Rajasthan Resident Doctors Strike : मौसमी बीमारियों का छाया कहर, रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल जारी, हड़ताल बनी मरीजों के परेशानियों का सबब
- Anjali
- October 14, 2024
Rajasthan Resident Doctors Strike : राजस्थान में मौसमी बीमारियां एक गंभीर समस्या बनती जा रही हैं। इस बीच रेजिडेंट डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रहे हैं। जिसके चलते रेजिडेंट्स राज्य सरकार से पूर्व में किए गए समझौतों को लागू करने की मांग कर रहे हैं। आज प्रदेशभर में रेजिडेंट डॉक्टर दो घंटे का कार्य बहिष्कार कर रहे हैं। वहीं मरीजों की जान पर आन पड़ी है. हालांकि अभी इमरजेंसी सेवाओं को हड़ताल में इनवोल्व नहीं किया गया है। लेकिन अगर रेजिडेंट डॉक्टर्स की मांगें जल्दी नहीं मानी गईं, तो इमरजेंसी सेवाओं का भी हड़ताल के दायरे में आना मरीजों के लिए एक बड़ा खतरा होगा।
राजधानी जयपुर में करीब एक सप्ताह से चल रही रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल का दायरा अब पूरे प्रदेश में फैल गया है। आज प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट 2 घंटे का कार्य बहिष्कार कर रहे हैं। जयपुर के SMS अस्पताल में बीते मंगलवार से चल रही इस हड़ताल के बावजूद अभी तक सरकार की ओर से रेजिडेंट डॉक्टर्स के लिए कोई स्टेंड नहीं लिया गया है। इस पर रेजिडेंट्स डॉक्टर्स की ओर से सदबुद्धि यज्ञ भी किया गया था।
इमरजेंसी सेवाएं जारी
जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स के अध्यक्ष डॉ.मनोहर सियोल ने बताया कि पिछली हड़ताल को बीत करीब 45 दिन हो चुके हैं। इस बीच कुछ दिन पहले भी सरकार को पुराने समझौते की मांगों को लागू करने का अल्टीमेटम दिया गया था। इसके बावजूद सरकार की ओर से किए गए वादे और मांगें अभी तक पूरी नहीं की गई है। इसके विरोध में रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने इलेक्टिव सेवाएं बंद कर दी है। वहीं इमरजेंसी सेवाओं को यथावत चालू रखा गया है।
ओपीडी में मरीज हुए परेशान
तीन दिन के अवकाश के बाद सोमवार को बड़ी संख्या में मरीज दिखाने के लिए जेएलएन अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे थे। लेकिन रेजिडेंट डॉक्टर्स ने सोमवार को 2 घंटे के कार्य बहिष्कार रखा था। कार्य बहिष्कार के कारण ओपीडी में मरीजों की भीड़ लगी रही। सीनियर्स डॉक्टर्स के द्वारा व्यवस्था को संभाल गया। लेकिन भीड़ के कारण घंटो तक मरीजों को इंतजार करना पड़ा।
मांगें पूरी ना होने पर आंदोलन की चेतावनी
रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने कहा कि वर्तमान में राजस्थान का स्टायपेंड आस-पड़ोस के सभी राज्यों से कम है। इसके अलावा वर्तमान में अकादमिक एसआर की तनख्वाह गैर-अकादमिक एसआर से कम है। उन्होंने कहा कि पिछली हड़ताल के दौरान राज्य सरकार ने सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। लेकिन अभी तक उन पर कोई काम नहीं किया है। रेजिडेंट्स डॉक्टर्स का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
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