
'फादर्स डे' उस मजबूत छांव के नाम जो हमेशा साथ चलता है
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Manjushree
- June 14, 2025
एक दिन उस शख्स के नाम, जिसकी जगह कोई नहीं ले सकता
Fathers's Day 2025: हर साल जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाया जाता है। यह खास दिन दुनियाभर के पिताओं के सम्मान का प्रतीक है। फादर्स डे (Father's Day) सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि उस हर क्षण का सम्मान है जब पिता खुद को भुलाकर हमारे भविष्य को संवारने के लिए अपना पूरा जीवन देते हैं। यह दिन उन पिताओं को समर्पित होता है, जो अपने बच्चों के लिए हर पल छाया बनकर खड़े रहते हैं, बिना किसी शोर के अपने जीवन की हर खुशी उनके नाम कर देते हैं। मां जन्म देती है, तो पिता हमारे जीवन की नींव को मजबूती देने के लिए हमेशा खड़े रहते हैं।
पिता एक छाया, एक सुरक्षा कवच
जब हम जीवन की राह में लड़खड़ाते हैं, तो मां की गोद जितनी सुकून देती है, उतना ही आत्मविश्वास हमें पिता के मजबूत कंधे देते हैं। पिता अपनी भावनाओं को कम ज़ाहिर करते हैं, लेकिन उनके हर फैसले में परिवार की भलाई छिपी होती है। वे ऊपर से सख्त दिखते हैं, लेकिन भीतर से उतने ही कोमल होते हैं। साल के सभी दिन पिता का साथ सिर पर किसी छत की तरह होता है।
फादर्स डे 2025 का उद्देश्य
फादर्स डे का उद्देश्य है पिता के त्याग, समर्पण और प्रेम को सम्मान देना। आधुनिक जीवनशैली में व्यस्तता के कारण हम अक्सर उनके योगदान को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। फादर्स डे हमें यह अवसर देता है कि हम उनके लिए आभार प्रकट करें और उनके लिए दिन को खास बनाएं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि पिता भी एक खास भूमिका निभाते हैं। वे न सिर्फ घर चलाने वाले होते हैं, बल्कि बच्चों के जीवन के पहले मार्गदर्शक और हीरो भी होते हैं। यह दिन दुनियाभर में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, लेकिन तारीख ज्यादातर देशों में एक ही होती है।
कैसे मनाएं फादर्स डे 2025?
- पिता को एक धन्यवाद पत्र या कार्ड लिखें।
- उनके साथ समय बिताएं, पुरानी यादें ताजा करें।
- पिता के संग आप पुरानी एल्बम भी देख सकते हैं।
- उन्हें मूवी डेट, शॉपिंग या फिर लंच, डिनर पर भी ले जा सकते हैं
- अगर आप दूर हैं, तो एक फोन कॉल भी उनका दिन बना सकता है।
- उनके लिए कुछ खास पकाएं या छोटा सा गिफ्ट दें।
जो कहते नहीं, बस करते हैं - के नाम कुछ पंक्तियां
पिता नाम है त्याग का, सहनशीलता की मिसाल है,
मौन रहकर भी जो अपने प्यार से सब कुछ कह जाता है।
बचपन की ऊंगली थाम कर जो हमें चलना सिखाता है,
हर मोड़ पर चुपचाप हमारे पीछे खड़ा नजर आता है, वो पिता है।
पिता वो ढाल है जो आंधियों में भी खड़ा रहता है,
खुद टूटकर भी हमें संभाल लेता है।
मां ममता की छांव है, तो पिता मजबूत दीवार है,
बिना कहे जो अपनी पूरी जिंदगी हमारे लिए वार देता है।
पिता वो कहानी है जो हर बच्चे के जीवन की नींव होती है,
जिसका हर शब्द अनुभव और हर कदम मार्गदर्शन होता है।
पिता न सिर्फ पालन-पोषण में बराबर की भूमिका निभाते हैं, बल्कि वे जीवन के पहले आदर्श भी होते हैं। उनके अनुभव, परामर्श और धैर्य हमारे भविष्य की नींव रखते हैं।
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