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Relationship : बच्चों की परवरिश में ग्रैंड पेरेंट्स को क्यों अहम बता रहे हैं साइकोलॉजिस्ट

Relationship : बच्चों की परवरिश में ग्रैंड पेरेंट्स को क्यों अहम बता रहे हैं साइकोलॉजिस्ट



Relationship : ऐसे परिवारों में बड़ों का होना बहुत ही आवश्यक होता है जहां पर बच्चे हों। बच्चों के लिए उनके परिवार मे माता-पिता के अलावा दादा-दादी का होना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। जब कभी हमसे अपने बचपन की सबसे प्यारी यादों के बारे में पूछा जाता है। तो हम अक्सर अपने ग्रैंड पेरेंट्स के साथ बिताए पलों को याद करते हैं। चाहे वो उनके द्वारा हमें खाने-पीने की चीजें देना हो, साथ में खेलना हो, मेला दिखाना हो, कहानियां सुनाना हो या अपने अनुभव बताना हो। इन सभी चीजों ने हमें काफी कुछ सिखाया है।

 

लेकिन आज के दौर में एकल परिवार का चलन तेजी से बढ़ रहा है। इससे कई बदलाव आ रहे हैं, जैसे कि जीवनशैली में परिवर्तन और सामाजिक संरचना में बदलाव। ऐसे में बच्चों के देखभाल में ग्रैंड पेरेंट्स की भूमिका काफी कम हो गई है। एकल परिवारों में बच्चों को अपने ग्रैंड पेरेंट्स का प्यार नहीं मिल पाता। माता-पिता के काम पर चले जाने के बाद उन्हें अक्सर अकेले रहना पड़ता है। इसलिए आज रिलेशनशिप कॉलम में हम ग्रैंड पेरेंट्स और ग्रैंड किड्स के अनूठे संबंध के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि बच्चों का अपने ग्रैंड पेरेंट्स के साथ समय बिताना क्यों जरूरी है?

 

ले रहे हैं आधुनिक तकनीक का सहारा
आज एकल परिवार के बढ़ते चलन के कारण ग्रैंड पेरेन्ट्स अपने घरों से दूर नहीं जाने की जिद अकेले होते जा रहे हैं। फिर भी उनके नाती-पोतो को उनकी जरुरत होती है। इस बात को वो भी महसूस करते है इसलिए आधुनिक तकनीक व्हाट्सएप, स्काइप के सहारे अगली पीढ़ी के साथ जुड़ रहे है।

 

बच्चों के जीवन में ग्रैंड पेरेंट्स की भूमिका
दादा-दादी और नाना-नानी बच्चे के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बच्चों के जीवन में ग्रैंडपेरेंट्स की भूमिका अनमोल होती है। वे न केवल बिना शर्त प्यार और समर्थन प्रदान करते हैं, बल्कि अपने अनुभव और धैर्य के माध्यम से बच्चों को सुरक्षा और स्थिरता का एहसास भी कराते हैं। दादा-दादी पारिवारिक कहानियों, परंपराओं और रीति-रिवाजों को साझा करके बच्चों में सांस्कृतिक पहचान को विकसित करते हैं। इसके साथ ही, वे अपने जीवन के अनुभवों से नैतिक और सामाजिक मार्गदर्शन प्रदान करते हैं, जो बच्चों के विकास में महत्वपूर्ण होता है। माता-पिता की तरह ही उनका प्यार भी बिना किसी शर्त के होता है। वे बच्चों को यह महसूस कराने में मदद करते हैं कि उनकी बात सुनी और समझी जा रही है। ग्रैंड पेरेंट्स बच्चों के पहले दोस्त होते हैं और उनके सबसे शुरुआती रिश्तों में से एक होते हैं। माता-पिता को अपने बच्चों को अपने ग्रैंड पेरेंट्स के साथ पर्याप्त समय बिताने देना चाहिए क्योंकि वे उनसे बहुत कुछ सीख सकते हैं। यह उनके इमोशनल ग्रोथ के लिए महत्वपूर्ण है।

 

ग्रैंड पेरेंट्स के साथ बच्चों का क्वालिटी टाइम स्पेंड करना जरूरी क्यों?
दादा-दादी और नाना-नानी के साथ बच्चों के क्वालिटी टाइम बिताने के महत्व को हम नकार नहीं सकते। जो बच्चे अपने ग्रैंड पेरेंट्स के साथ समय बिताने का मौका पाते हैं, वे उनसे ऐसी चीजें सीखते हैं, जो उनके जीवन में हमेशा काम आती हैं।

 

इंडिपेंडेंट सिस्टम रिसर्च, एजुकेशन एंड इनोवेशन ग्रुप ‘द लिगेसी प्रोजेक्ट’ के एक रिसर्च के मुताबिक, ग्रैंड पेरेंट्स बच्चों के इमोशनल और सोशल ग्रोथ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ग्रैंडकिड्स के साथ बिताया गया समय ग्रैंड पेरेंट्स के लिए भी लाभदायक है। इससे उन्हें अपने वैल्यू को साझा करने, एक्टिव रहने और बचपन के खेल की खुशियों को फिर से जीने का मौका मिलता है। अमेरिकन कल्चरल एन्थ्रोपोलॉजिस्ट और लेखक मार्गरेट मीड ने ग्रैंड पेरेंट्स के प्यार के बिना मनुष्य को अधूरा बताया है।

 

दुनिया के बेस्ट टीचर्स में से एक होते हैं ग्रैंड पेरेंट्स
प्रसिद्ध अमेरिकी लेखक और मास्टर कम्युनिकेटर डॉ. चार्ली डब्ल्यू शेड ने ग्रैंड पेरेंट्स को दुनिया का सबसे अच्छा टीचर बताया है। चार्ली ने अपनी लाइफ में चालीस से अधिक किताबें और नेशनल लेवल पर सिंडिकेटेड कॉलम लिखे हैं।

 

ग्रैंड पेरेंट्स के लिए भी लाभदायक है बच्चों से जुड़ना
बच्चों के लिए दादा-दादी और नाना-नानी के साथ रहना जितना अच्छा है, उतना ही ये ग्रैंड पेरेंट्स के लिए भी फायदेमंद है। इससे उनके अकेलेपन और एंग्जाइटी जैसी समस्याओं से पीड़ित होने की संभावना कम होती है।

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