरे को मिलवाया और जब जांच आगे बढ़ती नहीं दिखी तो आज वे खुद उनके साथ एसीबी के दफ्तर पहुंच गए। उन्होंने 92 साज के एनआरआई निवेशक के प्रति असवेदंशीलता के लिए अपनी ही सरकार पर तंज भी कसा। उन्होंने कहा की इनका कब्जा हटाकर सरकार को एक अच्छा मैसेज देना चाहिए।

एसीबी ने तीनों आरोपियों की गिरफ़्तारी के आदेश दे रखे हैं, एकाउंट भी सील कर रखा है। अमेरिका से निवेश के लिए आये ये बुजूर्ग 92 साल की उम्र में एसीबी के दरवाजे पर खड़े हैं, मैं इसे उचित नहीं मानता हूं। मैं तो मंत्री हूं, मुख्यमंत्री ही बता सकते हैं की ये एनआरआई परेशान क्यों हैं? इसी मामले पर बीजेपी नेता और पूर्व उप राष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के नाती अभिमन्यु सिंह राजवी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरीए किरोड़ी लाल मीणा को धन्यवाद दिया है। अभिमन्यु ने लिखा की डॉ खरे साहब कुछ दिन पहले मुझसे मिलने निवास पधारे थे । मेरी बहुत इच्छा थी की श्रद्धेय शेखावत साहब के आह्वान पर अपने करोड़ों की संपत्ति राजस्थान में निवेश करने वाले डॉक्टर खरे साहब की सहायता करूँ । हम इनकी सहायता के लिए विदेश मंत्री से संपर्क कर रहे थे । लेकिन आज जब देखा की इनके हक़ की लड़ाई किरोड़ीलाल मीणा लड़ रहे हैं तो बहुत संतोष हुआ । और हैं भी कितने… बिना स्वार्थ के असहायों की सहायता करने वाले । आभार डॉक्टर किरोड़ी लाल जी … अपने गुरु शेखावत साहब को एक और गुरु दक्षिणा भेंट करने के लिए ।

 

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