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अमेरिकी टैरिफ पर रूस में भारत के राजदूत का दो टूक जवाब,

अमेरिकी टैरिफ पर रूस में भारत के राजदूत का दो टूक जवाब, "जहाँ सस्ता मिलेगा हम वहीं से तेल खरीदेंगे"

India US trade relations 2025 के बीच तनाव बना हुआ है। अमेरिकी डोनाल्ड ट्रंप सरकार (Donald Trump Government) ने भारत (India) पर टैरिफ को लेकर लगातार दबाव बना रहे हैं। खुद रूस से व्यापार करने वाला अमेरिका इस बात से नाराज है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद नहीं कर रहा है। इस बात पर अमेरिकी सरकार ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। भारत ने अमेरिका के दबाव में आने की बजाय भारत ने अपना रुख साफ़ करते हुए कहा है कि "जहां तेल के लिए सबसे अच्छा सौदा मिलेगा, हम तेल वहीं से ख़रीदेंगे।

 

India oil import policy 2025 को लेकर रूस (Russia) में भारत के राजदूत विनय कुमार (Vinay Kumar) ने एक इंटरव्यू में अमेरिका को दो टूक में जवाब देते हुए कहा कि "भारतीय कंपनियां महंगा तेल नहीं खरीदेंगी। हमारी पॉलिसी साफ है। भारतीय कंपनियां वही सौदा चुनेंगी, जो उनके लिए फायदेमंद होगी। '' विनय कुमार ने इंटरव्यू में आगे कहा कि, रूस और अन्य देशों के साथ भारत का सहयोग ग्लोबल ऑयल मार्केट को स्थिर करने में मदद करता है। भारत की प्राथमिकता अपने 140 करोड़ लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

 

बता दें कि अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, जो 27 अगस्त से लागू हो जाएगा। पिछले दिनों अमरीकी राष्ट्रपति ने जुलाई में भारत पर 25% टैरिफ लगा चुके हैं, जिससे आने वाले दिनों में भारतीय सामान के आयात पर अमेरिका में 50% टैरिफ देना होगा।

 

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भारत, देश चीन के बाद रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। यूक्रेन युद्ध से पहले भारत रूस से सिर्फ 0.2% (68 हजार बैरल प्रतिदिन) तेल आयात करता था। मई 2023 तक यह बढ़कर 45% (20 लाख बैरल प्रतिदिन) हो गया, जबकि 2025 में जनवरी से जुलाई तक भारत-रूस तेल व्यापार बढ़कर 17.8 लाख बैरल हो गया है।


इससे पहले India oil import policy 2025 को लेकर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी अमेरिकी टैरिफ नीति की आलोचना करते हुए इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम 2025 में कहा था कि अगर आपको भारत से तेल या रिफाइंड उत्पाद खरीदने में दिक्कत है, तो मत खरीदिए। कोई मजबूरी नहीं है। अमेरिका टैरिफ नीति पर दोहरा रवैया अपना रहा है। रूस से सबसे अधिक तेल खरीदने वाला चीन देश है, लेकिन अमेरिका ने कोई टैरिफ नहीं लगाया गया। भारत अपने लोगों और अपनी अर्थव्यवस्था के हित में वही करेगा जो सही होगा।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करे: The India Moves

 


Frequently Asked Questions


Q1. अमेरिकी टैरिफ पर रूस में भारत के राजदूत ने क्या कहा?
Ans. अमेरिकी टैरिफ पर रूस में भारत के राजदूत ने कहा "भारतीय कंपनियां महंगा तेल नहीं खरीदेंगी। हमारी पॉलिसी साफ है। भारतीय कंपनियां वही सौदा चुनेंगी, जो उनके लिए फायदेमंद होगी।''

 

Q2. भारत सस्ता तेल किन-किन देशों से खरीदता है?
Ans. भारत वर्तमान में रूस से सस्ता तेल खरीदता है। इसके अलावा,  इराक, सऊदी अरब, UAE, कुवैत और नाइजीरिया जैसे देशों से सस्ता तेल खरीदता है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। 

 

Q3. रूस से भारत को तेल खरीदने का क्या फायदा है?
Ans. रूस से भारत तेल सस्ते दामों में खरीदता है। अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर दे तो, महंगे दामों पर खाड़ी देशों और दूसरे सप्लायर्स से तेल खरीदना पड़ेगा।

 

Q4. क्या भारत अमेरिकी टैरिफ के बावजूद रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा?
Ans. हां, भारत की पॉलिसी के अनुसार, भारत अमेरिकी टैरिफ के बावजूद रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा।

 

Q5. क्या भारत अपनी तेल आयात नीति में बदलाव कर सकता है?
Ans. हाँ, भारत अपनी तेल आयात नीति को कई कारकों के आधार पर बदल सकता है, जैसे कि आर्थिक व्यावहारिकता, मूल्य निर्धारण में बदलाव और भू-राजनीतिक जोखिम आदि।

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