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एस. जयशंकर का ट्रंप पर जवाब: रूसी तेल पर 50% टैरिफ को बताया दोहरा मापदंड

एस. जयशंकर का ट्रंप पर जवाब: रूसी तेल पर 50% टैरिफ को बताया दोहरा मापदंड

ट्रंप का भारत पर टैरिफ फैसला और जयशंकर की प्रतिक्रिया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा रूसी तेल पर 50% टैरिफ लगाने के फैसले ने भारत-अमेरिका संबंधों में नई खटास पैदा कर दी है। विदेश मंत्री (S. Jaishankar) एस. जयशंकर का ट्रंप पर जवाब बेहद तीखा रहा, जब उन्होंने साफ कहा कि भारत पर लगाए जा रहे टैरिफ और प्रतिबंधों की दलीलें अगर सही हैं तो यही नियम चीन पर क्यों लागू नहीं होते? जयशंकर ने याद दिलाया कि रूस से सबसे ज्यादा तेल आयात चीन करता है, लेकिन उस पर किसी तरह का टैरिफ नहीं लगाया गया। भारत को निशाना बनाने वाले इस फैसले को उन्होंने पूरी तरह से अनुचित और पक्षपाती करार दिया।

 

विदेश मंत्री ने यूरोप और अमेरिका पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अगर इन देशों को रूस से तेल खरीदने पर आपत्ति है, तो वे खुद न खरीदें। लेकिन सच्चाई यह है कि यूरोप और अमेरिका दोनों ही रूस से तेल और उसके उत्पाद लेते हैं। ऐसे में भारत को टारगेट करना एकतरफा और अनुचित है। जयशंकर ने कहा कि ट्रंप का भारत पर टैरिफ फैसला केवल व्यापार का मामला नहीं है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय राजनीति और रणनीतिक दबाव का हिस्सा है। उन्होंने दो टूक कहा कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए किसी की मध्यस्थता या दबाव को स्वीकार नहीं करेगा।

 

अमेरिका भारत व्यापार विवाद और भारत की नीति

यह पूरा मुद्दा एक बड़े अमेरिका भारत व्यापार विवाद की तरफ इशारा करता है। एस. जयशंकर (S. Jaishankar)  ने साफ किया कि भारत अपनी ‘रणनीतिक स्वायत्तता’ से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन का यह रवैया दुनिया के लिए नया है क्योंकि कभी भी किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने विदेश नीति को इतनी सार्वजनिक और कठोर शैली में नहीं चलाया था। सिर्फ व्यापारिक मुद्दों पर टैरिफ लगाना समझ में आता है, लेकिन गैर-व्यापार मुद्दों को लेकर टैरिफ थोपना किसी भी तरह से सही नहीं है। यही कारण है कि भारत ने स्पष्ट संदेश दिया है कि वह अपनी नीति और अपने हितों से पीछे नहीं हटेगा।

 

एस. जयशंकर का ट्रंप पर जवाब केवल टैरिफ तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत-पाकिस्तान संबंधों में कभी किसी बाहरी देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की गई है और यह नीति आगे भी जारी रहेगी। साथ ही उन्होंने चीन के साथ संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना बातचीत की पहली शर्त है। उन्होंने गलवान संघर्ष को कठिन दौर बताते हुए कहा कि भारत चीन से भी कठोर सवाल पूछता रहा है और व्यापार घाटे पर लगातार चिंता जताई है।

 

भारत का यह रुख साफ करता है कि चाहे बात रूसी तेल पर 50% टैरिफ की हो, ट्रंप का भारत पर टैरिफ फैसला हो या फिर किसी अन्य अमेरिका भारत व्यापार विवाद की, भारत अपनी नीतियों और हितों पर मजबूती से खड़ा रहेगा। जयशंकर ने कहा कि यदि किसी को भारत की ऊर्जा नीति पर ऐतराज है तो यह उनका निजी मुद्दा है, लेकिन भारत अपने लोगों और अपनी अर्थव्यवस्था के हित में वही करेगा जो सही होगा।

 

 

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Frequently Asked Questions 

 


Q1. ट्रंप ने भारत पर टैरिफ क्यों लगाया?
Ans. रूस से तेल आयात पर 50% टैरिफ लगाकर भारत को रणनीतिक दबाव में लाने की कोशिश की गई।

Q2. एस. जयशंकर ने ट्रंप के फैसले पर क्या प्रतिक्रिया दी?
Ans. उन्होंने इसे पक्षपाती और अनुचित बताते हुए चीन को टैरिफ से बाहर रखने पर सवाल उठाया।

Q3. भारत की ऊर्जा नीति पर जयशंकर का क्या रुख है?
Ans. भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों पर किसी बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं करेगा।

Q4. क्या यह सिर्फ व्यापारिक मुद्दा है?
Ans. नहीं, जयशंकर ने इसे अंतरराष्ट्रीय राजनीति और रणनीतिक स्वायत्तता से जुड़ा बताया।

Q5. भारत ने अमेरिका को क्या संदेश दिया?
Ans. भारत अपनी नीति और हितों से पीछे नहीं हटेगा, चाहे टैरिफ हो या मध्यस्थता का मुद्दा।

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