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भारत पर टैरिफ लगाने के बाद ट्रंप ने यूरोप से कहा- 'बंद करो रूस से तेल खरीदना'

भारत पर टैरिफ लगाने के बाद ट्रंप ने यूरोप से कहा- 'बंद करो रूस से तेल खरीदना'

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय नेताओं के साथ बैठक में रूस से तेल आयात पर रोक लगाने की सख्त चेतावनी दी है। इससे पहले वे भारत पर टैरिफ लगाने का ऐलान कर चुके हैं, जिससे वैश्विक स्तर पर उनकी आलोचना हो रही है।

 

भारत पर 50% टैरिफ और बढ़ता विवाद

ट्रंप ने हाल ही में भारत पर टैरिफ बढ़ाकर 50% करने का फैसला लिया। उनका तर्क है कि रूस-भारत तेल व्यापार से रूस को यूक्रेन युद्ध में आर्थिक मदद मिल रही है। हालांकि आलोचकों का कहना है कि यह फैसला पूरी तरह एकतरफा है और इससे भारत-अमेरिका व्यापार तनाव और गहरा सकता है।

 

यूरोपीय देश अब भी कई तरह के ऊर्जा स्रोत रूस से खरीदते हैं, लेकिन उन पर कोई कड़ा कदम नहीं उठाया गया। यही कारण है कि ट्रंप के फैसले से ग्लोबल ऑयल ट्रेड पर असमानता का आरोप लग रहा है।

 

यूरोप को चेतावनी और चीन पर दबाव

ट्रंप ने 4 सितंबर 2025 को यूरोपीय नेताओं से कहा कि रूस से तेल खरीदना बंद किया जाए। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि चीन पर आर्थिक दबाव बनाया जाए ताकि यूक्रेन युद्ध खत्म करने में मदद मिल सके। इस बैठक में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की भी शामिल थे।

 

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यूरोप ट्रंप की बात मान लेता है तो इसका असर सीधे ग्लोबल ऑयल ट्रेड पर पड़ेगा। वहीं, भारत जैसे देशों के लिए जो रूस से ऊर्जा आयात कर रहे हैं, स्थिति और जटिल हो सकती है।

 

पुतिन से बातचीत की तैयारी

ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि वे जल्द ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत करेंगे। क्रेमलिन ने भी इस बात की पुष्टि की है। हालांकि, यह बातचीत कितनी सफल होगी, इस पर संदेह बना हुआ है।

 

यदि पुतिन और ट्रंप की बातचीत से कोई समाधान नहीं निकलता, तो यह कदम भारत-अमेरिका व्यापार तनाव को और बढ़ा सकता है। साथ ही, रूस-भारत तेल व्यापार पर भी अंतरराष्ट्रीय दबाव और बढ़ सकता है।

 

रूस-भारत तेल व्यापार और वैश्विक समीकरण

वर्तमान में रूस-भारत तेल व्यापार भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रहा है। भारत का मानना है कि वह सस्ते दाम पर कच्चा तेल खरीदकर अपने नागरिकों और उद्योगों के लिए स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित कर रहा है। लेकिन अमेरिका इसे रूस के लिए आर्थिक सहारा मानता है।इसके चलते भारत पर टैरिफ लगाने से भारत और अमेरिका के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। यह स्थिति आने वाले समय में दोनों देशों के रणनीतिक रिश्तों पर असर डाल सकती है।

 

ट्रंप का यूरोप और भारत को लेकर यह दोहरा रुख अंतरराष्ट्रीय राजनीति और ऊर्जा व्यापार को जटिल बना रहा है। एक ओर भारत-अमेरिका व्यापार तनाव बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर ग्लोबल ऑयल ट्रेड में अस्थिरता पैदा हो रही है। आने वाले दिनों में ट्रंप और पुतिन की बातचीत से कुछ नई दिशा मिल सकती है, लेकिन वर्तमान परिदृश्य में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।

 

यह भी पढ़ें - CPEC की सबसे बड़ी परियोजना से चीन ने किया किनारा, पाकिस्तान को झटका!

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें: The India Moves

 

Frequently Asked Questions

 

Q1. ट्रंप ने यूरोपीय नेताओं से क्या कहा?
Ans: ट्रंप ने यूरोपीय देशों को रूस से तेल खरीदना बंद करने की सख्त चेतावनी दी।

 

Q2. भारत पर टैरिफ क्यों लगाया गया?
Ans: रूस-भारत तेल व्यापार को रोकने के लिए ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया।

 

Q3. ग्लोबल ऑयल ट्रेड पर इसका क्या असर पड़ेगा?
Ans: इससे ग्लोबल ऑयल ट्रेड में असंतुलन और कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।

 

Q4. भारत-अमेरिका व्यापार तनाव क्यों बढ़ा?
Ans: भारत पर टैरिफ लगाने और रूस से तेल खरीदने को लेकर दोनों देशों में मतभेद बढ़े।

 

Q5. क्या ट्रंप-पुतिन की बातचीत होने वाली है?
Ans: हाँ, ट्रंप ने संकेत दिया है कि वे जल्द ही पुतिन से बात करेंगे।

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