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क्या लंबे समय तक वायरलेस हेडफोन का इस्तेमाल सुनने की क्षमता को कम कर सकता है?

क्या लंबे समय तक वायरलेस हेडफोन का इस्तेमाल सुनने की क्षमता को कम कर सकता है?

हेडफोन से कानों के लिए कितना खतरा?

 

आजकल टेक्नोलॉजी के बढ़ते दौर में वायरलेस हेडफोन और ब्लूटूथ हेडफोन का इस्तेमाल हर उम्र के लोग कर रहे हैं। काम के दौरान, पढ़ाई करते समय, ट्रैवलिंग में या फिर म्यूजिक सुनने और मूवी देखने के लिए लोग घंटों तक लंबे समय तक हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आदत आपकी सुनने की क्षमता कम होना जैसी गंभीर समस्या का कारण बन सकती है? रिसर्च बताती है कि Wireless headphones side effects को नजरअंदाज करना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।

 

सुनने की क्षमता पर असर

 

BMJ Global Health की एक रिसर्च के अनुसार, करीब 1 मिलियन यानी 10 लाख लोग लंबे समय तक हेडफोन का इस्तेमाल करने की वजह से सुनने की क्षमता खोने के खतरे में हैं। खासतौर पर 12 से 34 साल के युवा जो तेज वॉल्यूम पर म्यूजिक सुनते हैं, उनमें यह खतरा ज्यादा है। WHO के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति 8 घंटे से ज्यादा समय तक 85 डेसिबल से ऊपर की आवाज सुनता है, तो धीरे-धीरे सुनने की क्षमता कम होना शुरू हो जाती है। लगातार तेज आवाज में म्यूजिक सुनने से Noise-Induced Hearing Loss का खतरा बढ़ता है। यही वजह है कि डॉक्टर भी कहते हैं कि कानों पर हेडफोन का असर बहुत गंभीर हो सकता है।

 

केवल सुनने की नहीं, और भी समस्याएं

 

Wireless headphones side effects सिर्फ सुनने तक सीमित नहीं हैं। अगर आप लगातार वायरलेस हेडफोन या ब्लूटूथ हेडफोन लगाए रहते हैं, तो कान के अंदर पसीना और बैक्टीरिया जमने लगते हैं, जिससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, लंबे समय तक हेडफोन लगाने से कानों में लगातार सीटी या घंटी जैसी आवाज़ सुनाई देना (टिनिटस) शुरू हो सकता है। कई लोग इसकी वजह से सोने में दिक्कत और चिड़चिड़ापन महसूस करते हैं। इसलिए कहना गलत नहीं होगा कि हेडफोन से सुनने की समस्या के साथ-साथ और भी कई परेशानियां हो सकती हैं।

 

क्या लंबे समय तक वायरलेस हेडफोन का इस्तेमाल सुनने की क्षमता को कम कर सकता है?

 

क्या ब्लूटूथ हेडफोन सुरक्षित हैं?

 

कई लोग सोचते हैं कि Wireless headphones radiation सेहत पर बुरा असर डाल सकता है। NIH और FDA की रिपोर्ट के अनुसार, ब्लूटूथ हेडफोन से निकलने वाला रेडिएशन बहुत ही कम होता है, जो खतरनाक स्तर का नहीं होता। यानी कि इससे कैंसर या गंभीर बीमारी का खतरा नहीं होता। हालांकि, वैज्ञानिक अभी भी इस पर रिसर्च कर रहे हैं। फिलहाल इतना साफ है कि ज्यादा खतरा रेडिएशन से नहीं बल्कि लंबे समय तक हेडफोन का इस्तेमाल और तेज वॉल्यूम से होता है। इसलिए सवाल का सीधा जवाब है कि क्या ब्लूटूथ हेडफोन सुरक्षित हैं? – हाँ, अगर इन्हें लिमिट में इस्तेमाल किया जाए।

 

कान दर्द और सुनने की दिक्कत

 

कई बार लगातार हेडफोन पहनने से कान दर्द और सुनने की दिक्कत भी शुरू हो जाती है। खासकर उन लोगों में जो लगातार 3–4 घंटे तक वायरलेस हेडफोन लगाए रहते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि कानों को आराम न देने से ईयरड्रम पर दबाव पड़ता है, जिससे धीरे-धीरे सुनने की क्षमता कम होना शुरू हो जाती है। यही वजह है कि विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि कानों पर हेडफोन का असर कम करने के लिए बीच-बीच में ब्रेक लेना जरूरी है।

 

हेडफोन इस्तेमाल करने के सुरक्षित तरीके

 

अगर आप वायरलेस हेडफोन का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो WHO का 60/60 रूल अपनाएं। यानी कि 60% वॉल्यूम से ज्यादा पर म्यूजिक न सुनें और लगातार 60 मिनट से ज्यादा हेडफोन न लगाएं। साथ ही, Wireless headphones side effects को कम करने के लिए नॉइज कैंसिलिंग हेडफोन का इस्तेमाल करें, ताकि आपको वॉल्यूम तेज करने की जरूरत ही न पड़े। कोशिश करें कि बीच-बीच में कानों को आराम दें और अगर कान दर्द और सुनने की दिक्कत महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।


वायरलेस हेडफोन और ब्लूटूथ हेडफोन आज की लाइफस्टाइल का हिस्सा बन गए हैं, लेकिन इनका सही तरीके से इस्तेमाल करना जरूरी है। लंबे समय तक हेडफोन का इस्तेमाल करने से आपकी सुनने की क्षमता कम होना, कानों में इंफेक्शन और टिनिटस जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। हालांकि, Wireless headphones radiation का खतरा बहुत कम है, लेकिन असली नुकसान लगातार तेज वॉल्यूम पर म्यूजिक सुनने से होता है। इसलिए समझदारी इसी में है कि हेडफोन को लिमिट में इस्तेमाल किया जाए, ताकि आप बिना किसी परेशानी के म्यूजिक और टेक्नोलॉजी का मजा ले सकें।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करे: The India Moves

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