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India & China: भारत-चीन सीमा पर पहला पेट्रोलिंग राउंड सफल, दोनों देशों के बीच हुआ समझौता

India & China: भारत-चीन सीमा पर पहला पेट्रोलिंग राउंड सफल, दोनों देशों के बीच हुआ समझौता

India & China : भारत-चीन सीमा (India-China border) पर स्थित लद्दाख क्षेत्र के डेमचोक और देपसांग इलाकों में भारतीय सेना (Indian Army) की पेट्रोलिंग (patrolling) का पहला राउंड सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। 1 नवंबर को इन क्षेत्रों में गश्त की शुरुआत की गई थी, और अब तक भारतीय और चीनी सैनिकों ने बारी-बारी से पेट्रोलिंग (Patrolling) की है।

 

भारत-चीन का पहला पेट्रोलिंग राउंड
पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में भारत और चीन (India and China) के बीच चार साल से चल रहे सीमा विवाद के बाद 21 अक्टूबर को दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ। इस समझौते के तहत दोनों सेनाएं विवादित इलाकों -देपसांग और डेमचोक से अपनी-अपनी सेनाएं पीछे हटाने पर सहमत हुईं। वहीं रक्षा सूत्रों के अनुसार इन इलाकों में पेट्रोलिंग के लिए सैनिकों की एक सीमित संख्या को तैनात किया गया है, हालांकि इस संख्या के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। आपको बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 27 अक्टूबर को इस समझौते पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि सैनिकों की वापसी एक सकारात्मक पहला कदम है। उनका कहना था कि अगला कदम तनाव को कम करना होगा, जो केवल तभी संभव है जब भारत को यह विश्वास हो कि चीन भी इसी दिशा में काम कर रहा है। तनाव कम होने के बाद, दोनों देशों के बीच सीमा प्रबंधन के तरीकों पर चर्चा की जाएगी।


दोनों देश में समझौता
भारत और चीन (India and China) डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों में हुए समझौतों का पालन कर रहे हैं। दोनों देशों की सेनाओं ने पेट्रोलिंग के माध्यम से यह सुनिश्चित किया है कि डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी तरह से सफल रही है। इसके साथ ही दोनों पक्षों ने इन क्षेत्रों से सभी अस्थायी बुनियादी ढांचे को हटाने पर भी सहमति जताई है। अक्टूबर में संघर्ष प्रभावित इलाकों से सैनिकों की वापसी पर समझौता होने के बाद, नवंबर की शुरुआत में दोनों देशों ने मिलकर क्षेत्र में पहली कोऑर्डिनेटेड पेट्रोलिंग की। रक्षा सूत्रों के अनुसार, डेमचोक और देपसांग में पेट्रोलिंग के दौरान, प्रत्येक क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिक बारी-बारी से गश्त करेंगे।

 

भारत और चीन के बीच समझौते की घोषणा
21 अक्टूबर को भारत ने घोषणा की कि उसने चीन के साथ एलएसी पर गश्त को लेकर एक समझौता (agreement) किया है। जो चार साल से चल रहे सैन्य गतिरोध को समाप्त करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह गतिरोध जून 2020 में गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच घातक झड़प के बाद शुरू हुआ था। भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग इलाकों में सैन्य डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं ने पेट्रोलिंग का पहला दौर भी सफलतापूर्वक पूरा किया है। दोनों पक्षों ने इन क्षेत्रों में हर सप्ताह एक समन्वित गश्त करने पर सहमति जताई है, ताकि डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। यह समन्वय स्थानीय स्तर पर किया जाता है, और गश्त के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत के बाद तय किए जाते हैं।
वहीं बता दें कि भारत और चीन की सेनाएं डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों में हुए पूर्वी लद्दाख में समझौतों का पालन कर रही हैं, जिनका उद्देश्य सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना है। पेट्रोलिंग के माध्यम से दोनों पक्ष यह सुनिश्चित कर चुके हैं कि डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी तरह से सही तरीके से लागू की गई है। इसके साथ ही दोनों देशों ने इन विवादित क्षेत्रों से अस्थायी ढांचों को हटाने पर भी सहमति जताई है। यह सहमति यह स्पष्ट करती है कि दोनों देशों ने लंबे समय से चले आ रहे तनाव को कम करने के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाए हैं।

 

 

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