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बिहार विधानसभा चुनाव 2025, कांग्रेस की रणनीति और महागठबंधन की तैयारी

बिहार विधानसभा चुनाव 2025, कांग्रेस की रणनीति और महागठबंधन की तैयारी

जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) नजदीक आ रहे हैं, सभी प्रमुख दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ एक अहम बैठक की। इस बैठक में मुख्य रूप से बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन की बैठक (Mahagathbandhan Meeting) की रणनीति, सीटों का बंटवारा और संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा की गई है।


महागठबंधन की बैठक

बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) से पहले मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में महागठबंधन की बैठक (Mahagathbandhan Meeting) की गई । बैठक में कांग्रेस (Congress) के कई शीर्ष नेता शामिल हुए जिनमें संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार, प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू, विधायक दल के नेता शकील अहमद खान, सांसद तारिक अनवर, और नेता पप्पू यादव प्रमुख थे। वहीं बैठक के दौरान यह स्पष्ट किया गया कि पार्टी केवल जीतने वाले और जमीनी स्तर पर मजबूत उम्मीदवारों को ही चुनावी मैदान में उतारना चाहती है।

महागठबंधन की बैठक में चर्चा

बता दें कि इससे पहले भी 06 सितंबर को पटना में महागठबंधन की बैठक (Mahagathbandhan Meeting) राजद नेता तेजस्वी यादव के सरकारी आवास पर हुई थी। यह बैठक अनौपचारिक होने के बावजूद बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उसमें बिहार राजनीति (Bihar Politics) से जुड़े बड़े मुद्दों पर चर्चा हुई थी और गठबंधन को और मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए गए थे। वहीं सूत्रों के अनुसार उस बैठक में यह सहमति बनी थी कि पशुपति कुमार पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को महागठबंधन में शामिल किया जाएगा। यह फैसला बिहार (Bihar) में जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में विपक्षी दलों को कड़ी टक्कर दी जा सके।

राहुल गांधी का स्पष्ट संदेश


इस रणनीतिक बैठक के बाद राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने हमसे बिहार के तमाम मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। हमने स्पष्ट रूप से यह बात रखी कि बिहार राजनीति (Bihar Politics) में बदलाव लाने के लिए जरूरी है कि जनता से जुड़े, ईमानदार और सक्षम उम्मीदवारों को टिकट दिया जाए। इसी के साथ कांग्रेस (Congress) का यह रुख बताता है कि पार्टी अब केवल परंपरागत आधार पर नहीं, बल्कि जीत की संभावना और जनता से जुड़ाव को प्राथमिकता देते हुए टिकट वितरण करना चाहती है। यह रुख न केवल महागठबंधन की बैठक (Mahagathbandhan Meeting) में अन्य सहयोगियों के सामने एक मिसाल पेश करेगा, बल्कि इससे पार्टी के भीतर भी एक सकारात्मक संदेश जाएगा।


चुनावी तैयारियों में जुटी कांग्रेस और गठबंधन


बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) के लिए नवंबर का महीना संभावित माना जा रहा है और ऐसे में समय बहुत कम बचा है। सभी दलों ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। बिहार राजनीति (Bihar Politics) में एक नई करवट लेते हुए, कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की कोशिश है कि इस बार एक मजबूत और एकजुट चेहरा जनता के सामने पेश किया जाए। साथ ही महागठबंधन की बैठक (Mahagathbandhan Meeting) में बार-बार यह बात दोहराई जा रही है कि केवल सीटें बांटने से कुछ नहीं होगा असली जीत तभी मिलेगी जब जमीनी स्तर पर काम करने वाले नेताओं को अवसर दिया जाएगा। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) न केवल कांग्रेस बल्कि पूरे महागठबंधन के लिए एक परीक्षा है।

 

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